मर्यादा पाँव में कब तक जंजीर डालेगी, माथे पर तिलक लगाकर चला करो, यहीं पहचान दुश्मन का कलेजा चीर डालेगी ! जय जय श्री राम। जय श्री बाबा महाकाल सरकार। आर पी चतुर्वेदी।
मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में हम भेदभाव कभी नहीं देखते भगवान के लिए सभी भक्त एक समान हैं हमें भी न्यौंता नहीं भेजा गया हैं कोई बात नहीं लेकिन हम इस बात से अनजान नहीं कि भगवान का मंदिर पहले से कनक भवन में प्राण प्रतिष्ठित हैं साथ ही हमारें हृदय में विराजमान भगवान के दर्शन प्रतिपल हैं यह आवश्यक भी नहीं कि हम हृदय चीर कर दिखला दें हनुमान जी से बड़े कोई भक्त भी नहीं। धरती पर जिन भक्तों को न्यौता नहीं गया वो यह ना समझें कि उन्हें बुलाया नहीं गया भगवान के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दर्शन दूरसंचार के माध्यम से करें व अपने समीप के ही राममंदिर व हनुमान मन्दिर में जाए और किसी वजह से भी जाने में भी असमर्थ रहतें हैं उन तक भी ईश्वर का आशीर्वाद पंहुचता रहा पंहुचता रहेगा प्रजावत्सल भगवान को अपनी प्रजा पुत्रवत प्रिय हैं। हमारें व अपनों के बीच ही भगवान सदा से हृदयपटल पर विराजमान थें हैं और सदा रहेंगें इसलिए ईर्ष्या कैसे पैदा हो भक्त के हृदय में भगवान के प्रति ऐसा भगवान ने कभी नहीं चाहा हैं भक्त भगवान तक पहुंचते हैं तो भगवान भी भक्त के समीप ही रहें हैं दूर नहीं भगवान जगत चेतना कण-कण रमणता हीं हैं🪔🕉🌞🌏🌝🪐🌈🐚✌️🔱🏹⚔️🐓🦜🦚🦅🦉🕊🦢⚖️🐳🐍🐢🐗🐯🦁🫎🐏🐘🦄🐕🐰🐁🐱🐒🦍👣🚩📿🔔🪷🌺🌷⚘️🌹🏵💮🌸🌼🏵🌻💐🦋🙏🪔🎉🎉🎉उस समय हनुमान जी की पुंछ में आग लगाई गई थी लंकापुरी और लंकेश का उसकी आसुरी सेना का का क्या हुआ यह सारी दुनिया जानती भी हैं इसके बावजूद पुनः आसुरी शक्तियों ने भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार, पंचमहाभूत - अग्नि,पृथ्वी,जल,वायु,आकाश को भी विकृत करने हेतु विभिन्न प्रयोगों के माध्यम सें अपनी कलि लीला आरम्भ कर दी। कलि राक्षस और उसकी आसुरी सेना नें इस बार कलियुग में बहुत बड़ी गलती हमारी पुंछ में ही आग लगाकर कर दी अब इस बात पर हनुमान जी महाराज पर कंही नाराज हो जाए कि हम वैश्विक स्तर पर उनकी और इस आग्रह सें प्रार्थना कर रहें की वो स्वर्णलंका भस्म का ज्ञान हमें भी प्रदान करें जिससे कलियुग के कलि राक्षस और उसकी सेना को समाप्त कर वेदो की व प्रकृति की रक्षा पंच महाभूतों की रक्षा कर सकें। कलि राक्षस को समाप्त कर धरती को उसके पापों और अत्याचारों से मुक्त कराकर पुनः सनातन वैदिक युग सतयुगीन व्यवस्था को सृष्टि के धरातल पर उतार कर पुर्नस्थापित कर सकें इस महत्वपूर्ण कार्य में समस्त चिरंजीवी,सप्तऋषि,महादेव महादेवी जी हमें सहयोग करें साथ ही धरती के जितने भी मनुष्य कलि राक्षस के युग की पीड़ा यातनाओं से ग्रसित हैं और स्वयं के लिए स्वर्णिम युग सतयुग चाहतें हैं इस युद्ध में उतरें व विजय प्राप्त करें। इस सृष्टियज्ञ में अपनी और हवन करें आहुति प्रदान कर पंचमहाभूतों को पुनः शुद्ध करने हेतु वैश्विक स्तर पर वैदिक अग्नि को प्रज्वलित करनें का कार्य सनातन वैदिक संस्कृति के अनुसार अपने -अपने गुरुजनों की देखरेख में प्रारम्भ करें समस्त सम्मानीय गुरुजनों एवं भक्तगण इस विषयान्तर्गत एक रुपरेखा तैयार करें जो कि 30 मार्च 2025 से सतयुग प्रारम्भ की सर्वसम्मति देवलोक से की गई घोषणा के कार्यों को आगे बढ़ाने हेतु अपने-अपने योगदान करें और सभी एक नाद और जयघोष के साथ सतयुग के निमित्त किए गए विभिन्न चरणों की और सब एक साथ प्रवेश कर आगे बढ़ते बढ़ाते चल पड़े। कलियुग से अपनी मुक्ति-मोक्ष हेतु सब मुक्तिबोध को प्राप्त हों। कलियुग जाएगा सतयुग धरती पर आएगा यह धरती के सभी मनुष्य जानतें और मानते हैं इसको रोका नहीं जा सकता हैं यह प्राकृतिक रुप सें निर्मित संवैधानिक युग-परिवर्तन युगकालचक्र हैं जिसको रोक पाना मनुष्यों के लिए असंभव हैं । मनुष्यों के सृष्टियज्ञ युग-परिवर्तन चक्र को देवी-देवताओं ने ईश्वर ने स्वीकार कर आगे बढ़ाने का कार्य प्रारम्भ कर दिया हैं । 🪔🕉🌞🌏🌝🪐🌈🐚✌️🔱🏹⚔️🐓🦜🦚🦅🦉🕊🦢⚖️🐳🐍🐢🐗🐯🦁🫎🐏🐘🦄🐕🐰🐁🐱🐒🦍👣🚩📿🔔🪷🌺🌷⚘️🌹🏵💮🌸🌼🏵🌻💐🦋🙏🪔