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@@HyperQuest 1st सर एक वीडियो बनाओ जिसमें यह बताओ निराकार और साकार रूप में पूजा करना क्या फर्क है इस डीटिल्स में वीडियो बनाओ श्री राम और श्री कृष्ण के जन्म से पहले किसकी (भगवान)पूजा की जाती थी?
'Why Bengoli Hindu Leaving West Bengal ' heavy decrease in population of Bengoli Hindu Make a Vedio in this topic I have all the Points for this Content
Great analysis Sir, You debunked and sealed the voice of Buddhist researchers and SCIENCE JOURNEY channel. Thanks Sir, Please accept his debate challenge.
100% सही बात बोल रहा हूं हिंदू नाम का कोई धर्म ही नही है और सनातन धर्म बुद्ध भगवान के धम्म को कहा गया है और बौद्ध के 84 हजार बौद्ध स्तूपों को तोड़ कर हिंदू धर्म की नीव रखी गई है भारत में बौद्ध धम्म ही सनातन धर्म है न ब्रह्मा है न विस्नु है न राम है कृष्ण है ये सब जितनी भी मूर्तियां है इन लोगो की सब मूर्ति बुद्ध भगवान की है बुद्ध को मिटा न सके मनुवादी लोग तो चुरा करके हिंदू धर्म की बना लिए आज जो अयोध्या ने राम बैठे है आकार के ये कोई राम नही बल्कि पुष्यमित्र शुंग है जिसने बौद्ध भिक्षुओं को सर काट कर अलग कर दिया और और अपने प्रजा को मजबूर कर दिया खुद को भगवान कहने में और फिर साकेत का नाम बदल कर अयोध्या रख दिया और वाल्मीकि से रामायण लिखवाया और खुद उस रामायण में राम बन गया और आज पूरा भारत उस पुष्यमित्र सूंघ की पूजा करते है और इसी तरह भारत में से बौद्ध धर्म धीरे धीरे खत्म होने लगा आज जितने भी भारत में प्राचीन मंदिर है सभी देवी देवताओं के सर से चुनरी माथे से मुकुट बाली सिंदूर हटा कर देख लेना सच्छात बुद्ध नजर आने लगेंगे 🙏नामो बुद्धाय 🙏
@@PriyankarAk85 tu pehle decide kar le hindu gods budhh hai ya pushyamitra shung🙂 Aur Ayodhya ke Ram mandir me jo Ram ki murti sthapit ki gayi hai wo terko kis angle se budhh ki ya shung ki murti lagti hai...?🤔 Konse angle se terko budhh ka galaa nila lagta hai...? Konse angle se terko budhh kale lagte hai...?🤔 Bhang funk ke baitha hai kya
जब दिमाग खराब हो जाता है तो आदमी ऐसी ही बहकी बहकी बातें करता है। धरातल पर सच्चाई ये है कि भारत में बौद्ध धर्म का अस्तित्व सिर्फ किताबों में ही है। मुस्लिम आक्रांता 800 साल में सनातन धर्मीयों का धर्म परिवर्तन नहीं करा सके सिर्फ कुछ डरपोक लोगों को तलवार के दम पर सलवार पहना सके। और तुम कहते हो कि एक राजा पुष्यमित्र शुंग ने सब बौद्धों को हिन्दू बना दिया। इससे तुम्हारे दिमागी दिवालियापन का पता चलता है।
ये हिंदू धर्म ही है जो सबको open debate करने का मौका देता है वर्ना अब्राहमिक religion ☯️ तो सर तन से जुदा कर देते हैं धर्म पर सवाल उठाने वाले को और धर्म छोड़ने पर।
@@Trident4You जी जो अब्राहम है पुरानी अब्राहमिक भाषा मे अ नही होता है ब्राहम है जिसे हिन्द मे ब्रह्मा कहा जाता है ज्यादा अंदर मत जाओ अब्राहम की पत्नी का नाम सारा था जिससे सरस्वती बना है
@@Mythvsfacts-n1i unse kaho Ek baar Kuran aur islam ke naam par debate kare sar tan se juda ho jayega. Uske jaal me bas dalit faste hai aur sabse jyada jihadi dalit ko convert karte hai aur maarte hai chahe Bharat ho Pakistan ya Bangladesh ya phir Afganistan.
Beech Mai bola bhe hai debate ke liye bula lo or kr lo 3saal dlai lamba ke sath kam kra hai ap inko bulaiye or ek sath debate kijiye or ap apne reference leke aiye ho leke ajaye gye
Archeological of india ko tum mante nahi ho , history ko tum nahi mante to Wikipedia, google sab galat hai ti reference tujhe ghante ka de.... 😂😂😂😂 tujhe 50 se bhi jyada evidence de sakta hu magar Tu nahi manega kyuki tera brain washed kiya hua hai.. Tere pass budh ke proof hai?? Tu sabit kar budh they?? Kyuki khud budha followers me hi matbhed hai... China ka budh, india ka budh, Thailand ka budh, Japan ka budh sab alag hai... Pahle inhe correct kar le.. Tum bhi bohot gapodte ho 😂😂😂
At such a young age Vishal you are doing a great service to Hinduism. This is why I am proud of Hinduism where there is freedom to debate and reform. Its not like Abhrahamic religions written on stone
@@HyperQuest Thanks Vishal. I am elder to you, a big Brother. But I have no problem in saying your reply means a lot to me and your knowledge of Hinduism is 2-3 times more than me. Thanks for inspiring and educating us. Hare Krishna, Hare Rama 🙏🙏
Bro had try to brainwash the people Buddha ne bachpn me hi shastro me maharath hassi kr li thi Pr unka ek bhi vichar hindu dharm ya vedo se prabhavit nhi hai. Iss video ka jawab sirf Dr. Ambedkar ki kitab Buddha and his Dhamma me mil jayega aapko
वैदिक ब्राह्मण इरान से होते हुए गङ्गा तठ तक आए हुवे है ।श्रमण परमपरा भारत वर्ष मे था जब वैदिक आए और श्रमण परमपराके गुरुवो से जब वातचित हुवे तब उत्तर मिमामसाका जन्म हुवा नहि तो पुर्व मिमामसामे सिर्फ हवन यज्ञ है । बौद्ध धर्म जाहा जाहा गया वाहाका प्रभुर्ध बर्ग( वौधिक वर्गमे ) पपुलर हुवा क्यु कि यह तार्किक और अनुभुतिमे उतारा जा सक्ता है ।पुराण २ शताब्दी से लेकर १८ औ शताब्दी तक लिखा गया है , क्यु कि १४ ,१५ औ शताब्दी के राजाका जिक्र है और भविष्य पुराणमे तो भिक्टोरियाका भि जिक्र है । और रामायण भगवान बुद्ध द्वारा बताया गया दसर्थ जातकका राम पन्डित और माहायान बौद्ध धर्मका बहुत हि चर्चित माहायाना शुत्र लन्कावतार शुत्र ( जिसे वोधी धर्म चिन अपने साथ ले गए थे ,जिनहोने जेन बुद्धिजम और कुङ्ग फु स्थापना किया ) इसि शुत्रका पात्र बोधिष्त्त्व यक्ष राज रावाणको भिलियन बनाके बौद्ध धर्म विरुध रचा गया काल्पनिक पुस्तक है। भगवान बुद्धके समय कोहि हिन्दु नहि था बल्की उस समय श्रवण और वैदिक ब्राह्मण परमपरा था जाहा ६२ से ज्यादा श्रवण परमपरा था और भगवान बुद्धके परिवार श्रवण परमपरा मान्ते थे । इसि लिए वह गृह त्यागके वाद २ श्रमण गुरुके पाश गए जिनहोने उने ७ और ८ औ अरुप समाधी सिकाए थे , जिसको बौधिष्तव शिद्धार्थने कुछ हि हप्तोमे पा लियाथा । आजका युगमे फेक न्युज नहि टिकता है , जल्द हि पुरे विश्वको सहि जानकारी पता लग रहा है । सत्य और सुर्यको अधिक समय छुपाया नहि जा सक्ता है, सत्य और असत्यमे सदा सत्यका हि जित होता है ।