प्रिय यू ट्यूब पर क्लिप बनाने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। मेरे एक परम प्रिय मित्र के घर में भी ऐसा ही कुछ हुआ है जो भरत व्यास जी जैसे महान गीतकार के साथ हुआ था। आपकी यह क्लिप मैंने बहुत समय पहले सुनी थी और अभी, इस दौरान मित्र के अवसाद को कम करने के लिए बहुत सटीक लगी। अतः यह क्लिप् मैंने अपने मित्र को भेजी है। दो कारणवश : एक, मेरे मित्र के घर में भी आशा की किरण फूटे और वह दुख को सहन करने की शक्ति पा सके, इंतजार के इन क्षणों में । दूसरा, यदि उनके घर का वह व्यक्ति कहीं पर भी किसी प्रकार यदि उसे यह स्लिप मिल गई और उसने सुन ली तो लगता है कि वह खुशी खुशी घर वापस लौट आएगा। भरत व्यास जी जैसे साहित्यकार के यह दो गीत किस प्रकार बेटे को घर पर वापस ले आए यह अत्यंत ही अनोखी बात है। इसे यहां प्रस्तुत करके आपने समाज सेवा में एक बहुत बड़ा योगदान दिया है। बहुत-बहुत साधुवाद।
हृदय से आपका आभार, मुझे इस बात पर खुशी और हर्ष होगी कि मेरे द्वारा बनाए गए इस वीडियो से कम से कम एक परिवार अपने बच्चे से मिल पाएगा । मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि उनका बच्चा जल्दी वापस आ जाए । हमें ईश्वर पर आस्था और विश्वास है ।
सुपर हिट है यह वीडियो गीत व रियल स्टोरी , कहते हैं कि सच्चे दिल व आत्मा की आवाज सही इंसान या जगह पर पहुंच ही जाती है।इस एपिसोड के बनाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
@@mridulasharma2322 Yes, in 60s film songs were very melodious n were liked to listen many times. But now a days it is only noise. No meaning in songs n music only noise. I am not listening to film songs now.
ये युग कलयुग का सबसे गर्दिश भरा युग चल रहा है जहाँ बेहयायी से नंगापन दिखाया जाता है और सैंसर बोर्ड वालों का, सरकार का और जनता का, किसी का मुँह नहीं खुलता... जबकि सच्चाई ये है कि इसी नंगेपन और बेशर्मी की वजह से ही कितनी लड़कियों औरतों को निर्भया जैसा कांड भुगतना पड़ रहा है और लड़कियाँ भी अधनंगी होकर रहती है और उनके माँ बाप भी ऐसे पहनावे में अपना Standard समझते हैं, लानत है... कभी मेरा भारत यहाँ की शर्मों हया के लिए जाना जाता था और अब बलात्कार के लिए प्रसिद्ध है...
ये सही है कि पुराने गीतों का आज के गीतों से कोई मुकाबला नहीं है,आज तो केवल फ़ूहड़ और नग्नता लिए शब्दों का प्रयोग कर गीत बनाए- गाए जाते हैं..ऐसा नहीं है कि पुराने गीतों में फूहड़पन होता ही नहीं था लेकिन कोई पचासों गानों में एकाध अब तो हर दूसरा गीत.... किसी के सामने गा भी नहीं सकते
Aapane bilkul theek kaha aaj ke ganon mein vah baat nahin hai ashlilta bahut jyada hai lekin Vyas ji ke gane hum bhi nahin bhool payenge bahut hi Sundar ke gane hote the Aaj bhi agar main sunti Hun to gungunane lag jaati hun gane lag jaati hun aur gane mein itna dard hai ki gate gate aansu nikal aate Hain bahut bahut Naman Vyas ji ko
