धनिक महिला के बेटे को आरोग्यदान
जब परमहंस परिव्राजकाचार्य श्रीमद् वासुदेवानंदसरस्वती (टेंबे) स्वामी महाराज श्रीक्षेत्र गलगली में थे तब एक धनिक महिला का बेटा काफी दिनों से बीमार था। उसकी बीमारी पर दवाइयों का कोई असर नहीं हो रहा था। तब उस महिला ने मन ही मन श्री स्वामी महाराज से मन्नत मांगी की, “अगर मेरा बेटा ठीक हुआ, तो मै आपको १,१०० रुपये दक्षिणा दूंगी।” ऐसी मन्नत रखने पर उस महिला का बेटा झट से ठीक हुआ। ज़ाहिर सी बात है की इस मन्नत के बारे में श्री स्वामी महाराज को कुछ भी पता नहीं था। इसलिए जब वो महिला १,१०० रुपये दक्षिणा लेकर आयी, तब श्री स्वामी महाराज ने उस महिला से पूछा, “आपने इतने सारे पैसे यहाँ क्यों रखे?” तब उस महिला ने श्री स्वामी महाराज से उसने मांगी हुई मन्नत के बारे में बताया और अपनी दक्षिणा का स्विकार करने की प्रार्थना भी की।
पर श्री स्वामी महाराज ने उस महिला से कहा, “ये पैसे हमें नहीं चाहिए। आप इसे वापस ले जाइये।” पर उस महिला ने कहा, “महाराज! चाहे कुछ भी हो जाए, मै ये पैसे वापस नहीं लुंगी। आप अगर ये पैसे नहीं लेना चाहते तो नदी में फेंक दीजिये।” उस महिला के निश्चयपूर्ण वचन सुनकर और उस महिला की दृढ़ निष्ठां, श्रद्धा एवं भक्ति देखकर श्री स्वामी महाराज ने वे पैसे वहां के एक पुजारी को दिए और उन पैसों में से पुराण, कीर्तन, प्रवचन, इत्यादि कार्यक्रम करवाए।
।। भक्तवत्सल भक्ताभिमानी राजाधिराज श्रीसदगुरुराज वासुदेवानंद सरस्वती स्वामी महाराज की जय ।।
🙏🏻 अवधूत चिंतन श्री गुरूदेव दत्त 🙏🏻
15 окт 2024