शनकराचार्यका गुरुका गुरुका गुरु थे "गौडपाद", वह भगवान बुद्ध और प्रसिद्ध बौद्ध गुरु नागार्जुन , वसुवन्धु से इत्ने प्रभावित थे कि शब्द शब्द सहित श्लोक कपि किए थे। वह हमेसा पहेले भगवान बुद्धको नमन कर्नेके वाद हि बदरायनको ( ब्रहमशुत्रका लेखक) नमन कर्ते थे। यह गलत अफवाह फैलाया जाता है कि शनकराचार्य ने बौद्ध गुरुवोको हराया इसि लिए बौद्ध धर्म लुप्त हुवा। लेकिन शनकराचार्यका सबसे पुराना २ बायोग्राफी ( शंकराविजय , शंकरादिगविजय) मे वह किसि भि बौद्ध गुरु से शास्तार्थ कर्ते नहि लिखा है। बल्की यह जिवनीमे साफ लिखा है कि कुमारिल भट्टने राजा सुधनवाका ( जिसने अपने शैनिकको आदेश दिया था कि बौद्धको मार्नेवालोको वह इनाम देगा और जिसने नहि मारा उसको वह स्वयम् मारेगा) शैनिक लेकर केरेलाके सारे बौद्धको मारा( बचचे , बुढे , स्त्री किसिको नहि छोडा) सारे बौद्ध विहार और स्तुपको तोडा और पुरे भारतवर्षमे केरेला सब्से पेहेले बौद्ध धर्म नष्ट होने वाला राज्य हुवा। शंकराचार्यने कुमारिल भट्टसे मुलाकात किया और उनका मिसनको आगे बढाया और वह यहि शुद्धनवाका शैनिक लेके शास्तार्थके लिए चले थे ( भला एक विद्द्वान्को क्यु शैनिक चाहिए? )।शनकराचार्यके समय प्रसिद्ध बौद्ध गुरु धर्मकृती ( जिस्के प्रभाव हिन्दु धर्मके न्याय दर्शनमे है) और दिगनाग थे उनसे शंकराचार्यने क्यु शास्तार्थ नहि किया? उस्स समय शास्तार्थका आयोजन राजा कर्ते थे और हार्ने वालोके मठमे ताला लगाया जाता था । अगर शंकराचर्यने उन बौद्ध गुरुवोको हराया होता तो नालन्दा , विक्रमाशिल,सोमपुरी, जगदल्ल, बल्ल्भी जैसे प्रसिद्ध बौद्ध माहाविहार कैसे १३औ शताब्दी तक चल राहा था? १०औ शताब्दिमे बाजसपती मिश्रने जब शंकराचार्यके ब्रहम शुत्र भाष्यके भामती टीका लिखनेके वादही हिन्दु धर्म मान्ने वालोमे शंकराचार्यको पहेचाने लगे , उस्से पेहेले उनका नाम इत्ना प्रख्यात नहि था हिन्दुवोमे । शंकराचार्यने बौद्ध धर्मके शुन्यता आदिका खन्डन कर्नेका कोसिस किया है । लेकिन जो उनहोने खन्डन किया है वह बौद्ध धर्मका शुन्यताका मतलब नहि है । अगर वह यह तर्क लेकर बौद्ध गुरुवो से शास्तार्थ कर्ते तो वह आसानिसे हार जाते । शंकराचार्य से लेकर स्वामी विवेकानन्द से लेकर आजतक उनका अनुयायी बौद्ध शुन्यताको सहि अर्थ नहि समझ पाए है।
Bangladeshis are falsely blaming India for the floods. Bangladesh is not part of India, but Tripura is part of our country. So, don’t get distracted. Ignore Bangladesh and support Tripura, which is currently facing floods. Pray for Tripura and help our people...our citizens.
बात यह है ही नही कि कौन सा धर्म सबसे पुराना हैं। बात यह है कि कौन सा धर्म वैज्ञानिक हैं तो निश्चित रूप से बौद्ध धर्म। बुद्ध ने सिर्फ इतना किया सनातन धर्म में उपस्थित कूड़ा करकट और पाखंड को हटाया। इसलिए यह धर्म विश्व के अन्य देशों में मान्य हुआ।
Tumhe pata nhi yaha saman vyvastha thi tumhe purwaj videshi ureshinon ho yaha akar base yahi ke log Vedic system fasna chalu kiya muslimo se milkar saudebaazi koi history bata jo bharat ke history me tere brmha asal abraham hai sara sarasvati unki dhadhi aur uski bhi same hai tum bacteria 🦠 bolte hai waha
@@official7134hamare hi rishu muniyo ne sabse phele gravity ki khoj ki thi, hanuman chalisa me earth aur sun ke beech ki exact distance likhi hai,hamare temples ke architecture modern science ko fail karte hai bahut se aise proof hai jo yeh batate hai ki hamara sanatan dharma kitna aage tha phele hi aajke modern science se
कभी आपने वेदान्त दर्शन को पढ़ा भी है कि बस ऐसे ही आवेश में आ गए है। शायद आपको पता नही की चार्वाक के दर्शन को भारत में जला दिया गया और उनके बारे में जो कुछ मिलता है वह और धर्म के ग्रंथो में मिलता है। बौद्ध का कितना साहित्य तिब्बत से आया है।
@@ankitchaurasia933 ye aap kise bare me bol rhe he, aur ek baat charvaak darshan keval isi karan khatam ho gya ki unke grantha jal diya gya ye ek karan ho sakta hai,par ekmatra karan hai, esa ni hai, chuki charvako ki alochna sabhi sad darshno, boddho, jaino ne kiya jiske ke karan inke anuyayi kam hue,iska karan v hai inki alochna 8 darshno kyo ki inhone keval ek pramaan ko mana jo hai direct perception, in sare factors ki wajah se charvaako ka lagbhag decline ho gya+ unki philosophy+ unki books
@@samyaksute Hindu astik yaa nastik nahi ho sakta kyuki hum satya ko jaan ne waale log he. sach ko jaan ne kee bad astik ya nastik reh ne ki koi jaaru nhi hoti
उपरोक्त चर्चा में पाली भाषा के प्रोफेसर महाशय ने जो विचार रखे वहां तथ्य हीन है वह अपनी आजीविका पाली में पीएचडी करके चला रहे हैं, वे सही पक्ष नहीं रख रहे हैं, उनकी मानसिकता बुद्ध ke विचारो के विरुद्ध है l जैसे संस्कृत भाषा पुरातन है, इसका पुरातात्विक साक्ष देना चाहिए I वर्तमान ब्राह्मण धर्म बौद्ध धर्म का रूपांतरित ,या बदला हुआ रूप है l
Sanatan samiksha🎉 is doing fantastic on sanatan dharma ..and has told these things already. Sanatan samiksha has reviwed this podcast now listen that live stream to know about reality. Whitewashing is not the solution of this problem. Two opposite poles can't meet with each other.🕉
क्षमा मांगते हुए मैं यह कमेंट लिख रहा हूं मेरी मंशा आप दोनों सज्जनों के ज्ञान पर सवाल उठाना नहीं है लेकिन आप दोनों के संवाद को सुनकर स्पष्ट समझ आ रहा है कि आप दोनों बैलेंसिंग मूड में हैं जो बौद्ध साहित्य में वर्णित जानकारियां है उसके विपरीत बातें कर रहे हैं। स्रोतागण सच जानने आएं है लेकिन आप लोग निम्न स्तर का जानकारी दे रहे हैं जो मेरे जैसे साधारण व्यक्ति जो साइंस के विधार्थी रहा है , के बावजूद इससे बेहतर ज्ञान रखता है ।हम तो कुछ विशेष जानकारी लेने के उद्देश्य से आए थे लेकिन मेरे जिज्ञासा को गहरा आघात पहुंचा। भाई समय और ऊर्जा जब लगा हीं रहे हो तो सच बोलो अगर नहीं तो चुप रहो यही बेहतर है।
अगर इन सज्जन ने बैलेंस करके बताया तो तुम्हारे लिए अच्छा ही किया, वरना बुद्ध धम्म के ग्रंथो से कॉपी टू कॉपी बताते तो चुल्लू भर पानी में डूब कर मरने की नौबत आ जाती तुम्हारी...😂 उदाहरण के लिए बुद्ध का जन्म, स्त्रियों को आशुरी शक्तियों से कंपेयर करना, चावल से स्त्री पुरुषों में लिंग उत्पन्न होना, बुद्ध का लाखो बार जन्म लेना और उसे याद रखना आदि...😮
Bhai Aisa karo aap, jo original Buddhist the Tibet aur Thailand, unse pata kare ki pehle kaun aaya tha, Bimta waale Soros k agenda pe chal rahe hain, Bhimta k leaders ko soros ki funding aati hai, asli Buddhist se Sune, fake bhimta buddhist ko ignore karein.
