ऐसे सदाबहार दिल को सुकून देने वाले लफ्ज़ को लिखकर अपनी मखमली आवाज से भारत मा के सपूतो को अपने तेज से महिमा मंडित करने वाले महाकवि कुमार विश्वास को सत सत नमन
12:05 के साथ रहो तो सबसे बेहतर मौन रहो आभारी है। सत्ता के कविता से केबल इतनी रिश्तेदारी है। सारी दुविधा प्रतिशत पे हैं, के सच कितना बोला जाए, गूंगे सीखा रहा हमको के मुंह कितना खोला जाए।
भारत रत्न कुमार विश्वास जी बे मोल हीरा विश्वास जी विश्वास जी को कोई भूषण या रत्न नहीं चाहिए अनमोल रतन भारत का कोहिनूर कुमार विश्वास जी के लिए कोहिनूर ही लामा पड़ेगा
Sir ji aapka koy jawab nahi ek baat ka bahot dukh hey Kam age vale ladke ladkiya bahot vyasan karte hey aapko haath jod kar kaheta hu kucha Aisa nahi ho sakta ki vo bandh ho