" दोनों खेत की दशा देख रहे थे |मुन्नी के मुख पर उदासी छाई थी, पर हल्कू प्रसन्न था |मुन्नी ने चिंतित होकर कहा, 'अब मजूरी करके मालगुजारी भरनी पड़ेगी |'
हल्कू ने प्रसन्न मुख से कहा, ' रात को ठंढ में यहाँ सोना तो न पङेगा |' "
'पूस की रात' || a story by मुंशी प्रेमचंद || स्वर- आशा रघुदेव
उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद
बचपन का नाम - धनपतराय श्रीवास्तव
उर्दू रचनाओं में नाम - नबाब राय
जन्म - 31 जुलाई, 1880 . लमही ग्राम, वाराणसी
अवसान - 8 अक्टूबर, 1936
पेशा - लेखक, अध्यापक पत्रकार
माता का नाम - आनंदी देवी
पिता का नाम- अजायब राय
पत्नी - शिवारानी देवी 1906-1938
पुत्र - अमृत राय, श्रीपथ राय
पुत्री - कमला देवी
रचनाएँ :-
उपन्यास -
गबन
गोदान
गोदान
रंगभूमि
कर्मभूमि
सेवासदन, मानसरोवर
प्रमुख कहानियाँ -
पूस की रात
कफन
नमक का दारोगा
बूढ़ी काकी
पंच परमेश्वर
इदगाह
दो बैलों की कथा
बङे घर की बेटी
प्रेमचंद द्वारा लिखी अनगिनत उपन्यास और कहानियाँ हैं सबके नाम यहाँ नहीं लिखा जा सकता |
उनकी रचना की भाषा हिन्दी और उर्दू है ।
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20 янв 2024