@@ankitchaurasia933 ha Ankit sahab.....Guru brahmha ki trh hmari nirman karte hai....kausal and facts se jisase hm apna development krne me saksham hote hai.....vo hmare जीवन ke hmare nuksandayak swarup ko nast karte hai......अनुशासन aur samjha bujhakar ya dand se.......ttha Vishnu ki trh hmara palan poshan karte hai......yogya na hote huye bhi siparish krke guarantee lekar......etc......🌿 हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे | हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे || 🌺🙏🌹🌹🌹🌹🌹🙏🌺
@@amitkumarraaj6419 नहीं भाई तुम बड़े भाग्यशाली हो जो इस प्रकार के अनुशासन और संस्कार की बातें करते हो और वह संस्कार मिला है। हमारे यहां तो ऐसा कोई धारणा नही है, यहां गुरुजी बहुत चालू किस्म के व्यक्ति होते है गाली भी देते है और किसी को परीक्षा में अनुत्तीर्ण कर देते है या किसी लड़के को मारते है तो लड़के भी उनके वही या बाहर गर्दन धर लेटें है। हमारे लिए तो यह संभव ही नहीं तो पता है यद्यपि हम भी उतना बुरे नही हैं बस थोड़ा ज्यादा खुल गए है।
@@VikashKumar-kw5ck 🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺🌺|| जय माता दी ||🌺
sandas samiksha bolta hai darius pe hindu word likha hai jabki hindu ye word likha hi nahi hai usne kaha ki hindu ka arth gaali nahi aur apne pichwade ke dum se usne debunk kiya par Lughat e kishwari else kishori mai hindu ka arth Decoit , theif etc aisa likha hai kya hi credibility hai sandas samiksha ki XDDDD
@@Heisenberger2005anpadh journey ke Anpadh chele jara padhai kar leta anpadh journey ka video dekhne ke bajaye aur Buddha jaisa tatti khane ke bajaye toh jyada accha hota . Darius ke inscription par Hindu word aata hai aur tere anpadh journey ke uss video ka bhi debunk Kiya gya hai jisme wah anpadh ' hindush " ko " aidush " padh raha tha aur wah video sanatan samiksha ke Facebook par mil jayegi. Isse pata chalta hai ki tu bouddho ki tarah Manav mal ka kitna high dose leta hai 😆aur rahi baat hindu ka arth gaali ke roop me prayog karne ki toh jo bhi dictionary tera anpadh journey dikhata hai unme se koi bhi dictionary 500 BCE purani hai hi nahi balki wah Sari dictionary Islam ke baad ki hai aur Muslims ne ghrina Vash hindu ka meaning distort kiya hai . Ispar bhi already sanatan samiksha ne stream kar rakha hai . Ab mein tera naam ka arth kutta kar dunga toh tu meri wajah se apna naam change kar lega kya , bata ? 😂
'तेरी भाषा भगवान बुद्ध कि विचारधारा से मेल नहीं खाती इसलिये तू बुद्धीस्ट नही हे तेरे खून मे तथागत भगवान बुद्ध नही हे उन्हें समझना तेरे बस कि बात नही हे @@Heisenberger2005
Iska matlab Sanatan Hindu Dharam hi ek satya h aur Bodh dharam ka baap h kyonki Sanatan shabad Sanskrit bhasha ka h aur Sanatan Hindu Dharam k liye hi use hota h❤❤😂😅
They used abusive words for Budha in Ramayana (Valmiki Ramayana Sarg 109) and their Kalki Purana is totally based on Buddhism. After reading that Purana you will cleary see the haterage towards Budha of this Tanatanis and Br@-Man. Calling Buddhism a branch of Hinduism😂 Meanwhile Hinduism didn't even existed before 7th Ce. 🤡🤡🤡 Such a clowns. Not a single evidence they can give of their Religion before 7th Ce. Not a Single.
@@unknown_atheist na Ramayan me kahi budhh ka mention hai aur na hi kalki puran me Maine khud padhi hai Tu bhi thik se padh sarg 109 Hindu budhh ki respect God ke rup me karte hai☝️
@@MarcBilly-fk9bk Source:- Valmiki Ramayana Reference:- Ayodhya Kand, Sarg 109.34 यथा हि चोरः स तथा हि बुद्ध- स्तथागतं नास्तिकमत्र विद्धि । तस्माद्धियः शक्यतमः प्रजानां स नास्तिके नाभिमुखो बुधः स्यात् ॥३४॥ 'जैसे चोर दण्डनीय होता है, उसी प्रकार (वेदविरोधी) बुद्ध (बौद्धमतावलम्बी) भी दण्डनीय है। तथागत (नास्तिकविशेष) और नास्तिक (चार्वाक्) को भी यहाँ इसी कोटिमें समझना चाहिये। इसलिये प्रजापर अनुग्रह करनेके लिये राजाद्वारा जिस नास्तिकको दण्ड दिलाया जा सके, उसे तो चोरके समान दण्ड दिलाया ही जाय; परंतु जो वशके बाहर हो, उस नास्तिकके प्रति विद्वान् ब्राह्मण कभी उन्मुख न हो- उससे वार्तालापतक न करे ||३४॥ (Ved Virodhi, tathagata Nastik, Budha, History me sirf aur sirf Gotama Budha ke liye hi use hua hai, Clearly toh likha hai Budha) #Bra-Man 🤡
@@MarcBilly-fk9bk Source/Reference:- Kalki Purana (P.no. 116) सातवाँ अध्याय:- सूत जी बोले- इसके बाद, हथिनी पर हमला करने वाले शेर की भाँति श्री विष्णु अवतार श्री कल्कि जी ने, जो कि पापों का नाश करने वाले हैं और सब पर विजय पाने वाले हैं, ने उस बौद्ध सेना पर धावा बोल दिया। युद्ध में खून में रंगी हुई, जिस की कमर नंगी हो गई हो, जिसके सुन्दर बाल फैले हुए हों, जो भाग रही हो, बिलख रही हो, जो रतियुद्ध में घायल हो गई हो, ऐसी नायिका की तरह जो सेना हो, उस भागती हुई सेना से सैन्य नायक कल्कि जी बोले- 'हे बौद्ध लोगो ! तुम सब युद्ध के क्षेत्र से मत भागो। लड़ाई के लिए तैयार हो वापस लौटो और अपना बल तथा बहादुरी दिखाने में किसी तरह की कमी न करो।' (Clearly toh likha hai, Pura Chapter Copy paste kru kya) #Lindus
ब्रो यो हाइपर क्वेस्ट भन्ने मान्छे ले सनातन धर्मको हरेक कुरालाई इण्डिया सँग जोड्छ । मलाइ यो मान्छे सुरुमा एउटा राम्रो धर्मबिज्ञ लाग्थ्यो तर यो मान्छेले हरेक बैदिक ज्ञान र गौरवलाई इण्डिया सँग जोडे पछि मलाइ यो मान्छे मन परेन । के हिनदु इण्डियाको मात्र गौरव हो ??