सुनके पहेले बहोत दुख हुआ लेकिन जब लड़का वापस आ गया तो बहोत खुशी मिली आपने बहोत ही अच्छी घटना सुनाई सच में पुराने गीतो के शब्दों में लिमिटलेस पावर है 👌👍
महान गीतकार भरत व्यास को मेरा सादर प्रणाम ।🙏🙏🙏 मैं अपने आप को बहुत खुशनसीब मानता हूं कि मैंने भारत जैसे महान देश में जन्म लिया। पूरी दुनिया का सबसे अच्छा संगीत केवल हिंदी सिनेमा में ही हैं।🇮🇳🇮🇳🌸🌸🙏🙏
पुत्र तो पिता कि आत्मा होता है, यक्ष के द्वारा पूछे गए प्रश्न का यही उत्तर दिया था युधिष्ठिर ने और व्यासजी का पुत्र लौट कर आए ये बहुत ही खुशी कि बात है।
क्या ही कहे, इस वीडियो से इन अमर गीतो के पीछे की हकीकत सुनकर आश्चर्य और आंनद दोनों साथ में हुआ । भरत जी हमारे जिले से है और लेकिन आजकल के लोग अपनी पुरानी पीढी को भूल चुके हैं ना अब ऐसे गीतकार है और ना गायक, और सबसे महत्वपूर्ण ना श्रोता है । बड़ी विडंबना है कि फूड़ गानो पर लोग करोड़ो कमाते है और करोड़ो उनके फैन बनते है। इस कारण वास्तविक कला लुप्त सी हो रही है ।
मुझे खुशी है की नए गाने सुनने और नई फिल्म देखने की उम्र नहीं है। मै पहले के महान लोगो के थोड़ा बाद पैदा हुआ और उनके बाद जीवन के अंतिम सफर के तैयारी में हूं।
भरत व्यास जी की कथा सुनकर मन भर आया आंखों से दरिया समन्दर बनने लगा, वास्तव में आज जो क्षणिक आंनद देने वाले गीत ,सुपर हो जाते हैं,।अच्छे गीत या गीतकार फाईलों में पड़े हैं उम्मीद है फिर अच्छे संगीत की लहर आयेगी, समय तो बदलता ही है।।🙏🏻🙏🏻 नमन 👍
आपकी डॉक्यूमेंट्री/पेशगी की जितनी तारीफ की जाये कम हैं और आज के Song Writers को "बेशर्म रंग" जैसे गीत लिखने हेतु आपकी ताड़ना निश्चित ही अद्वितीय रही । सत्य बोलने का सामर्थ्य ही व्यक्ति को बहुत आगे तक ले जाता हैं और वह शक्ति आप मे देखी। आभार .......👍👌💐
जब इस एपिसोड को सुन रहा था और जब पता लगा कि भरत व्यास जी अपने पुत्र के वियोगमैं यह गीत लिखें थे मगर खुशी इस बात की हुई कि उनका पुत्र वापस आ गया बड़ा सुकून महसूस हुआ पुराने गीतों में जो कशिश व फिलिंग होती थी आज कहाँ है अल्हड़ और बेहूदा पन के सिवाय कुछ भी नही है
भरत व्यास जी भारतीय फ़िल्म संगीत के चुनिंदा महान हिंदी गीतकारों में से एक हैं उनके गीतों ने उन्हें सदा सदा के लिए गीत और संगीत की दुनिया में अमर कर दिया....😊❤❤❤
प्रकाशजी धन्य हो गया ये दोनो गाने सुनकर। आज से शायद ५० साल पहले ऐसे गीत सुनकर मेरे पिताश्रीने हमे अच्छे गीतो से परिचित किया था। रानी रूपमती फिल्म तो मैने देखी है , छोटे से गांव में touring टॉकीज में। आज भी इतना अच्छा लगता जितना पहेली बार सुनकर लगा था। रानी रूपमती का संगीत एस एन त्रिपाठीजी था। जनम जनम के फेरे का संगीत शायद अविनाश व्याजजी था। Please correct me if I am wrong. Please mention the name of music directors in next episodes. Both songs brought back the memories of good old days. Thank you v.much.
