रमाशंकर साहेब विज्ञान और प्रत्यक्ष प्रमाण पर आधारित ज्ञान दे रहे हैं। रामपाल जी धर्म शास्त्र की पुस्तकों का सहारा लेते हैं। धर्म शास्त्र स्वयं में प्रमाण नहीं कहे जा सकते।
गुरु नानक देवजी महाराज जी की चरणो मे, गुरु कबिर दास महाराज जी के चरणोमे , गुरु रविदास महाराज जी के चरणोमे, और बुद्ध भगवान के चरणोमे हामारी कोटी कोटी वंदना. सप्रेम जयभीम नमोबुद्धाय सबका मंगल हो
दुनिया को ब्राह्मण ने आध्यात्मिक उच्चारण करके स्वयं लिखे हैं दुनिया को भ्रमित कर रहे हैं आंखों देखा हाल देवी देवता जैसे पृथ्वी भारत का जगत जननी मां है सूर्य देव पवन देव अग्नि देव महाराज यह सब आंखों देखा देवी देवता है इनका कहीं मंदिर कहीं नहीं मिलेगा सतयुग त्रेता युग द्वापर युग 2000000 वर्षों से कोई नहीं देखा है मानगढ़ कहानी बनकर मंदिर बनवा कर व्यवसाय कर रहे हैं जानू टीका लगाकर फोकट राम गिरधारी बना रहे हैं
@@kunjbharisahu4507 aap sab kuchh chhor digiye aapko kon bolta hai bhagwan ko mano , aap Gad boliye, allahu akbar boliye , mandir mat jayega, masjid jayega...kiya problem hai.. Tumhe maloom hai ki bed se science bani hai....pata kuchh hai nahi brahman likha hai...tulsi das kiya hai tiwari ki pandey, ki sukla batawo...bed kon likha brahman nahi likha pata karo...
यह बाबा जी तो असली पोल खोल रहा है क्योंकि वह तो लिखने वाले के हित में ही लिखा गया है इसीलिए सब वेदों को पढ़ो लेकिन उसमें सच्चाई को ढूंढो और सच्चाई नहीं है उसे वेद को मानने से क्या फायदा इंसान को मानो इंसान के धर्म को मानो
प्रवक्ता महोदय आप बहुत ठीक कह रहे हैं । और आपको भी इसमें बहुत कुछ समझाना पड़ेगा।। एक होता है बनाने वाला एक होता है उसको परोसने वाला।। किसी भी रचना को रचने में व्यापारी वर्ग से जो लोग आते हैं वह सबसे पहले जाति के लोगों काहाथ होता है । ब्राह्मण का तो इतना भर काम है उसको परोस देता है बड़ी चतुराई से।। क्योंकि परोसने वाला दिखता है मगर बनाने वाला दिखता नहीं है इसलिए परोसने वाले को ज्यादातर दोष देते आ रहे हैं।। न जाने कितनी तीज त्यौहार बना दिए अपने आर्थिक फायदे के लिए।। लेकिन जितने भी तीज त्यौहार है उनके महत्व को बताता पंडित है।। बस मिल गई पंडित जी को बुराई।।
ब्राह्मणों ने नहीं तुम्हारे जैसे ढोंगी संतों ने देश का सत्यानाश कर दिया है। जाति भेद छुवाछूत ऊंच नीच ईश्वर के प्रति नफ़रत व झूठ से भरी बातें समाज में फैलाना वह बात अलग है कि आपकी ये नफरती झूठी बातो को आधा प्रतिशत लोग भी सच नहीं मानते हैं।बनते हो संत काम सब असंतो के कर रहे हो आए तक कोई सौत ऐसी बातें समाज में की है क्या महान समाज सुधारक संत महात्मा कबीर का नाम खामखां बदनाम कर रहे हो
Sahi baat SC St OBC sabhi logo ke dimag ko gulam bna rakha hai jab Tak brahman vad ko nahi chhodoge tab Tak desh tarki karhi nahi sakta kyoki Ye ghanta bajane ke siva kuchh batate hi nahi hai namo buddhay jay bheemmji
🎈सर्व सृष्टि रचनहार कबीर परमात्मा अथर्ववेद काण्ड नं. 4 अनुवाक नं. 1 मंत्र नं. 3:- पूर्ण परमात्मा अपने द्वारा रची सृष्टि का ज्ञान तथा सर्व आत्माओं की उत्पत्ति का ज्ञान अपने निजी दास को स्वयं ही सही बताता है कि पूर्ण परमात्मा ने अपने मध्य अर्थात् अपने शरीर से अपनी शब्द शक्ति के द्वारा ब्रह्म की उत्पत्ति की तथा सर्व ब्रह्माण्डों को ऊपर सतलोक, अलख लोक, अगम लोक, अनामी लोक आदि तथा नीचे परब्रह्म के सात संख ब्रह्माण्ड तथा ब्रह्म के 21 ब्रह्माण्डों को अपनी धारण करने वाली आकर्षण शक्ति से ठहराया हुआ है। वह परमात्मा कबीर साहेब जी ही हैं। - संत रामपाल जी महाराज
कभी आपने कर्मों के लिए सोचो लोगो को गुमराह कर आपनी जेब भरना ही उचित समझते हैं लेकिन ये सच है कि ये लोग आपने आप को ईश्वर समझते है समाज को गुमराह करना ही इनका जन्म हुआ है
फिर क्या समझें अपने आप को। जब कहा गया है कि ईश्वर कण कण में व्याप्त है तो क्या समझें। कृष्ण गीता में कहते हैं कि इस धरती पर चमत्कार नाम की कोई संभावना नहीं है। बच्चा बच्चा ईश्वर ही है। ईश्वर सिवाय यदि कोई व्यक्ति वस्तु स्थान का स्वरूप न हो तो बताइए फिर किसका है?