कुछ भि , पुराण २ शताब्दी से लेकर १८ औ शताब्दी तक लिखा गया है , क्यु कि १४ ,१५ औ शताब्दी के राजाका जिक्र है और भविष्य पुराणमे तो भिक्टोरियाका भि जिक्र है । और रामायण भगवान बुद्ध द्वारा बताया गया दसर्थ जातकका राम पन्डित और माहायान बौद्ध धर्मका बहुत हि चर्चित माहायाना शुत्र लन्कावतार शुत्र ( जिसे वोधी धर्म चिन अपने साथ ले गए थे ,जिनहोने जेन बुद्धिजम और कुङ्ग फु स्थापना किया ) इसि शुत्रका पात्र बोधिष्त्त्व यक्ष राज रावाणको भिलियन बनाके बौद्ध धर्म विरुध रचा गया काल्पनिक पुस्तक है। भगवान बुद्धके समय कोहि हिन्दु नहि था बल्की उस समय श्रवण और वैदिक ब्राह्मण परमपरा था जाहा ६२ से ज्यादा श्रवण परमपरा था और भगवान बुद्धके परिवार श्रवण परमपरा मान्ते थे । इसि लिए वह गृह त्यागके वाद २ श्रमण गुरुके पाश गए जिनहोने उने ७ और ८ औ अरुप समाधी सिकाए थे , जिसको बौधिष्तव शिद्धार्थने कुछ हि हप्तोमे पा लियाथा । आजका युगमे फेक न्युज नहि टिकता है , जल्द हि पुरे विश्वको सहि जानकारी पता लग रहा है । सत्य और सुर्यको अधिक समय छुपाया नहि जा सक्ता है, सत्य और असत्यमे सदा सत्यका हि जित होता है ।शनकराचार्यका गुरुका गुरुका गुरु थे "गौडपाद", वह भगवान बुद्ध और प्रसिद्ध बौद्ध गुरु नागार्जुन , वसुवन्धु से इत्ने प्रभावित थे कि शब्द शब्द सहित श्लोक कपि किए थे। वह हमेसा पहेले भगवान बुद्धको नमन कर्नेके वाद हि बदरायनको ( ब्रहमशुत्रका लेखक) नमन कर्ते थे। यह गलत अफवाह फैलाया जाता है कि शनकराचार्य ने बौद्ध गुरुवोको हराया इसि लिए बौद्ध धर्म लुप्त हुवा। लेकिन शनकराचार्यका सबसे पुराना २ बायोग्राफी ( शंकराविजय , शंकरादिगविजय) मे वह किसि भि बौद्ध गुरु से शास्तार्थ कर्ते नहि लिखा है। बल्की यह जिवनीमे साफ लिखा है कि कुमारिल भट्टने राजा सुधनवाका ( जिसने अपने शैनिकको आदेश दिया था कि बौद्धको मार्नेवालोको वह इनाम देगा और जिसने नहि मारा उसको वह स्वयम् मारेगा) शैनिक लेकर केरेलाके सारे बौद्धको मारा( बचचे , बुढे , स्त्री किसिको नहि छोडा) सारे बौद्ध विहार और स्तुपको तोडा और पुरे भारतवर्षमे केरेला सब्से पेहेले बौद्ध धर्म नष्ट होने वाला राज्य हुवा। शंकराचार्यने कुमारिल भट्टसे मुलाकात किया और उनका मिसनको आगे बढाया और वह यहि शुद्धनवाका शैनिक लेके शास्तार्थके लिए चले थे ( भला एक विद्द्वान्को क्यु शैनिक चाहिए? )।१०औ शताब्दिमे बाजसपती
आप सभी से निवेदन है कि सारे ग्रन्थ ( वेद, उपनिषद, शास्त्र, पुराण इत्यादि ) ये कब लिखे गये अर्थात इन सभी ग्रंथों की मूल प्रतिलिपि का लेखन समय क्या है इतना बता दीजिये तो सब स्पष्ट हो जायेगा और ये भी बता दीजिये कि देवनागरी लिपि का विकास कब हुआ हमारे सारे भ्रम मिट जायेंगे 🙏 रेडियो कार्बन डेटिंग पद्धति से सबका समय निर्धारित हो जायेगा कृपया बताइयेगा अवश्य
कुछ भि , पुराण २ शताब्दी से लेकर १८ औ शताब्दी तक लिखा गया है , क्यु कि १४ ,१५ औ शताब्दी के राजाका जिक्र है और भविष्य पुराणमे तो भिक्टोरियाका भि जिक्र है । और रामायण भगवान बुद्ध द्वारा बताया गया दसर्थ जातकका राम पन्डित और माहायान बौद्ध धर्मका बहुत हि चर्चित माहायाना शुत्र लन्कावतार शुत्र ( जिसे वोधी धर्म चिन अपने साथ ले गए थे ,जिनहोने जेन बुद्धिजम और कुङ्ग फु स्थापना किया ) इसि शुत्रका पात्र बोधिष्त्त्व यक्ष राज रावाणको भिलियन बनाके बौद्ध धर्म विरुध रचा गया काल्पनिक पुस्तक है। भगवान बुद्धके समय कोहि हिन्दु नहि था बल्की उस समय श्रवण और वैदिक ब्राह्मण परमपरा था जाहा ६२ से ज्यादा श्रवण परमपरा था और भगवान बुद्धके परिवार श्रवण परमपरा मान्ते थे । इसि लिए वह गृह त्यागके वाद २ श्रमण गुरुके पाश गए जिनहोने उने ७ और ८ औ अरुप समाधी सिकाए थे , जिसको बौधिष्तव शिद्धार्थने कुछ हि हप्तोमे पा लियाथा । आजका युगमे फेक न्युज नहि टिकता है , जल्द हि पुरे विश्वको सहि जानकारी पता लग रहा है । सत्य और सुर्यको अधिक समय छुपाया नहि जा सक्ता है, सत्य और असत्यमे सदा सत्यका हि जित होता है ।शनकराचार्यका गुरुका गुरुका गुरु थे "गौडपाद", वह भगवान बुद्ध और प्रसिद्ध बौद्ध गुरु नागार्जुन , वसुवन्धु से इत्ने प्रभावित थे कि शब्द शब्द सहित श्लोक कपि किए थे। वह हमेसा पहेले भगवान बुद्धको नमन कर्नेके वाद हि बदरायनको ( ब्रहमशुत्रका लेखक) नमन कर्ते थे। यह गलत अफवाह फैलाया जाता है कि शनकराचार्य ने बौद्ध गुरुवोको हराया इसि लिए बौद्ध धर्म लुप्त हुवा। लेकिन शनकराचार्यका सबसे पुराना २ बायोग्राफी ( शंकराविजय , शंकरादिगविजय) मे वह किसि भि बौद्ध गुरु से शास्तार्थ कर्ते नहि लिखा है। बल्की यह जिवनीमे साफ लिखा है कि कुमारिल भट्टने राजा सुधनवाका ( जिसने अपने शैनिकको आदेश दिया था कि बौद्धको मार्नेवालोको वह इनाम देगा और जिसने नहि मारा उसको वह स्वयम् मारेगा) शैनिक लेकर केरेलाके सारे बौद्धको मारा( बचचे , बुढे , स्त्री किसिको नहि छोडा) सारे बौद्ध विहार और स्तुपको तोडा और पुरे भारतवर्षमे केरेला सब्से पेहेले बौद्ध धर्म नष्ट होने वाला राज्य हुवा। शंकराचार्यने कुमारिल भट्टसे मुलाकात किया और उनका मिसनको आगे बढाया और वह यहि शुद्धनवाका शैनिक लेके शास्तार्थके लिए चले थे ( भला एक विद्द्वान्को क्यु शैनिक चाहिए? )।१०औ शताब्दिमे बाजसपती
@@urgenlama7302भाई मैं बौद्ध विहार संकिशा के पास छोटे से गाँव में रहता हूँ हमरे पुराज शाक्य सरनेम का उपयोग कर रहे है कोई हमें किसी का वशज बोलता है कोई किसी का सभी संनातन धर्म का पालन कर रहे हैं और बुद्धाधर्म में भी उतनी ही आस्था रखे हैं बुजुर्ग अभी भी हमें जातक कथा सुनआते हैं गाँव के सभी ध्यान में विश्वास करते हैं और रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करते हैं हम आज भी अज्ञान हैं क्या सच है क्या झूठ बुद्धंम शरणंम गच्छामि🙏🙏
