मैं पहले भी कोशिश कर चुका हूं कि पंडित जी के क्रांति वाले भजन कहां सुनने को मिल सकते हैं। आज अकस्मात उनकी रचनाओं का यह वीडियो देखा और सुना तो पैंतीस चालीस वर्ष पुरानी स्मृतियां ताजा हो गई। इतने एडवांस विचार और वे भी सीधे हृदय में उतरने वाले, पंडित ताराचंद वैदिक तोप यों ही इतने लोकप्रिय नहीं थे। नारनौल और आस पास के सभी गांवों में घर घर पहुंच थी, उनकी। धन्यवाद,ऑडियो अपलोड करने वाले महानुभाव का।