एक बार फिर नेपाल जाइये। इस बार दूसरा बाबा मिलेगा। वो कही तीसरे जगह ले जाएगा। फिर नया ज्ञान प्राप्त होगा। हर बार नया ज्ञान, नया पंथ, नई दिशा, नया भ्रम...। ॐ शान्ति।
पानी मे हि बर्फ है बर्फ मे हि पानी है जिसे विश्वास हि नहीं की भगवान है कर्के उन मूर्खो को कोई नहीं समझा सकता एक बात याद रखना ना हि तु मेरा साथ देगा ना हि मै तुम्हारा सिर्फ कृष्णा हि अपना है
कबीर साहब के ऐसे कोई विशेष मत नहीं थे जो यह देते हैं कबीर साहब का मात्र इतना सही जीवन था कि मेरी तो लड़ाई सिर्फ राम नाम से है हमेशा राम नाम का एकांत में जाप करते रहते थे ईश्वर से लोन लग गई थी कहीं चैन नहीं आता था तो उन्होंने एक दोहा भी लिखा अच्छे हो कि इन महापुरुष ने उन दोनों को नहीं दोहराया नहीं तो उसकी भी ऐसी की तैसी कर देते हैं चलो मैं ही बता देता हूं सुखिया सब संसार है खाए और सोए दुखिया दास कबीर है जागे और रोए बस ईश्वर से लोन लग जाने के बाद दिन रात और आम कहीं जॉब करते थे और उसी में लीन रहते थे रात को नींद भी नहीं आती थी बिरहा भक्त को नींद कहां जब तक स्थिति नहीं आराम कहां रुकना कहां वह निरंतर तब तक लगे रहे जब तक उन्होंने अपने स्वरूप को प्राप्त नहीं कर लिया और जब अपने स्वरूप को प्राप्त किया तब उन्होंने लोगों को प्रवचन दिए अब यह शंकर बाबा उनकी नकल मारकर यह भी शुरू प्राप्त कर लिए हैं लगता है यह भी बातें कर रहे हैं समझ लो लोगों जान लो
@@tokeshsahu9182 देखो साहेब सदगुरु कबीर साहेब जी ने कहा है कली में जीवन अल्प है बेगी करो सभांल जप तप साधन ना बने केवल नाम आधार राम चरित मानस में लिखा है कि कलयुग केवल नाम आधारा सुमरि सुमरि नर उतरही पारा नाम की महिमा बहुत है लेकिन नाम से राश्ता दिखाता है
@@tokeshsahu9182 भाई कर्म तो करना है पर कैसा कर्म करना है क्या जानवर जैसा कर्म करना है क्या खाना पीना मर जाना सुनो भाई नाम मे बहुत ताकत है मानो तो भगवान ना मानो तो पथर कोई गलत कर्म करेगा तो जो दिखावा करेगा वो तो पागल हि है
सर्वशक्तिमान परमेश्वर की उपस्थिति में दिनांक 01/03/2022 को भारत के मध्य क्षेत्र में प्रभु यीशु की आत्मिक कलीसिया की तरफ से यह आदेश पारित हुआ है कि समस्त कलीसियाएँ, समस्त जातियां एवं समस्त अन्य जातियां पवित्र आत्मा का अनुसरण करें। क्योंकि परमेश्वर की योजना के अनुसार पूर्व दिशा के और उत्तर दिशा के भूभागों में (जो कि सफेद रोशनी के अन्दर हैं) परमेश्वर का कार्य प्रारंभ हो चुका है। जिन्हें हम आनेवाले दिनों में देखेंगे। तथा पश्चिम दिशा के और दक्षिण दिशा के भूभाग अन्धकार में रहेंगे।
कबीर साहेब के सभी बंधुओं को मेरी ओर से कोटि कोटि प्रणाम वह साहिब बंदगी कि उनसे जुड़े जितने भी लोग हैं वह भी बहुत महान भक्त हैं और उनको मैं सादर प्रणाम करता हूं
डॉक्टर जाकिर नायक ने सभी भारत के धर्मगुरु नेता और सभी को ज्ञान चर्चा के लिए चैलेंज कर दिया कि उसको मैं जो मुझ को गलत साबित कर देगा उसका धर्म में अपना लूंगा उस टाइम आप किस बिल में छुपे हुए थे उस टाइम संत रामपाल जी महाराज ने ही उसको ने उत्तर किया था
बाबा जी जनता को बताओ कि अभिलाष दास जी की गद्दी में किस संत को मोक्ष की प्राप्ति हुई है...जब आपका पंथ पे चल कर आपके पिछले गुरुओ को मोक्ष मिला ही नही तो आपको कैसे मिलेंगे.... और अहम सवाल की इन जनता जो कि आपको follow करते है उनको कैसे मोक्ष प्राप्त होगा.... थोथी गवाही से काम नही चलेगा प्रमाण के साथ बताना ....अभिलाष का पक्का चेला है न, आप तो पहले भी कितनो के चेले राह चुके हो.... प्रमाण हो तो जनता को सार्वजनिक करो..