विशाल जी सादर नमन 🙏 सनातन समीक्षा चैनल के राजेश कुशवाहा और नटराज नचिकेता जी को भी आप आमंत्रित करें । इनके शोध से निश्चय ही लाभ ही प्राप्त होगा।🙏 इनका क्षेत्र प्राचीन इतिहास और पुरातत्व है।
खाना पीना छोड़कर कोई ज्ञान प्राप्त नहीं कर सकता। जब हमारा शरीर भूख से विआकुल होता है तो हमारा दिमाग काम करना बंद कर देता है। विज्ञान ने साबित कर दिया है कि दिमाग़ के विकास के लिए अच्छा खाना बहुत जरूरी है
Waw ....great great podcast ...pichle kch waqt se ye nav boddho ki social media pr sanatan virodhi comments or harkato ki wajah se mai kahi na kahi shree gautam buddh or bodh dharm ka virodhi hogya tha lekin ye podcast dekhne k baad muje realise hua k he was d real awaken one wo ek mahaan sidh aatma the ..or jyada respect badh gyi mere mann mai ab gautam buddh ji k liye kbcoz he was also a part of our great sabhyta n dharma ...bs wo sansar ko ek jyda saral marg dikhana chahte the moksh ka ❤
Sahi to bolte hai brahman bahar se aye hai to tum log brahman dharm palan kar rahe ho to tum log kaise hindu ho gaye aur hindu sanatan naam ka koi dharm hai kya apni kitab padke bata😂. @@lipun1531
काही असो सर्वच काल्पनिक आहे कारण 150 वर्ष इंग्रजांनी भारतावर राज्य केलं आहे ते पण 33 कोटी देव असताना कुणाच्या धर्मात काहीच पावर नाहीये कारण पावर असेल तर कुणालाच काम धंदा करावा लागेल नसते सर्व सर्वांच्या धर्मात सर्व असून भारतावर राज्य केले सर्वांनी हे लक्षात ठेवा आमचा बौद्ध धर्म श्रेष्ठ आहे कारण त्या धर्मात देव वगैरे काही नाही.❤❤ I love you डॉ बाबासाहेब आंबेडकर
Budh nahi ...budhu 😂😂😂 budhism budh ne banaya tha kya?? 😂😂har jagah budh tha or har mandir bodho ne banaya to bodho ne to sara time labour ki tarah bitaya hoga to ye engeneering budh ne sikhayi ya uske followers ne jinhone sansarik sadhano ko chodne ke baad bhi construction ka business shuru kar diya... Yaani budha ne real state ka kaam shuru kiya tha..?? 😂😂😂abe logically soch budh se pahle bhi log they.. Megasthaneej bhi videshi hi tha agar usne kuch nahi likha to fir quran me bhi budha ka koi jikar nahi iss hisab se to Tu islam follow kar kyuki unka adam pahle aaya. 😂😂 bohot sare proof hai sanatan ke khud budh hi proof hai... 😂😂😂
एक बार जो सबसे अच्छी लगी सबसे प्यारी लगीकि आपकी पॉडकास्ट तीतर बटेर की तरह लड़ाईनहीं दिखाती है हालांकि बातें सभी जवलंत मुद्दों पर होती है पर बड़े प्यारे और मधुर अंदाज में। बहुत ही संतुलित । अंत में दर्शक दो नो ही विद्वानों के श्रद्धा स्नेह आभार ही महसुस करने हैं। दोनो पक्षों के प्रति आदरभाव ही रहना है। बहुत सी भ्रांतिया मिथक खत्म हो जाती है। ज्ञानप्रद और प्रेरणादायी । बहुत बहुत आभार ।
@@urgenlama7302 लामा जी ! आपके दलाई लामा जी शिव मन्दिर में शिव जी की पूजा अर्चना कर रहे हैं । महात्मा गौतम बुद्ध के पूर्व आपके भी पूर्वज सनातनी ही थे। आप मनुस्मृति पढ़ने की बात कर रहे हैं , मैंने उसे देखा भी नहीं है ।
@@rahulshinde7704 🙏 माननीय सर्वप्रथम आपको ये समझना होगा कि सनातन संस्कृति पहले थी या बौद्ध मत । यदि बौद्ध मत बाद में आया तो 'सनातन' शब्द उन्होंने सनातन संस्कृति से चुराया है । यदि आप को लगता है कि सनातन संस्कृति बौद्ध मत के बाद आया है तब आप और अध्ययन व अनुसंधान करें। महात्मा गौतम बुद्ध तीन वेदों का अध्ययन किए थे, कपिल मुनि के सांख्य दर्शन के ज्ञाता थे । उनके सारे विचार जैन मत और सनातन संस्कृति से प्रेरित और प्रभावित थे।
कुछ भि , पुराण २ शताब्दी से लेकर १८ औ शताब्दी तक लिखा गया है , क्यु कि १४ ,१५ औ शताब्दी के राजाका जिक्र है और भविष्य पुराणमे तो भिक्टोरियाका भि जिक्र है । और रामायण भगवान बुद्ध द्वारा बताया गया दसर्थ जातकका राम पन्डित और माहायान बौद्ध धर्मका बहुत हि चर्चित माहायाना शुत्र लन्कावतार शुत्र ( जिसे वोधी धर्म चिन अपने साथ ले गए थे ,जिनहोने जेन बुद्धिजम और कुङ्ग फु स्थापना किया ) इसि शुत्रका पात्र बोधिष्त्त्व यक्ष राज रावाणको भिलियन बनाके बौद्ध धर्म विरुध रचा गया काल्पनिक पुस्तक है। भगवान बुद्धके समय कोहि हिन्दु नहि था बल्की उस समय श्रवण और वैदिक ब्राह्मण परमपरा था जाहा ६२ से ज्यादा श्रवण परमपरा था और भगवान बुद्धके परिवार श्रवण परमपरा मान्ते थे । इसि लिए वह गृह त्यागके वाद २ श्रमण गुरुके पाश गए जिनहोने उने ७ और ८ औ अरुप समाधी सिकाए थे , जिसको बौधिष्तव शिद्धार्थने कुछ हि हप्तोमे पा लियाथा । आजका युगमे फेक न्युज नहि टिकता है , जल्द हि पुरे विश्वको सहि जानकारी पता लग रहा है । सत्य और सुर्यको अधिक समय छुपाया नहि जा सक्ता है, सत्य और असत्यमे सदा सत्यका हि जित होता है ।शनकराचार्यका गुरुका गुरुका गुरु थे "गौडपाद", वह भगवान बुद्ध और प्रसिद्ध बौद्ध गुरु नागार्जुन , वसुवन्धु से इत्ने प्रभावित थे कि शब्द शब्द सहित श्लोक कपि किए थे। वह हमेसा पहेले भगवान बुद्धको नमन कर्नेके वाद हि बदरायनको ( ब्रहमशुत्रका लेखक) नमन कर्ते थे। यह गलत अफवाह फैलाया जाता है कि शनकराचार्य ने बौद्ध गुरुवोको हराया इसि लिए बौद्ध धर्म लुप्त हुवा। लेकिन शनकराचार्यका सबसे पुराना २ बायोग्राफी ( शंकराविजय , शंकरादिगविजय) मे वह किसि भि बौद्ध गुरु से शास्तार्थ कर्ते नहि लिखा है। बल्की यह जिवनीमे साफ लिखा है कि कुमारिल भट्टने राजा सुधनवाका ( जिसने अपने शैनिकको आदेश दिया था कि बौद्धको मार्नेवालोको वह इनाम देगा और जिसने नहि मारा उसको वह स्वयम् मारेगा) शैनिक लेकर केरेलाके सारे बौद्धको मारा( बचचे , बुढे , स्त्री किसिको नहि छोडा) सारे बौद्ध विहार और स्तुपको तोडा और पुरे भारतवर्षमे केरेला सब्से पेहेले बौद्ध धर्म नष्ट होने वाला राज्य हुवा। शंकराचार्यने कुमारिल भट्टसे मुलाकात किया और उनका मिसनको आगे बढाया और वह यहि शुद्धनवाका शैनिक लेके शास्तार्थके लिए चले थे ( भला एक विद्द्वान्को क्यु शैनिक चाहिए? )।१०औ शताब्दिमे बाजसपती
