ऋषि जायसवाल
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धार जिले के
जीरापुर के मानसरोवर तालाब में गहरे पानी के बीच घंटों आसन लगाकर पानी में करते हैं रामचरितमानस का पाठ
गहरे पानी के बीच पद्मासन की क्रिया को देख श्रद्धालु हो रहे हैं आश्चर्य चकित
बीते 35 वर्षों से लगातार रामायण पाठ करने का क्रम है ज
धार जिले के 64 योगिनी मानसरोवर माता मंदिर जीरापुर में एक भक्त की भक्ति को देख श्रद्धालु आश्चर्यचकित है। 60 वर्षीय भक्त द्वारा मानसरोवर तालाब के गहरे पानी के बीच घंटो रामचरितमानस का पाठ करते हैं। पद्मासन क्रिया द्वारा भक्त द्वारा प्रतिदिन रामचरितमानस के 120 दोहों का पाठ कर रहे हैं। इस भक्त के द्वारा 9 दिनों तक लगातार रामचरितमानस का पाठ किया जाएगा बताया जाता है कि बीते 35 वर्षों से वह गहरे पानी के बीच रामायण पाठ करते आ रहे हैं।
नवरात्रि पर्व का दौर चल रहा है। हर कोई भक्त माता की आराधना और भक्ति में लगे हुए हैं। अलग-अलग तरीके से लोग भक्ति पूजा कर रहे हैं। ऐसे ही अनोखी भक्ति क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। शिक्षक अशोक दायमा यहां स्थित मानसरोवर तालाब में गहरे पानी के बीच पद्मासन क्रिया द्वारा करीब 2 से 3 घंटे रामचरितमानस का पाठ करते हैं। बीच-बीच में वह रामचरितमानस के दौरान शंखनाद भी करते हैं। एक हाथ में शंख दूसरे हाथ में रामायण रहती है। उसके बावजूद उनकी क्रिया अनवरत जारी रहती है। नौ दिनों में वह रामायण के 9 पारायण का पाठ करेंगे।
35 वर्षों से करते आ रहे हैं पद्मासन क्रिया
तालाब के गहरे पानी के बीच दोनों पैर पालकी बनाकर लेटे रहना अपने आप में एक अनोखी क्रिया है उनसे चर्चा की तो उन्होंने बताया कि वह यह क्रिया बीते 35 वर्षों से करते आ रहे हैं। और प्रतिदिन व मानसरोवर माता मंदिर तालाब में आकर रामचरितमानस का पाठ करते हैं।
विरासत में मिली उन्हें यह कला
गहरे पानी के बीच लेटे रहने की कला उन्हें विरासत में मिली है उनका कहना है कि उनके पिता ने उन्हें 10 वर्ष की उम्र से ही तैरना वह पद्मासन क्रिया करने की कला सिखाई थी तब से वह पाठ करते आ रहे हैं।
लोगों के लिए है प्रेरणा का संदेश
तालाब में प्रतिदिन क्रिया के दौरान बड़ी संख्या में यहां श्रद्धालु उन्हें देखते हैं उनका कहना है कि उन्होंने उनके परिवार में बच्चों सहित कई लोगों को तैरना वह यह क्रिया सिखाई है। बुजुर्गों द्वारा मिली इस विरासत को मैं आगे भी बढ़ाना चाह रहे हैं। जिससे कि आने वाली पीढ़ी भी पानी में लेटे रहने की क्रिया को सीख सके।
9 окт 2024