Very true statement and this is experienced in the daily life if you follow sanatan dhram which is even cursed before any festival, pooja or special occasions.the God's even curse trees, animals for what
रामायण मे लिखा है कर्म प्रधान विश्व रच राखया जो जस कर सो तस फल पासा। कबीर दास का गुरू भी ब्राह्मण था। ब्राह्मण न होता तो ये देश मुस्लिम होता । जय जय श्रीराम जय श्रीकृष्ण हर हर महादेव
देश 700वर्ष गुलाम रहा। यदि वास्तव में एक भी व्यक्ति को स्पष्ट मालूम होता कि आत्म अमर है तो दस दिनों तक भी गुलाम नहीं बनाया जा सकता था। शब्दों के जाल में व्यक्ति की चेतना फंस चुकी थी। बड़ी बड़ी बातें करने वाले पाखंडी कुलीन तंत्र सिर्फ पवित्र पुस्तकों के शब्दों के तोते की तरह से रट्टू थे। शब्दों की भरमार प्रयोग या अभ्यास से खाली लोगों देश का बंटाधार कर दिया। इस देश के भोले भाले अशिक्षित रखे गए लोगों को झूठे चमत्कारों के चक्कर में फंसाकर रखा गया। वेद से विज्ञान पैदा हुआ मूर्खता पूर्ण बात है। ध्यान योग और कर्मयोग में दर्शन खुद पैदा होता है। जब व्यक्ति के व्यक्तित्व में दर्शन पैदा होता है तो विज्ञान पैदा होता है। अनावश्यक घमंड मत पालिए
*करुणा और मैत्री विहींन,धर्म कैसे हो सकते ?* --------------------------------- कोई भी धर्म जितना मजबूत होगा उतना ही अन्याय, अराजकता होगी और सबसे बड़ी बात असमानता और भेदभाव भी बढ़ेगा . *किसी भी धर्म का मूल्यांकन आप उससे जुड़ी किताबों और उसमे लिखी बातों से नहीं करना चाहिए बल्कि उससे जुड़े लोगों, उनके मानवीय व्यवहार और सामाजिक व्यवस्थाओं के वास्तविक मूल्यांकन के आधार पर कर सकते है.* किताबें पढ़ लेंगें तो आप मन्त्र मुग्ध हो जायेंगे और भ्रम से ग्रसित हो जायेंगे ! ऐसा लगेगा कि ये भ्रम कभी ख़त्म न हो ? *धर्म तो स्वप्न लोक पर आधा- रित हैं जिसमें वास्तविकता और आदर्श न्यूनतम होते हैं* . *अब उस धर्म से जुड़े लोगों का मूल्यांकन भी करिये !* *क्या वो न्यायिक हैं ? क्या उनमें करुणा और मैत्री में रुचि और चाहत दिखाई देती है ?* *क्या उन इंसानों में समानता का भाव दिखता है ?* *क्या वे एक-दूसरे पर वैवाहिक सामाजिक प्रतिबंध थोपते हैं ?* क्या वो सत्ता से जुड़े हैं ? क्या वो सत्ता को नियंत्रित करने का प्रयास करते हैं ? उस धर्म का वास्तविक स्वरुप आपको उन लोगों में मिलेगा, दिखाई देगा. *पूंछतांछ और शोध उप- रांत आप पाएंगे उनमें से अधिकतर क्रूर,अन्यायी हिंसक, श्रेष्ठता के दम्भ से भरे होंगे !* *साभार हिमांशु कुमार फेसबुक पेज*
इस दुनिया ऐसा कौनसा समाज है जिसका कोई धर्म नही है मुस्लिम समुदाय में भी मोलवी उलेमा काजिम क़ुरान/हदीस आदि होते हैं ईसाईयों के लिए बाईबल चर्च फादर ईसा मसीह बोद्ध/जैन के भी धर्म गुरु मन्दिर पुजा सब है सिखों के गुरुग्रंथ साहिब धर्म गुरु गोविंद सिंह गुरु नानक देव गुरु तेग बहादुर जी ऐसे और भी बहुत धर्म व्यवस्था को लेकर चले आए है पर बुराई सिर्फ हिन्दू धर्म में ही है क्योंकि हिंदी धर्म में हमेशा दया भाव रहा धर्म में कट्टरता नही सिखाया संत रमाशंकर साहब आप में हिम्मत है तो मोहम्मद साहब के धर्म की विवेचना करते बताओ भारत गरीब मुस्लिम भी आदिवासी समाज समुदाय से आता है दलित और आदिवासी मुस्लिम समाज भाई भाई है मुस्लिम समुदाय के मोहम्मद साहब परिवार के बारे मे भी उपदेश देना चाहिए था नही दिया तो अब आगे दे देना