सिंधु घाटी सभ्यता जो 7000 ईसा पूर्व से 1800 ईसा पुरानी है उसमे कही सनातन ब्रह्मण या संस्कृत भाषा नही पाई यह तक की राखीगढ़ी में मिले कंकाल से ये पता चलता है की उनका डीएनए ब्रह्मण का डीएनए अलग अलग है, ब्रह्मण विदेशी है और सनातन धर्म नही धंधा बना दिया इन चुनमगो ने
sandas samiksha bolta hai darius pe hindu word likha hai jabki hindu ye word likha hi nahi hai usne kaha ki hindu ka arth gaali nahi aur apne pichwade ke dum se usne debink kiya par Lughat e kishwari or kishori mai hindu ka arth Decoit,theif etc aisa likha hai kya hi credibility hai sandas samiksha ki XDDDD
Mai kushwaha hu aur meri family mai Bhagwan budhha ki bhi puja karte he kyunki wo Shakya caste ke the to bhai hum to budhha bhagwan ko mante hi nhi he ki wo alag relegion he ....Jai Shree Ram 🚩 Namo Budhaye🚩
बौद्ध धर्म बुद्धि ज्ञान अनुभव अध्यात्म सत्य सनातन का धर्म है न कि ढकोसले का। नमो बुद्धाय 🕉️☸️। वह चाहे पुराना हो या नया लेकिन है अंधविश्वास पाखंड के खिलाफ। लोगों को वर्ण व्यवस्था, वर्णसंकरता, ब्राह्मण प्रधानता, जातिगत जन्मजात पेशे से आजादी दिलाने वाले और निर्वाण पद पर ले जाने वाले बुद्ध है। ये दोनों हिंदू हैं।
06:29 आज हम जीतना भी हम बुद्ध धर्मके बारेमे जानेंगे वह हम बहुतही पढ़े लिखे ओर विद्वान व्यक्ति से जानेंगे😂😂😂 ("No part time budhdhist harm in this sentence)
बौद्ध संप्रदाय और संतान धर्म में से कौन पुराना है, इस पर सवाल उठाना स्वयं बुद्ध का अपमान है 😑 बौद्ध संप्रदाय स्वयं सनातन धर्म का भाग है, यह सांख्य दर्शन पर आधारित है जो हमारा है, निःसंदेह बौद्ध संप्रदाय भी हमारा है। समस्या यह है कि जिस क्षण आप थोड़े भी दुर्बल होते हैं, आपके रिश्तेदार भी आपसे दूर होने लगते हैं और जब आप बलशाली होते हैं तो वे अपनी दुम हिलाते हुए आपके पास आते हैं, यहां तक कि अनजाने भी आपसे जुड़ने के लिए ऐतिहासिक साक्ष्य गढ़ लेते हैं। इसलिए मेरे सनातनी भाइयों और बहनों, अपने धर्म के प्रति जागरूक रहें, ज्ञान का प्रसार करें, धर्म को आगे बढ़ाएं, धर्म शक्तिशाली होगा तो स्वतः छोटी मोटी समस्या दूर हो जाएगी।
Vishal ji aaj to Mera bahut bada sobhagya hai me itni sarthak Gyan charcha me shamil hu..bahut guni aur gyanijan logo ke beech bahut aanand mil raha hai..
Science journy, Rational world, Dr.Rajendra Prasad Sinh, Hamara ateet, Bundelkhand M Education, Human with science, जैसी चैनल पर जाओ। वहां सच्चा इतिहास पुरा तात्विक प्रमाणोंके साथ मिलेगा। आप लोग मिथक धार्मिक ग्रंथोकी सिर्फ बातें करते हैं प्रमाणों दिखाते नहीं। सभी धार्मिक ग्रंथो सिर्फ काल्पनिक पात्रों और काल्पनिक (मिथक) कथाएं/कहानीओ पर ही आधारित है, जो सच्चा इतिहास नही होता।
बड़े भाई अपने साइंस जर्नी से मेरा एक सवाल पूछ लेना उसके औकात का पता आपको लग जाएगा।बस उससे बुद्ध के समकालीन का एक पुरातात्विक एविडेंस मांग लेना। और हां अगर वाकई में उसके पास इतना जानकारी है उसका सनातन समीक्षा से पिछवाड़ा क्यों फट जाता बस इतना ही पूछ लेना बाकी आप सब समझ जाएंगे।
@@parmatmakumar-co8jbinki samajh me nahi aayega ki in channels ki aad me wo kya khel khel rahe hai... Inhe proof chahiye.. Archeological proof jo scientifically proved hai wo to ye mante nahi.. Khud budh sanatan ka sabse bada proof hai ye wo nahi manege kyuki inka brain washed kiya ja chuka hai.. Dost
आचार्य योगेश भारद्वाज जी को दुबारा बुलाए पिछली वीडियो में बहुत जबरदस्त तार्किक बातें कही और तार्किक उत्तर दिया था और साथ में धर्म पर चर्चा करने के लिए एक पौराणिक विद्वान को भी बुलाए । आचार्य योगेश जी की जितनी प्रशंसा की जाए कम है 🙏
@@HyperQuest आपके चैनल पर वैदिक धर्म पर टॉपिको पर डिबेट या चर्चा हमेशा ज्ञानवर्धक होती है जिससे तार्किक लोग वैदिक धर्म के मूल सिद्धात को जान पाएंगे। आपके कार्य को साधुवाद व नमन 🙏
मैं आप का व आपकी टीम का सहदिल से अभिनन्दन व प्रसंसा करता हुँ की आप इतनी ज्ञानवर्धक चैनल का संचालन कर रहे जो समाज में एकता व भाईचारा को बल देता है और confusion को दूर करता है l आपको व आपकी टीम को भविष्य के लिये बहुत शुभकामनायें l
Jain ,Baudh,Sikh ,adiavsi , and Dalit are not Hindus ...now Calculte how many Hindus are living in India. a fews of Dalits and adivasis have accepted Hindusim, Buddhism as well as Christianity
@@rakasindri Abe Sanatana Dharma is mother of All,Aur chahe wo hindu na ho,Par Sanatana Dharma k part jarur hai.Aur dalit adivasi kya upper se tapke kya ?
