इतने फरजी मुठभेंढ हुवे है उसमे निरदोष ग्रामीण जरूर कहीं ना मारा जा रहा है लेकिन अभी तक कसी भी पुलिस के अधिकारीयों और पुलिस पर एक भी कार्रवाही नही हुवा है सबसे पहले तो अधिकारीयों पर होना चाहिए मूझे लगता ए अंधा कानून है खासकर बीजेपी के सरकार मे
ये कैसा देश है सार महत्मा गांधी ने कहा था सौ गुनेहगार छुट जाये लेकिन एक निर्दोष को फांसी नहीं होनी चाहिए लेकिन यह तो निर्दोष लोगों को पुलिस मार रहीं हैं उन्हें क्यूं सजा नहीं होती है
भाई कभी जगल में आके देखना और रह के देखना कैसे होती है बस्तर के जगल की जिंदगी शहर में रह कर बोलना आसान है जो बस्तर में रहते हैं वही जानते हैं जिदंगी इतना आसान नहीं है पोलिस का डर और माओवादियों का भी डर
Jab mavovadi hamla karte hai tab to ye gav wale ghar me ghus kar baithte hai. lekin police dvara karyavahi hote hi ganvwale tendu patta dhundane nikalte hai
Vikas bhai Malik uparwala aapki Raksha Karen Meri to bus Yahi Dua Hai Kyunki aap sacchai dikhate hain isliye Sarkar aur system aapka Dushman ho sakta hai Meri to bus Yahi dua hai ki aap sacche Man Se patrkarita Karte Rahe
ग्रामीण गन लेके घूमते है क्या वहा मेरा दोस्त भी drg मे है वो भी था उस मुठभेड़ मे उसने बताया क्या ताबड़तोड़ फायरिंग किये थे ये लोगो ने 😡ग्रामीण गोली चलते है क्या
पुलीस एकदम सही है आप पत्रकार लोग इन माओवादी का गुणगान नही करना चाहिए क्योंकि पुलीस सब तरह से जॉच कर के आपरेशन करते हैं अब वो दिन दूर नहीं जो भारत का आम आदमी आबूझमाड़ में बिना किसी भय के आ जा सकेंगे इन्होंने कांग्रेस के शासन में बहुत मजे लिए अब मोदी जी नही छोड़ेंगे
सर सुनने में आ रहा है कि उसूर क्षेत्र में 90 ग्रामीणो को ले गये है और 70 को छोड़कर बाकि 20 को रखे है ग्रामीण कैम्प में जा कर धरना दे रहे है विडिओ में बच्चो के साथ महीलायें रो रही है हमें भी कैम्प में रखो बोल रहे है । आपसे निवेदन है सच्चाई देखाये क्या हो रहा है ग्रामीण के साथ
Gramino ka jeevan jangalo me bit tha hai par kuch log saman lane le jane me bhi sath dete hai par ye nakxli nhi hai kabhi kabhi muthbed me fhas jate hai
आप व्यवस्था से इनाम हेतु घोषित नक्सलियों की लिस्ट की मांग कर सकते है, जिससे पता चल सकता कि किस किस पर इनाम घोषित। इससे निर्दोष ग्रामीणों की जान बच सकती है और फर्जी मुठभेड़ों पर भी रोक लगाई जा सकती है।
आखिर , हर मुठभेड़ में मारे गए नक्सली में से कुछ को ग्रामीण बताई जाती है । कुछ में नक्सली खुद , ब्यान देकर पुष्टि करते हैं । आखिर नक्सली और ग्रामीण में अंतर कैसे जी जाय। हांलकी ग्रामीण दोनों तरफ से पिसे जा रहें हैं ।
Gaab wale kabhi nakshali ko nakshali thodi bolenge, nakshali b to unke ghr se hota hai unko to masoom lagega na,kaon bolta hai gav k log sidhe hote hai ,,, crime k mastermind hai ye log
"The most profound battles are fought not on the battlefield, but in the hearts and minds of those who strive to protect their rights against all odds."
पुलिस के पास पहले से भरमार बंदुक रहाता है और उसको मिडिया के आने से पहले लास सौव के जगह सो कर देता है तब जाकर मिडिया को प्रमिशन मिलता तब मिडिया रिपोटिंग करता है सचाई ए है
Tivari Bhaiya police officer logo Ke pass jo naxasliyo ka jo list hai vo sarvaadivasi samaj ko kyu dena ya dikhana NH chahte hai es saval ko kabhi naita Logo ya police officer logo se puchiye
Aaa gaya farziii encounter batane wala. Tiwari ke hisaab se jab tak desh ke jawaaan na mare jaye isko har encounter farzi hi lagta hai. Moist se setting hai iski😢
कभी कभी आपकी रिपोर्टिंग माओवादी को कवर फायर देती है, आपको हमेशा सोंदेह फोर्स पोर होती है और माओवादी, गांव वालों को मासूम लगता है, उनकी बात सच्ची लगती है
Aap bhi ek naxali hi h isiliye inke side bolte h sir ....hmesha farzi encounter h bolte h ....jb koi naxali hi nhi h ...toh phir kaise jawan sahid ho rhe h ....unke family se baat krke dekhiyega ki unko kitna taklif hota h jb unka beta , pati ,bhai sahid hota h 😢😢
तिवारी जी अभी कितने मावोवादी पर ईनाम घोषित हैं ?????राज्य सरकार या पुलिस विभाग खुल कर कभी नहीं बताया हैं मरने के एनकाउंटर के बाद ग्रामीण हो या नकस्लियो के मरने के बाद पता चलता
@@BastarTalkiesजवानो पर आपको विश्वास करना पडेगा सर कयोंकि जवान पड लिखकर नोकरी लगते हे।वो गोली चलाना पहले से हि सीखकर जाते है।वो क्यो बेकसूर को मारेंगे ।
Tiwari ji ek baat aap se puchhna tha thhik h koi baat nhi Aap jawano sath ho ya maobadi k sath ho lekin ek second maobadi k sath jo mare gaye kya kr rhe the wahan pe jawab do tiwari ji