जो हो रहा है सब अच्छा होगा और आगे भी अच्छा होगा देखते रहो हम इतना समझ कि पहले से अभी चल रहा ठीक है सबसे बड़ी चीज जीने के लिए रोटी कपड़ा और मकान और अग्नि दाह संस्कार सबसे बड़ा संस्कार है
आचार्य जी प्रणाम वेद को स्वयं परमात्मा की वाणी है इसका कोई लिपिबद्ध नहीं है नंबर दो वेद में कोई बात झूठ नहीं है नंबर 3 खीर खाने से बच्चा पैदा नहीं हुआ खीर के अंदर कई प्रकार की औषधियां खिलाई गई थी बिना दशरथ के बच्चे पैदा हो गए ऐसा नहीं है और आप अपने ज्ञान की चर्चा करो तो अच्छा रहेगा निंदा नहीं करनी चाहिए
Mandodari mendak se peda Hui sitaji matki se peda Hui magardhwaj machhli se peda hua sarng Rishi hirni se peda hua Ganesh Mel se peda huaa brhma ke mukh se brahman peda hua bhuja se chhaktriya pet se veshy per se shudra ye sab teknologi ab kyo band ho gai
वेदों में सच या झूठ कुछ भी नहीं लिखा हुआ। सच या झूठ दोनों को लिखा नहीं जा सकता। क्योंकि शब्दों की अपनी सीमाएं हैं और सच या झूठ सीमाओं में नहीं बांधे जा सकते। वेद उपनिषद सब शब्द संकेत हैं सत्य की ओर इशारे भर हैं। इशारों को ही लोग सत्य मानकर बैठ गए। इसलिए भारत सिर्फ़ मान्यताओं पर चलने वाला देश रह गया। लकीर का फ़कीर बनकर रह गया। भारत खोजियों का देश रहा है लेकिन आज सिर्फ़ परंपराओं और मान्यताओं का देश बनकर रह गया है। मान्यताएं और परम्पराओं पर चलते चलते भारत पखंडियों का देश बन गया। पाखंड और चेतना शक्ति दोनों अलग अलग तथ्य हैं। सत्य लिखा या पकड़ा नहीं जा सका आज तक। क्योंकि सत्य दर्शन है जिसे खुद में खुद से ध्यान होकर ही देखा जा सकता है लेकिन दिखाया नहीं जा सकता। सत्य निजत्व के चैतन्य अस्तित्व में ही उतरता है। कृष्ण कबीर निरंतर प्रकाशित और प्रसारित होने वाली चेतना की परम घटना हैं। इसलिए किताबें पढ़ो समझो किंतु बिना ध्यान में उतरे किसी को कोई ज्ञान नहीं होता है। बस शब्दों का लोड ही दिमाग में भूत की तरह समा जाता है। गीता कुरान वेद किसी और के ध्यान से पैदा हुए तात्कालिक कारण से अवतरित शब्द हैं। अंतिम सत्य नहीं हैं। क्योंकि सत्य और झूठ दोनों अनंत हैं। Nothing is truth and nothing is false, time to time everything is truth and everything is false
Ye bath सत्य है bramadh ne ही हिंदू धर्म का sarvnash kr दिया, शिर्फ जातिवाद करके आज कल हिंदू mushlman करते है, sabse पहले सभी हरिजन भाई लोगो को braman बनाये
आज के जमाने में इस तरह का प्रवचन देना क्या समाज को बांटना नही है आज देश के सभी समाज के लोग अच्छी शिक्षा पा रहे हैं और अच्छे अच्छे पद पर आसीन हैं राजनीति में भी सभी वर्ग के लोग मंत्री हैं आप कहां ये जातिवाद फसे है रमाशंकर जी गरीब और असहाय बच्चों को शिक्षा दें तो आप का नाम होगा और बच्चों को सही रास्ता मिलेगा कहां लोगों को आपस में द्वेष और घृणा में डाल रहे हैं
Pothi padhi padhi Jag mua pandit bhaya Na koi ek dhai Akshar Prem ka Parichay pandit hue Maharaj ji ke vakya mein katata hai isliye Maharaj kahani ke layak nahin hai Jay Shri Ram
🚩हिंदू हो तो हिंदू बनना सीखो कंधो से बड़ी छाती नई होती और हिंदू धर्म से बड़ी कोई जाति नहीं होती !🚩 दीपक ही नहीं बचा तो बाती का क्या करोगे हिंदू धर्म ही नहीं बचा तो जाति का क्या करोगे! सत्य सनातन धर्म🚩🚩🔥🚩🚩