shi bat h sahb ji likin ek bat v btay ki jis trh se hmare jiwn me bhut trh ke kary h usko alg alg log krte h wese hi Sara log ki hmari jindgi me jrurt h
Sab ka malik ek hai sabi admi mahatm bolterahathahai leken hamara svas nahi tho ham jihnahi saktahai leken hamara svas ko kounsa Bhagvan se mijulahai aap ne batayihai jai hind
भगवान का रूप नहीं है अगर रूप है तो माया का है माया को ही सब भगवान मानते हैं इसीलिए जब कष्ट होता है तो पिताजी काम नहीं आते हैं क्योंकि पिताजी को तो मजा ही नहीं पिताजी का रूट नहीं है सिर्फ मां का ही रूप है और पहला गुरु कबीर नहीं जो जन्मदाता मां है वही है मां की सेवा कीजिए और भवसागर से पार हो ये माही बताएगी पिता का नाम जय श्री राम
Mata ka Mata bhi Sadguru hai Tumhare asali Pita ka naam Sadguru hi bata sakte hain aap Mata Pita Ke Rini hain lekin Mukti Mata Pita Nahin de sakte Sadguru hi de sakte hain fal dekhne se nahin chakhne se Pata Lagta
Great Baba Ramashankar is breaking the shakles of undwashvas being followed blindly by the followers of all creeds since long.Religious clergies of all religions are dividing humanity into groups for their vested interests.We must get rid of such divides in light of lessons of Sant Bhgat Kabir.
बाबा जी जनता को बताओ कि अभिलाष दास जी की गद्दी में किस संत को मोक्ष की प्राप्ति हुई है...जब आपका पंथ पे चल कर आपके पिछले गुरुओ को मोक्ष मिला ही नही तो आपको कैसे मिलेंगे.... और अहम सवाल की इन जनता जो कि आपको follow करते है उनको कैसे मोक्ष प्राप्त होगा.... थोथी गवाही से काम नही चलेगा प्रमाण के साथ बताना ....अभिलाष का पक्का चेला है न, आप तो पहले भी कितनो के चेले राह चुके हो.... प्रमाण हो तो जनता को सार्वजनिक करो..
बाबा जी जनता को बताओ कि अभिलाष दास जी की गद्दी में किस संत को मोक्ष की प्राप्ति हुई है...जब आपका पंथ पे चल कर आपके पिछले गुरुओ को मोक्ष मिला ही नही तो आपको कैसे मिलेंगे.... और अहम सवाल की इन जनता जो कि आपको follow करते है उनको कैसे मोक्ष प्राप्त होगा.... थोथी गवाही से काम नही चलेगा प्रमाण के साथ बताना ....अभिलाष का पक्का चेला है न, आप तो पहले भी कितनो के चेले राह चुके हो.... प्रमाण हो तो जनता को सार्वजनिक करो..