Kitni Dardnaak Haquiqut Hai Is Geet Ke Janam Ke Peechhe ! “ Aa Laut Ke Aa Ja Mere Meet “ : Kahaani Raani Rupmati Aur Raaja Baaj Bahadur Ke Amar Prem Ki . Parameshwar Ki Krupaa Hai Ki Unkaa Khoyaa Huaa Betaa Shyam Sunder Waapas Aa Gaya. Main Aadarniya Bharat Vyaas , Kavi Pradeep , Prem DhawanAur Sangit Kaar S .N. Tripathi, Chitra Gupta Aur Hemant Kumaar Kaa Murid Hoon. “ Pathaan “ Ke Sabhi Gert Aur Movie Bhi Ban Ki Jaaye. Kitne Mano Vikriti Hai Aaj Ke Fankaar ! Us Waqt Bhi Mohd Yousuf Khan, Naushaad Ali, Shakil Badaayuni, K . Aasif, Mehboob Khan Ki Chalti Thi , Aaj Quartet Of Khaans Bollywood Khatam Kar Rahe Hain .Bharat Vyas Ji Amar Hain . : Ashutosh Shirish Khot.
बारम्बार नमन श्री भरत व्यास जी आपके गीत फिल्म जगत के गीतकारों को आत्म मंथन के लिए एक दिन अवश्य प्रेरित करेंगे । समय श्रेष्ठ को सम्मान देता है डॉ. रामप्रकाश शर्मा
श्रीमान व्यासजी की ये अद्भुत रचना और इससे जुड़े रहस्य जानकर अचंभित रह गए हैं हम । बहुत चाव से और दिलसे सुनते थें हम आज तक मगर अब जब जब सुनेंगे तो ईनके बेटे के दर्द को भी महसूस करेंगे
गज़ब सर,,,,, दोनों गीत mile stone हैं और हमारे favourite भी और जिस परिस्थिति में व्यास जी ने इन्हें लिखा सुनकर आंसू निकल आए। अमूल्य जानकारी देने के लिए शुक्रिया🙏
बहुत सुंदर। दिल खुश हो गया। मैं पुराने गीत-संगीत की मरीज हूं, इस पर ये कालजयी मधुर गीत और आवाज़ ।लिखने वाले,गाने वाले और अभिनय करने वाले इन गीतों को अमर कर गए।
व्यास जी,और साथ साथ आपको भी मेरा 🙏 गीत के पीछे छुपी ऐसी व्यथा की जानकारी देने के लिए। धन्य थे वो महान गीतकार और संगीतकार। हो न हो ये कलयुग का प्रभाव है,जो हर दिन हमसे एक एक कर अच्छे अच्छे............सभी वस्तुओं को छीनता जा रहा है
बहुत ही खूबसूरत लाजवाब विडीययो है हम भरत व्यास जी के सभी गीत को सुनतो है व्यास जी के एक एक शब्द हर सुनने वाले का ध्यान खीच लेता है और उन गानो मे ऐसे खो जाते है कि जब बंद होता है तब होश आता है और जनम जनम के फेरे और रानी रुपमती के गाने बेहतरीन है उस समय हम सिर्फ सुन सकते थे पर कुछ जानकरी नही मिलती थी और मूवी देख ली बहुत है बात करने का तो सोच नही पाते थे प्रतिबंध नही था पर ऐसा कुछ होता ही नही था
मुझे भी ऐसा ही अनुभव हुआ है इस गीत मे एक रहस्यमय सुप्त शक्ती है बीस साल पहले मै किसी से बिछड गया उसी की सोच मे एक बार मैने यह गीत सूना और मैने पुरी आत्मीयता से यह गीत उस की याद मे प्रार्थना पूर्वक गाता रहा हर रोज mai यह गीत उस की याद मे गाता रहा और एक दीन मुझे वह मिल gaye यह है इस गीत की महिमा
आपके द्वारा प्रस्तुत video मन को छू गया। आज के फिल्मी गीतकार धन के लालच में अपनी प्रतिभा को बेच दिया है। इनके गीतों में केवल बेशर्मी और फूहड़ता ही मिलता है और इसके अलावा कुछ नही। यही लोग आज के युवाओ को पथभ्रष्ट भी करने का काम करते है।
