निःशन्देह गुरूजी का सामना इस दुनिया में कोई नहीं कर सकते परन्तु सामान्य लोगों के पर्चे बनने में कई महिने लग जाते हैं। दरबार में बहुत कम पर्चे बनते हैं और समय बहुत ज्यादा लिया जाता है। वीआईपी लोगों के लिए कम समय में बहुत पर्चे बनते हैं।
महाराज जी सादर प्रणाम, महाराज जी मेरे घर में कोई लोंग लगी हुई नींबू फेंक गया था मैंने अपने हाथों से उठाकर फेंक दिया था महाराज जी यह क्या तंत्र क्रिया है।