जैसे कन्हैया कुम्भनदास जी के पास में होने पर भी कुम्भनदास जी ने मंदिर नहीं छोड़ा वैसे हीं हम आपको नहीं छोड़ेंगे महाराज अब आपकी शरण में आ गए हैं😊🙏 आपने ही ठाकुर जी से मिलवाया है में निशब्द हु प्रभु 🙏 कभी आपसे भेट हो जाए दूर से ही सही आपके चरण स्पर्श कर पाए यही कामना है 🙏