इस वीडियो में हम आपको फसलों पर जीवामृत का छिड़काव करने के सही समय और तरीके के बारे में बताएंगे। जीवामृत एक प्राकृतिक और जैविक खाद है, जो न केवल आपकी फसलों को पोषण देता है बल्कि उन्हें कीटों और रोगों से भी बचाता है। यह विशेष रूप से उन किसानों के लिए फायदेमंद है, जो रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग नहीं करना चाहते और अपनी खेती को पूरी तरह से प्राकृतिक और ऑर्गेनिक रखना चाहते हैं।
*जीवामृत क्या है?*
जीवामृत एक जैविक तरल खाद है, जो गोमूत्र, गोबर, गुड़, बेसन और मिट्टी के मिश्रण से तैयार की जाती है। यह मिश्रण फसलों को आवश्यक पोषक तत्वों के साथ-साथ सूक्ष्मजीव भी प्रदान करता है, जो मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाने में मदद करते हैं। जीवामृत फसलों के लिए एक उत्तम टॉनिक है, जो उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और उन्हें स्वस्थ रखता है।
*जीवामृत का छिड़काव कब करें?*
फसलों पर जीवामृत का छिड़काव करने का सबसे अच्छा समय सुबह या शाम होता है, जब सूरज की किरणें तेज नहीं होती। यह सुनिश्चित करता है कि जीवामृत के तत्व फसल पर अच्छे से चिपक जाएं और उनका प्रभावी उपयोग हो सके। छिड़काव करने से पहले, मौसम का ध्यान रखना भी जरूरी है। बारिश के मौसम में छिड़काव करने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे जीवामृत बह सकता है और इसका प्रभाव कम हो सकता है।
*जीवामृत का छिड़काव कैसे करें?*
इस वीडियो में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप सही तरीके से जीवामृत का छिड़काव कर सकते हैं।
1. *जीवामृत का तैयार करना:* सबसे पहले, जीवामृत को सही अनुपात में तैयार करें। इसे तैयार करने के लिए गोमूत्र, गोबर, गुड़, बेसन और मिट्टी का सही मिश्रण बनाएं और इसे कुछ दिनों तक खमीर उठने दें।
2. *छिड़काव की मात्रा:* जीवामृत का छिड़काव करते समय, 200-250 मिलीलीटर जीवामृत को 10-15 लीटर पानी में मिलाएं और इसे फसलों पर समान रूप से छिड़कें। यह फसलों को न केवल पोषण देगा बल्कि उन्हें कीटों और रोगों से भी बचाएगा।
3. *छिड़काव की विधि:* फसल की ऊंचाई और उसके प्रकार के आधार पर, स्प्रेयर या झाड़ू का उपयोग करके छिड़काव करें। यह ध्यान रखें कि जीवामृत फसल की पत्तियों और तनों पर अच्छे से लग जाए।
*जीवामृत के फायदे:*
*कीट और रोग नियंत्रण:* जीवामृत फसलों को कीटों और बीमारियों से बचाने में मदद करता है। इसके नियमित उपयोग से फसलों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और वे स्वस्थ रहती हैं।
*मिट्टी की उर्वरता:* जीवामृत में मौजूद सूक्ष्मजीव मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाते हैं, जिससे फसलें बेहतर तरीके से पोषक तत्वों को अवशोषित कर पाती हैं।
*खर्च में बचत:* यह प्राकृतिक खाद होने के कारण रासायनिक उर्वरकों की तुलना में सस्ता होता है, जिससे खेती की लागत कम होती है।
इस वीडियो को अंत तक देखें और जानें कि कैसे आप अपनी फसलों की बेहतर देखभाल के लिए जीवामृत का सही उपयोग कर सकते हैं। यह वीडियो खासकर उन किसानों के लिए लाभकारी होगा, जो जैविक खेती में रुचि रखते हैं और अपनी फसलों को प्राकृतिक तरीके से स्वस्थ रखना चाहते हैं।
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28 окт 2024