" विशेष प्रसारण" प्रवचन सरिता ,भोपाल (मध्यप्रदेश)- दिवस -1 | पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज के श्रीमुख से #AvdheshanandG_Quotes #AvdheshanandG #pravachan #lifestyle #Shorts # Discourses
कि। यह। ( राम। रस ।) है। ही। ऐसा ।कि। चितवन और चित। कथामृत की। तलाश में। जीव जगत में भी। रामरस के बिना ! पाकशाला,ओर पाचक, सब।निष्क्रिय ही तो है ।स्वाद ! यानि। रामरस ।दान्डी यात्रा,,,,
साधन ,और। संग्रह में। ही। बस। लगे रहें हम ।यह ठीक नहीँ। ।कि। बस। सुविधाएं। जुटाई जा रही हैं और ( दूविधाऐ बढ़ती चली जा रही हैं) ।आज का मानव लोकल। में भी। परेशान है। और। METRO. हैरान,,,बुलेट? में क्या। होगा??? ईशवर ही। जानता। है। अतः संतोष,,,,,