कुछ भि , पुराण २ शताब्दी से लेकर १८ औ शताब्दी तक लिखा गया है , क्यु कि १४ ,१५ औ शताब्दी के राजाका जिक्र है और भविष्य पुराणमे तो भिक्टोरियाका भि जिक्र है । और रामायण भगवान बुद्ध द्वारा बताया गया दसर्थ जातकका राम पन्डित और माहायान बौद्ध धर्मका बहुत हि चर्चित माहायाना शुत्र लन्कावतार शुत्र ( जिसे वोधी धर्म चिन अपने साथ ले गए थे ,जिनहोने जेन बुद्धिजम और कुङ्ग फु स्थापना किया ) इसि शुत्रका पात्र बोधिष्त्त्व यक्ष राज रावाणको भिलियन बनाके बौद्ध धर्म विरुध रचा गया काल्पनिक पुस्तक है। भगवान बुद्धके समय कोहि हिन्दु नहि था बल्की उस समय श्रवण और वैदिक ब्राह्मण परमपरा था जाहा ६२ से ज्यादा श्रवण परमपरा था और भगवान बुद्धके परिवार श्रवण परमपरा मान्ते थे । इसि लिए वह गृह त्यागके वाद २ श्रमण गुरुके पाश गए जिनहोने उने ७ और ८ औ अरुप समाधी सिकाए थे , जिसको बौधिष्तव शिद्धार्थने कुछ हि हप्तोमे पा लियाथा । आजका युगमे फेक न्युज नहि टिकता है , जल्द हि पुरे विश्वको सहि जानकारी पता लग रहा है । सत्य और सुर्यको अधिक समय छुपाया नहि जा सक्ता है, सत्य और असत्यमे सदा सत्यका हि जित होता है ।शनकराचार्यका गुरुका गुरुका गुरु थे "गौडपाद", वह भगवान बुद्ध और प्रसिद्ध बौद्ध गुरु नागार्जुन , वसुवन्धु से इत्ने प्रभावित थे कि शब्द शब्द सहित श्लोक कपि किए थे। वह हमेसा पहेले भगवान बुद्धको नमन कर्नेके वाद हि बदरायनको ( ब्रहमशुत्रका लेखक) नमन कर्ते थे। यह गलत अफवाह फैलाया जाता है कि शनकराचार्य ने बौद्ध गुरुवोको हराया इसि लिए बौद्ध धर्म लुप्त हुवा। लेकिन शनकराचार्यका सबसे पुराना २ बायोग्राफी ( शंकराविजय , शंकरादिगविजय) मे वह किसि भि बौद्ध गुरु से शास्तार्थ कर्ते नहि लिखा है। बल्की यह जिवनीमे साफ लिखा है कि कुमारिल भट्टने राजा सुधनवाका ( जिसने अपने शैनिकको आदेश दिया था कि बौद्धको मार्नेवालोको वह इनाम देगा और जिसने नहि मारा उसको वह स्वयम् मारेगा) शैनिक लेकर केरेलाके सारे बौद्धको मारा( बचचे , बुढे , स्त्री किसिको नहि छोडा) सारे बौद्ध विहार और स्तुपको तोडा और पुरे भारतवर्षमे केरेला सब्से पेहेले बौद्ध धर्म नष्ट होने वाला राज्य हुवा। शंकराचार्यने कुमारिल भट्टसे मुलाकात किया और उनका मिसनको आगे बढाया और वह यहि शुद्धनवाका शैनिक लेके शास्तार्थके लिए चले थे ( भला एक विद्द्वान्को क्यु शैनिक चाहिए? )।१०औ शताब्दिमे बाजसपती
मैं एक हिंदू हूं स्वामी दयानंद का अनुयाई हूं अगर बौद्ध धर्म ना कहते ना कहते हुए अगर लोगों को बौद्ध के अनुयाई कहा गया होता तो इस प्रकार के बहुत विवाद ही नहीं होते औरहिंदू
हिंदुओं से विभाजित करने का चंद्र चालक लोगों को मौका हीनहीं मिलता महात्मा गौतम बुद्ध ने कालांतर मेंसनातन धर्म की प्रस्तुतिमें में आई गई कुर्तियां एवंजटिलताओं को करने का प्रयास किया और उसकी जानकारी जटिलता की अनिवार्यता को काम करके सुगम बनाकर जनमानस के बीच में व्यावहारिक रूप में प्रस्तुत किया जिस कारण बौद्ध नाइट केअनुयायियों ने धर्म के रूप में इसका प्रचार प्रसार और अधिक गति से किया जिस कारण यह बहुत फैल सका ।मानव स्वभाव ईजी गोइंग ही है इसका प्रमाण हमें इस्लाम एवं इस आयत द्रुत गतिसे ईसाई धर्म के प्रचार प्रसार सेबी बनता है।
अगर साइंस जर्नी इतनी सच है तो वो सिर्फ़ कुछ ही श्लोक को क्यूँ बताते है भाई पूरा का पूरा पढ़ो अब चमतकार नहीं होते समजो अगर इतना जुठ होता तो इतना कुछ नहीं लिखा होता तुम दलित वर्ग से हों इसलिए अगर ब्राह्मण में या किसी अन्य जाति में जन्मे होते तो तुम ये नहीं बोलते 😂 जय अम्बेडकर अंधा
आपका प्रयास अति प्रशंसनीय है मेरे बहुत सारे सवालों के उत्तर जिनको लेकर मैं थोड़ा संशय में था उसे विशेषज्ञों के प्रमाणों ने स्पष्ट कर दिया, बहुत ही शानदार। मेरा एक सुझाव है कि इस चर्चा में साइंस जर्नी और रैशनल वर्ल्ड को जरूर आमंत्रित कीजिए क्योंकि उनके वीडियो पूरी तरह से इसका खंडन करते हैं।
jhoot ki potli. wo unka kam propganda krna PhD wale ko bat manoge ya ba pass out ki jinka kam hi propganda krna unke khdan ka kya.lena wo buddist grantho ka sire se nakar deta hai jab koi bat uske gale nahi utarti uske liye sanatan samiksha hai. aise chapri ki chinta Mt kro
कई लोग भगवान बुद्ध और गौतम बुद्ध को एक ही मान लेते हैं. दरअसल गौतम बुद्ध और भगवान बुद्ध को एक ही मानने के पीछे भ्रमित होने का विशेष कारण भी है. गौतम बुद्ध और भगवान बुद्ध के नाम, गोत्र और कार्यों में काफी हद तक समानता पाई जाती है. लेकिन गौतम बुद्ध और भगवान बुद्ध एक नहीं हैं. भगवान बुद्ध को भगवान विष्णु के दशावताओं (दस अवतार) में नौंवा अवतार माना जाता है. भगवान बुद्ध भगवान क्षीरोदशायी विष्णु के अवतार हैं. मान्यता है कि बलि प्रथा की अनावश्यक जीव हिंसा की रोक के लिए ही इनके इस अवतार का जन्म हुआ था. भगवान बुद्ध की माता का नाम श्रीमती अंजना और पिता का नाम हेमसदन था. वहीं शाक्यसिंह बुद्ध जिनके बचपन का नाम सिद्धार्थ गौतम (गौतम बुद्ध) के माता-पिता का नाम माया देवी और शुद्धोदन था. श्रीललित विस्तार ग्रंथ के 21 वें अध्याय की पृष्ठ संख्या 178 में वर्णित है कि संयोगवश गौतम बुद्ध ने भी उसी स्थान पर तपस्या कर ज्ञान अर्जित किया जहां भगवान बुद्ध ने तपस्या की थी. इस कारण भी लोग दोनों को एक मान लेते हैं. गौतम बुद्ध का जन्म कपिलवस्तु के वनों में 477 बीसी में हुआ था. वहीं बताया जाता है कि भगवान बुद्ध आज से करीब 5 हजार साल पहले बिहार के गया में प्रकट हुए थे. श्रीमद् भागवत महापुराण और श्रीनरसिंह पुराण के अनुसार, भगवान बुद्ध आज से करीब 5 हजार साल पहले इस धरती पर आए थे. जबकि जर्मन के वरिष्ट स्कालर मैक्स मूलर के अनुसार गौतम बुद्ध 2491 साल पहले आए थे. यानी गौतम बुद्ध और भगवान बुद्ध दोनों अलग हैं. भगवान बुद्ध और गौतम बुद्ध को एक मानने के भ्रम का मुख्य कारण अमर सिंह जोकि राजा विक्रमादित्य की राजसभा के नौ रत्नों में एक माने जाते थे. उन्होंने अमरकोष (संस्कृत भाषा की प्रसिद्ध कोष) ग्रंथ की रचना की थी. उस ग्रन्थ में भगवान बुद्ध के 10 और गौतम बुद्ध के 5 पर्यायवाची नाम को एक ही क्रम में लिखा गया था, जोकि गौतम बुद्ध और भगवान बुद्ध को एक ही मानने के भ्रम का अहम कारण बना. भगवान बुद्ध और गौतम बुद्ध दोनों का गोत्र 'गौतम' था, जोकि दोनों को एक मानने का सबसे मुख्य कारण था. अग्निपुराण में भगवान बुद्ध को लंबकर्ण कहा गया है, जिसका अर्थ होता है लंबे कान वाला. इसके बाद से ही भगवान बुद्ध की लंबी-लंबी प्रतिमाएं बनाई जाने लगी!