अभी तक जितने भी संसार में पंथ बने हैं या जितने भी अलग-अलग धर्म बने हैं उन सब में कबीर पंथ सबसे आगे है रामायण गीता भागवत आदि पूर्ण शास्त्रों का अध्ययन कर लेना ही पूर्ण गुरु नहीं होता है इसलिए यह अहंकार मत रखो कि संत रामपाल जी जैसा कोई संत नहीं है यह आपका भ्रम है आप अभी गुरु के बारे में नहीं जानते हैं जिस दिन आप गुरु के बारे में जान जाएंगे गुरु की कभी निंदा नहीं करेगे गुरु के बारे में कभी यह नहीं कहेंगे कि वह गुरु ऐसे हैं ये गुरु ऐसे हैं गुरु स्वार्थी नहीं होता है गुरु हितैषी होता है
बाबाजी इस कलयुग में भगवान कोनसे नाम से प्रकट ओर कोनसा जो मेन पंथ है जो उस विधि भक्ति करने से हमारा पूर्ण मोक्ष हो जाय या फिर आप भी तो भ्रमित नहीं कर रहे हों भक्तों को
रमा शंकर जी महाराज आप बाबा नहीं आप संत है आपको जो लोग बाबा कहते हैं उनको यही नहीं पता कि बाबा क्या होते है और संत क्या होते है बाबा और संत में क्या फर्क है
हर मनुष्य मेरा प्रार्थना है कम से कम सोते और जागृति सिर्फ एक ही नाम है जो अंत समय में कंधे पर लेकर जाते हैं तो पढ़ते हुए जाते हैं सिर्फ राम नाम एक सत्य है और कबीर क्या कबीर जी भी राम राम ही जपते थे और एक राम ही सत्य है बाकी जितना भी रूप है सब सत्य है जय श्री राम
अंधेर नगरी चौपट राजा टके सेर आलू टके सेर खाजा यह बाबा कबीर जी को इतना महान बता रहे हैं क्या कबीर जी का जन्म किसी ने देखा है ग्रंथ का लिखा ही तो यह बोल रहे हैं कृपया बाबा यह भी बताएं जो कौन से मंत्र से भवसागर पार होगा नहीं तो प्रवचन को बंद किया जाए जय श्री राम
धर्म की आलोचना करना हि अधर्म है जिन्होंने कभी किसी ग्रंथ का अध्ययन भी नही किया वो धर्म की विशेषता और महत्ता क्या जानेगा ये सिर्फ नफरत फ़ैलाने की साजिश है
महात्मा जी आप तो बड़े लच्छेदार शब्दों का इस्तेमाल करके भोली भाली भक्तों को अपनी राम कहानी सुना रहे हैं। लेकिन आप क्या कर रहे हैं आपको खुद मालूम नहीं है कबीर परमात्मा के नाम पर आप अपने आप को बहुत बड़े संत समझ रहे हैं लेकिन नहीं यह आपकी बहुत बड़ी भूल। कबीर साहब कहते हैं। मोती मुक्ता दर्शक नाही यह सब जगह अंध रे देखन में तो नैन चिसम है फिरा मोतियाबिंद रे। महात्मा जी जिस व्यक्ति को मोतियाबिंद का बीमारी हो जाता है तो लोगों को देखने में पता चलता है कि इसकी आंख बहुत स्वस्थ है लेकिन नहीं जिन आदमी को बीमारी लगता है उसे पता है जो हमें मोतियाबिंद की बीमारी है लेकिन औरों को पता नहीं लगता कि उस भाई को मोतियाबिंद की बीमारी भी है , ठीक यही हाल आपकी है। महात्मा जी अगर आप कबीर को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से जानने का प्रयास करते तो शायद ऐसी बातों का प्रयोग आप खुद नहीं करते आप अभी कबीर को नहीं पहचान पाए, आप अभी कच्चे हैं। आपने संतों की बातों पर अमल किया है बल्कि कबीर साहब की बातों का मंथन नहीं किए हैं और उनके ज्ञान को अपने पहचाना नहीं है।
ज्ञान ज्ञान के होड़, सवका गया दिमाग चकराय, उचीत ज्ञान के अभाव में सव अपना ढोल पिटाय ज्ञान के पचड़े को देखकर राही अव समझा, अपने अनुभव के बदले औरों के सीख न अपनाय ।