सेवासदन में नारी जीवन की समस्याओं के साथ-साथ समाज के धर्माचार्यों, मठाधीशों, धनपतियों, सुधारकों के आडंबर, दंभ, ढोंग, पाखंड, चरित्रहीनता, दहेज-प्रथा, बेमेल विवाह, पुलिस की घूसखोरी, वेश्यागमन, मनुष्य के दोहरे चरित्र, साम्प्रदायिक द्वेष आदि सामाजिक विकृतियों का विवरण मिलता है। उपन्यास की कथानायिका सुमन अतिरिक्त सुखभोग की अपेक्षा में अपना सर्वस्व गवाँ लेने के बाद सामाजिक गुणसूत्रों की समझ प्राप्त करती है, जिसके बाद वह दुनिया के प्रति उदार हो जाती है। उसका पति साधु बनकर अपने विगत दुष्कर्मों का प्रायश्चित करने लगता है।[3] इस उपन्यास पर जॉर्ज इलियट के उपन्यास एडम बीड एवं एलेक्ज़ेंडर कुप्रिन के उपन्यास यामा द पिट का प्रभाव माना जाता है।
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6 окт 2024