आपकी जानकारी सन्देह होता है। हमे सिर्फ ये बताये। की ये सनातनी हिंदू ही तो है। जो बुद्ध प्रख्यात हैं। उसी को गौतम या भगवान बुद्ध कहते हैं भारतीय संस्कृति परम्परा की वजह से। जो ज्ञान बुद्ध को मिला बहुत सारे ऋषि मुनि लोगो को भी था। जय श्री राम
teri gaaaand ........chutya. kitna jhut bolega......... kitna jhut chupaoge ....... tum logoko bhi malum hai.......kay satya hai tu jhut bolte bolte marne vala hai
😂😂😂 अच्छा प्रकट हुए थे।गोतम गोत्र भी होता है।😂😂 शाक्यमूनी बूध कों सिंह बना दीया वाह गपोड़ी😂😂।ऐसे ही तुम्हारे पूरखे ने बोधिसत्व को ब्राह्मणीकरण कीया है 9वीं अवतार बोलकर भ्रम फैलाया हुआ था।😂 गपोड़ी लाल बूध से पहले पूर्व बूध रहे हैं इस तरह कुल 28बूध रहे हैं।😂 गोतम बूध, शाक्यमूनी बूध, तथागत बूध ओर जानना है तो साइंस जर्नी चैनल देखो।😂😂😂 वैसे लग रहा है साइंस जर्नी से भागे हुए व्यक्ति हो तुम इसलिए बूध पर अधूरा ज्ञान पेल रहे हो।
वो इसलिए विशाल जी की जब कोई नया नया काम करता है तो उस काम के सामर्थ्य के अनुसार प्रचार करता है तो जितने भी धर्म आए है कुछ लोगों की विचारधाराओं से उत्पन्न हुवा है लेकिन सनातन धर्म मानव के सांस की तरह उसके साथ चिपका है उसके प्रचार की आवश्कता नही है बस जागरूक करने की जरूरत है❤
इन्होंने कितनी शालीनता के साथ अपने अपने विचार प्रकट किए और एक दूसरे की बातों का समर्थन किया। हमारी यही तो परंपरा थी की आपस में शालीनता से वाद विवाद करना और अच्छे विचारों को अपने मस्तिष्क में स्थान देना । लेकिन आज के दौर में इसका उपयोग कुछ लोग राजनीति में अपने फायदे के लिए करते है। चाहे हिंदू , बौद्ध,जैन या सिख हम सब एक ही मां की संताने है जो की सनातन धर्म है। हम सब भाई है। इसलिए आपस में अपने ज्ञान को लेकर मतभेद भले ही रहे लेकिन ये मतभेद ईर्ष्या भावना और एक दूसरे के प्रति घृणा भावना में न बदले ,ये सुनिश्चित करना हम चारों भाइयों की जिम्मेदारी है। अगर हम आपस में ही मेल से नही रहेंगे तो कोई बाहर वाला इसका फायदा उठाएगा। इसलिए आपस में प्रेम और भाईचारे के साथ रहो मेरे भाइयों।😊❤
sanatan dharm is the mother of all dharm. be it hinduism, buddhism, jainism and sikhim. be together and this is the time of unity against abrahmic religion
बौद्ध संप्रदाय और संतान धर्म में से कौन पुराना है, इस पर सवाल उठाना स्वयं बुद्ध का अपमान है 😑 बौद्ध संप्रदाय स्वयं सनातन धर्म का भाग है, यह सांख्य दर्शन पर आधारित है जो हमारा है, निःसंदेह बौद्ध संप्रदाय भी हमारा है। समस्या यह है कि जिस क्षण आप थोड़े भी दुर्बल होते हैं, आपके रिश्तेदार भी आपसे दूर होने लगते हैं और जब आप बलशाली होते हैं तो वे अपनी दुम हिलाते हुए आपके पास आते हैं, यहां तक कि अनजाने भी आपसे जुड़ने के लिए ऐतिहासिक साक्ष्य गढ़ लेते हैं। इसलिए मेरे संतानी भाइयों और बहनों, अपने धर्म के प्रति जागरूक रहें, ज्ञान का प्रसार करें, धर्म को आगे बढ़ाएं, धर्म शक्तिशाली होगा तो स्वतः छोटी मोटी समस्या दूर हो जाएगी।
Abe tera sanatan dharm hai hi nahin Bhai tum Brahmins (panda) logo ne Buddhism se churaya hai aur kitne illogical cheezin hain tere ramayan mai. Buddhism sabse purana hai aur yeh whatsapp University se padhai karne waale log kahte Hain buddha ka janam Hindu family mai hua tha abe pahle jaakar truth sources se padh lo agar tum panda (Brahmins) na hote toh aaj india aur aachi hoti Sanatan sirf Brahmins ka hi hai toh isse follow tum hi karo aise ghatiya neech dharma ko kaun follow karenge
@@jasimlaskar8176 what if I show you the word "सनातन धर्म" in hindu texts before the person you mentioned even was not born ? Will you then say sorry for spreading misinformation ? Reply quickly so that I can proceed
स्थान से खाने का कोई लेना देना नहीं हैं। बिश्नोई समाज कभी जीव हत्या नहीं करता न कभी मांस खाता है। गुरू जम्भेश्वर जी ने बिश्नोई पंथ की स्थापना राजस्थान मैं की थी। गुरू जी स्वयं विष्णु के अवतार थे। हमें जो शिक्षा दी है हम आज भी क़ायम है।
@@AnilKumar-e1008 बुद्ध के समय से पहले से ही "समण परंपरा" थी। समण परंपरा से ही गौतम बुद्ध और महावीर स्वामी हुए थे।उस समय "सनातन धर्म" नाम का कोई धर्म नहीं था। पुरातात्विक प्रमाण नहीं मिलते। मुगलकाल में वैदिक धर्म, अंग्रेजकाल में ब्राह्मण धर्म, सन 1947 से हिंदू धर्म, और सन 2000 से सनातन धर्म कहलाता है। इसलिए ब्राह्मणों द्वारा रचित यह ब्राह्मण धर्म समय समय पर अपना नाम बदलने में माहिर है। इस धर्म के धर्मग्रंथों सिर्फ ब्राह्मणों द्वारा ही लिखे गए हैं अन्य तीन वर्ण ने नहीं।
@@jsg5692 गोतम बुद्ध इतिहास का सबसे कायर व्यक्ती था गोतम बुद्ध के अनुयाईयो ने ही सिकंदर को आमंत्रित किया था भारत पर आक्रमण करने के लिए भारत पर आक्रमण बौध्द धम्म के आने के बाद ही सुरु हुए थे
ये दोनों गपोड़े जा रहें हैं मेरी जानकारी के हिसाब से । इन्होंने परसेप्शन बना रखा है न्यूट्रल होकर न तो बुध को पढ़ा है और न ही समझा है जो एक मात्र तरीका है बुध को समझने का
koi nahi padhe wo, kyonki tab tak likhe hi nahi agye the wo. Likhne ke liye lipi chahiye hoti hai aur Brahmi Lipi us samay ki esi thi nahi ki Sanskrit ko likh sake. Sanskrit ko Grammar se bandha tha Panini ne, aur wo hue the Buddh ke baad, ab bhala usse pehle kaunsi grammer thi Sanskrit mein aur jo Ved hain aaj dikhte hain wo sab Grammar se paripoorna hain, matlab Panini ke baad ke hone ki sambhavna hai aur Sanskrit text 100BCE se pehle ka nahi milta hai likha hua. Sanskrit ka Janm Prakrit Bhasha se hua hai, Pali ka bhi usi se hua hai. aur Inscription ke mamle mein Pali Predate karti hai Sanskrit ko.
@@anilk2100 Bhai mere.…...jo vyakti baitha h n interview me I think wo mujhse aur apse jyada shodh kiya hua h Isliye hme apna Gyan Dene ki avashykta ni h Boudh scholer h wo.... Pura reaserch krk baitha h wo
@@ty6695 biased shoddh ka koi sar pair nahi hota hai bhai, wo wahi kahega jiske prati wo biased hai, uske haath ko dhyaan se dekho, Hinduism ki chhap dikh rahi hai uske haatho mein, ab koi ek dharm ko itna manne wala hoga to wo kisi aur dharam ke prati shuddh vichar se kaise sochega. Haan Doctorate kiya hai wo baat alag hai, par isse wo sarvagyata ho jaayein ye baat saabit nahi ho jaati hai. aur haan pure Research karke koi nahi baitha hai inme se.
@@ty6695 EK bhasha jo 100BCE se pehle tak milti hi nahi hai, aur Buddh ke baad jiska grammar bana ho usme likha hua padhega wo vyakti jiski already Pali Bhasha Mother Tongue ho aur Brahmi mein jo likhte ho. ye baatein hi apne aap mein contradictory nahi lag rahi aapko?
जरा सनातन समीक्षा के कुशवाहा जी को बुला कर पॉडकास्ट कीजिए। ये बर्बली नही किताबों से दिखा कर बात करेंगे। कुशवाहा जी के अनुसार बुद्ध कभी हुए ही नही मनगढ़ंत कहानी है। ये जैन धर्म से चुराई हुई दास्तान है। कुछ मिलावट कर के।
Bhaai tu sanatani he v ya nakli he 🤔🤔🤔 baudh ho ya hindu. Apko pata hona chahiye ki budh sach m the.. aur sanatani raaja ke putraa the.. aur haa maharastra k ajantha ellora caves me aajaa saboot k liye.. budha nakli hota to baudh dharam granth ni banta.. pahle kitaab paad le bhaai.. sanatani h na to sanatan m budh v the.. pahle puratan vastu dekh.. caves m jaa . Jain dharam budh k marne k bad paida huwa🤔🤔😒😒😒 to budh jain ki copy kese.