मेरी उम्र 33 वर्ष है मैं शुरू से ही रेडियो , टीवी आदि पर पुराने गाने सुनता ,देखता आया हूँ और लगभग 20 साल से संगीत का आनंद ले रहा हूँ , हजारों गाने पूरे गीतकार , संगीतकारो , फ़िल्म से साथ ज़ुबानी याद हो गए हैं मगर 2000 के बाद के बाद के गानों की साल दर साल मधुरता कम होती जा रही । मुझे 2010 के बाद के शायद ही कोई एक भी गाना ठीक से आता हो । कुछ चुनिंदा गाने सुनने में अच्छे लग जाते हैं पर वे जुबां पर कायम नहीं रहते । 1960 से 1980 का दशक अपनी कर्णप्रिय मधुर संगीत के स्वर्णकार को इंगित करता है । जब शंकर जयकिशन, एसडी बर्मन , नौशाद , रवि ,कल्याण जी आनंद जी लक्ष्मीकांत प्यारेलाल , आर डी बर्मन , रोशन ,मदन मोहन , जैसे सर्वश्रेष्ठ संगीतकारों के साथ शैलेंद्र , मज़रूह सुल्तानपुरी, साहिर लुधियानवी, शकील बदायूँनी , हसरत जयपुरी, आनंद बख्शी , इंदीवर , गुलज़ार सरीखे श्रेष्ठ गीतकारों ने संगीत का वो अनिर्वचनीय ख़ज़ाना तोहफ़े में दिया जिसे मुकेश दा, रफ़ी साहब , किशोर दा , महेंद्र कपूर ,मन्ना डे, लता दी , आशा जी, सुमन कल्याणपुर , शमशाद बेगम आदि ने सुरों से उत्कर्ष पर पहुँचाया । ये दौर यादगार रहा । बाद में अंजान,जावेद अख़्तर, गीतकार समीर , राजेश रोशन ,नदीम श्रवण , जतिन ललित , आनंद मिलिंद और अनु मलिक, कुमार शानू ,उदित नारायण, अल्का याग्निक , कविता कृष्णमूर्ति, सोनू निगम , आदि ने भी उल्लेखनीय कार्य किए । इस परंपरा मे बस नाम लिए जा सकते हैं बाँकी काम तो एक से बढ़कर एक हुए और सभी विशेष आभार के पात्र हैं जिनका नाम नहीं लिख सकते वे सब भी उत्कृष्ट रहे हैं । और उन सबने हमारे दुःख दर्द , अकेलेपन, प्यार मोहब्बत, अवसाद आदि विभिन्न संवेगों में हमारा साथ दिया । मैं तो कहता हूँ संगीत बिना जीवन अधूरा शून्य व मृतप्राय है।..... अंत में भरत व्यास जी को जब भी सुना मैं बस ये सोचता था कि इस कवि में प्रायः उर्दू अरबी फ़ारसी के शब्दों को छुए बिना उत्कृष्ट गीत लिखने की महारथ कला है जो अन्य गीतकारों में प्रायः नहीं दिखी मुझे इस मामले में वे विशिष्ट हैं । हालांकि फिल्मी गीतों की एक ख़ासियत है कि बहुतायात जगहों पर आप हिन्दी - संस्कृतनिष्ठ तत्सम तद्भव शब्दों को यूज नहीं कर सकते उसके लिए ग़ज़ल नज़्म की अरबी फ़ारसी शब्द बहुतायत उपयुक्त होते हैं शायद इनके बिना नैसर्गिक प्रेम मोहब्बत को पूर्णता नहीं मिलेगी ।
भाई साहब नमस्कार आपने अपनी आयु जो लिखी है उसके अनुसार आपका अनुभव बहुत अधिक है। ईश्वर आपको खुश रखे, सुखी रखें और स्वस्थ व दीर्घायु करें। जय भारत जय भारतीय
@@prajapatiinderjeet731 जी भाई साहब , उम्र कम हो के भी तज़ुर्बे कई सिखा जाती है ज़िंदगी। जब व्यक्ति कम उम्र में जीवन के विविध राहों से गुज़र चुका हो तब स्थिति स्वतः इसके अनुकूल हो जाती है । भर्तृहरि का श्लोक ..साहित्य सङ्गीत कला विहीन: साक्षात पशु पुच्छ विषाणहीन:.... के हिसाब से भी और प्राकृतिक रूप से भी प्रत्येक मनुष्य में कुछ न कुछ होता है बस थोड़ा मुझे भी अवसर मिल गया भाई । अध्ययन अध्यापन , शोध -अनुशीलन ,पढ़ने, लिखने सुनने में ही जिंदगी जा रही भाई वैसे ये सुखद भी है । अतिशय आभार । जय भारत जय भारती🙏🏻🙏🏻। और भाई उम्र /अवस्था सही शब्द है "आयु" तब प्रयुक्त होता जब मनुष्य प्रयाण कर जाता है संसार से 😅😅 मतलब मृत्यु के बाद को आयु कहते हैं । जैसे वे शतायु होकर / 65 की आयु में / दिवंगत हुए ।
