😍🤩😎💖👍 Bhaiya next topic per Shiv maha puran ke anushar parambrahma panchamukhi sadashiv sadashiv and param sadashiv the creator gupt dev maheshwara and tridevas or multi verse or universe in sadashiv and param sadashiv per video explanation explanation kariye 🔱🕉🚩🙏 Har Har Mahadev Shiv Shiv 🙏🚩🕉🔱
हर ग्रंथो मे त्रिदेव त्रिदेवियो से परे अन्य ईश्वर कहे गए हैँ जैसे नारद पद्म विष्णु वैव्रत देवी भागवत ब्रह्माण्ड पुराण शिव लिंग पुराण मे अनंत ब्रह्माडो के त्रिदेवो से परे महावैकुंठ मे महालक्ष्मी और महाविष्णु, शिव लोक मे सदाशिव, मनीद्वीप मे त्रिपुर सुंदरी और गोलोकी राधाकृष्ण को जिन त्रिदेवो ब्रह्मा विष्णु शिव और उनकी पत्नियों उमा रमा सरस्वती द्वारा सेवित कहा है वो साधन सिद्ध जीव हैँ जो ब्रह्मा विष्णु शिव के स्वरुप मोक्ष के बाद धारण करके उन ईश्वरो के धाम मे उनकी सेवा करते हैँ और कुछ अनंत ब्रह्माडो के सृस्टि के निर्माण पालन और संहार का कार्य करने इन्ही त्रिगुनातीत सर्वेश्वर द्वारा हर महाकल्प के प्रलय बाद नई सृस्टि मे अलग 2 प्रकट होते हैँ इसीलिए अलग 2 पुरान ही नही एक ही पुराण मे अलग 2 प्रकार से त्रिदेवो त्रिदेवियो की उतपत्ति कही गयी है विष्णु पुराण मे महाकल्प मे महाविष्णु द्वारा प्रकट हुए शिव पुराण मे महाकल्प मे सदाशिव द्वारा देवी भागवत मे आदिशक्ति दुर्गा द्वारा त्रिदेव प्रकट होते हैँ गणेश पुराण मे महाकल्प मे महागणेश द्वारा सूर्य पुराण आदित्य हृदय स्रोत मे महाकल्प मे महासूर्य द्वारा भी त्रिदेव प्रकट होते हैँ. मनीद्वीप मे ललिता त्रिपुर सुंदरी और आदिशिव तथा गोलोक मे राधाकृष्ण और साकेत मे सीताराम यह रूप अपने दिव्य धाम मे परम आनंद की लीला करते हैँ यह सृस्टि और प्रलय मे भाग नही लेते इनके अंशो के भी करोड़वे अंश से सृस्टि का निर्माण होता है उन्हें ही विराट पुरुष, वैराज पुरुष हिरणयगर्भ कहा गया है इन हिरणयगर्भ से परमेश्वर ही विराट पुरुष रूप मे प्रकट होते हैँ हर ब्रह्माण्ड मे. इन्ही को विष्णु पुराण लिंग पुराण मे नारायण और शिव पुराण मे महेश्वर कहा है इन्ही से साधन सिद्ध जीव ब्रह्मा विष्णु शिव के रूप लेके प्रकट किये जाते हैँ हर ब्रह्माण्ड मे जो नारायण या महेश्वर विराट पुरुष हैँ वो जीव या पद नही स्वयं परमात्मा के विभक्त रूप हैँ इन्ही का एक अंश सृस्टि के कण कण मे व्याप्त होके अंतर्यामी पुरुष कहा जाता है जिसका वर्णन स्वेताश्वर उपनिषद मे है इसीलिए जब त्रिदेवो के रूप मे उन साधन सिद्ध जीवो को सृस्टि विषय का ज्ञान नही रहता तों इन्ही त्रिगुनातीत ईश्वरो मे से एक रूप द्वारा परमात्मा उनको ज्ञान कराते हैँ. और इसी तरह के रूप वाले अनेक त्रिदेव त्रिदेवीयां दिव्य धामों मे उन नित्य परमेश्वर और परमेश्वरी के रूपों की सेवा करते बताये गए हैँ. और शास्त्रों मे यह भी वर्णन है की अगले ब्रह्मा विष्णु शिव पद कौन धारण करेंगे 🙏🏻इसीलिए महाविष्णु, सदाशिव, आदिशक्ति दुर्गा, गोलोकी राधाकृष्ण और साकेतपती परमेश्वर सीताराम यह सब रूप मे एक ही परमात्मा हैँ इसीलिए किसी भी शास्त्र मे इन रूपों द्वारा एक दूसरे की सेवा का वर्णन नही है केवल साधन सिद्ध रूप से ब्रह्मा विष्णु शिव पद धारण किये और इनके अवतारों और उनके शक्तियों के रूपधारी जीवो से इनकी सेवा का ही वर्णन है 😎 एक परमअक्षर ब्रह्म परमात्मा ही इन रूपों मे विभक्त हुआ है आनंद धाम मे आनंद की लीला के लिए 🙏🏻निर्गुण निराकार परमब्रह्म ही अनंत रूपों को धारण करता है निर्गुण निराकार तो वास्तव मे सर्वव्यापी है 😎
जी, आपका कथन सर्वथा सत्य हैं, आपकी अभिव्यक्ति से ऐसा प्रतीत होता हैं जैसा कि किसी एक आत्मज्ञानी से ❤️🙏 लेकिन दर्शकों को ईश्वर से जुड़े सम्बंधित विषयो कि जानकारी प्रदान कराना ही मेरा उद्देश्य हैं 💞 धन्यवाद, आप मेरे चैनल से जुड़े और इतना सुन्दर विवरण जो शायद मैंने अपनी videos में नहीं दिया हो, वो आपने बताया हैं ❤️🙏🙏🙏
@@hridyavani108 Sreeman Narayan( Param Vasudeb) hi ek matra Paramatma hain ve hi Sada Shiv ban ka Ahamkar, Mahaganapati banke buddhi , Vasudeb/Mahavisnu ke roop main Aatma or, Apne Mahamaya shakti se 5 dev ta roop dharan karke Sristi, Stithi, Palan ke sath Jagat ka 20 tatva (10 indriya + 5 anubhavti + 5 bhoot) ta niyantran karte hain.