जितना भी लिखा जाए कम है। आज ऐसे गीत लिखने वाले हैं ही नही। आज फूहडता भरी फ़िल्म उद्योग है। नग्नता और फूहड़ता है बस। नमन करता हूँ ऐसे गीतकार व्यास जी को। में खुद भी जब इस गीत को सुनता हूँ ठहर सा जाता हूँ। इसी धुन पर एक गीत माता गुर्जरी का भी है। सुनते ही आंख भर आती है।" वाता लमबियाँ ते रास्ता पहाड़ द तुरे जांदे ऊना दे लाल नि"
बहुत बहुत धन्यवाद विकाश सिंह जी अत्यंत मर्मस्पर्शी गीतों व गीतकार के दर्द से परिचित कराने के लिए। आज विडम्बना ये है कि जो अच्छे गीत लिखते हैं उनके गीत फिल्मों तक पहुंच भी नहीं पाते और न ही ऐसे रचनाकारों को कोई राह ही दिखाता
भरतजी उनका बेटा घर छोडके जाने के बाद व्यथित होगये शायद उनके दुःखकी परिसीमा हो गई और उन्हे ऐसा महेसुस हुवाॅ की इस तरह मुझे छलनेवाला कौन है और उन्होंने उसे सामने आनेको कहाहो छलियेने सुनली और उनके बेटेको वापस घर भेज दिया अदभुत अदभुत कितनी खुशी हो गई होगी उनके परिवार को भरत व्यासजीकी रामजीने सुनली शायद रामजीने सितामाॅजी खोगई थी तबकी तबकी परिस्थिती महेसुस की होगी बिरहका दुःख क्या होता हैं वा रामजी आप धन्य हो धन्य हो
भरत जी के लिखे गए गीत बहुत ही खूबसूरत है , रुह की गहराई में जाकर बैठ जाती है और सुनते सुनते आंखों से आंसू बह निकलते हैं l गीत जब भी सुने सुनते के साथ ही आंखों से आंसू छलक पड़ते हैं, धन्य थे हमारे ऐसे गीतकार l
वाकई आज के गीतकारों को कवि प्रदीप और पंडित भारत व्यास जी के गीतों से कुछ सीखना चाहिए उनके लिखे ऐसे मधुर गीत और संगीतकारों का संगीत जिनसे उन गीतों को चार चांद लगा दिये आज भी हम इस गीतों को सुनते हैँ तो मन को कितनी शांति मिलती है और सुकून मिलता है ये एक संगीत प्रेमी ही जानता है ।
श्रीमान जी कहानी तो शत प्रतिशत सत्य है परन्तु आपने इस कहानी को इतने भाव में डूबकर बताया कि कोई कितना भी कठोर हृदय का होगा वो भी आपके लिए द्वारा बताई कहानी को सुनकर जरूर भावविभोर हो जायेगा, मुझे तो सचमुच ही आपके माध्यम से बहुत कुछ सीखने को मिला। मैं ईश्वर से आपके अच्छा स्वास्थ्य और दीर्घायु बनाएं रखने की मंगल कामना करता हूं जय सियाराम सभी देश वासियों को 🇹🇯🇹🇯🙏🙏
भरत व्यास द्वारा रचित दोनोें गीत जो अपने बेटे के विछुडने के वियोग मे लिखा गया, था और गीत के भाव भी बेटे के लौटने से पूरे हुए. ...इससे यह झलक रहा है कि आज के वेद व्यास, भरत व्यास ही थे..
Have no words to express my gratitude. I was a child of 10 years and used to sing the song with my elder brother .the story behind making this immortal song is touching thank you very much sir