मैरी जन्म भूमि भी जौलजीबी के पास है आप के माध्यम से आज चालीस वर्ष बाद देख ने को मीला जेहो उत्तराखंड बहुत सून्दर है भाइ जी बहुत बहुत धन्यवाद आप का आप ने। ब्लॉग के माध्यम से दीखा या ❤❤
चैनल के माध्यम से स्थानीय जनों से संवाद , नदी तट पर स्थित अनजान मालदार जी का पुराना बड़ा सा घर , जौलजीबी मेले का स्थल , काली- धौली का प्रवाह , दोनों मित्र देशों को जोड़ने वाले पुल आदि बहुत अच्छे लगे। निजाम भाई जान का संवाद हमें सीखाता है कि हम सभी को आपसी भाईचारे के साथ रहना चाहिये क्योंकि जीवन बहुत छोटा तथा बहुत ही अनिश्चित है। बेटा जी आपके परिश्रम को सलाम है।😊😊
चंद्रशेखर भाई, महत्वपूर्ण जानकारियों से युक्त बहुत सुंदर ब्लॉग।आभार,धन्यवाद,हार्दिक शुभकामनाएं💐--शिव चरण मुंडेपी दिल्ली से(मूल निवासी-पौड़ी गढ़वाल उत्तराखंड)
पलायन का दर्द साफ साफ दिखाई दे रहा है, इससे कारोबार - व्यापार बहुत ज्यादा प्रभावित हो गया है। विडियो में ये सब स्थिति देख कर बहुत ज्यादा दुख हो रहा है। भविष्य मे पता नही क्या होगा!
पांडे जी जै हो आपकी,आज आपने जोलजीवी मार्किट दिखा दिया और वहां की संस्कृति का वर्णन किया मेले वाली जगह दिखाई आपका बहुत धन्यवाद शिव मंदिर दिखाया, मार्किट तो अच्छी है पर बिजनीश कैसा होगा,ये बात मीन होगी,जिससे पलायन रुकना चाहिए,। धन्यवाद के साथ,। डी सिंह कठायत
आपके चैनल के माध्यम से उत्तराखंड और नेपाल बॉडर आदि स्थानों को वीडियो में देखने को मिलता है बहुत अच्छा लगता है आप मंदिरों के स्थान न दिखाया करें क्योंकि सभी देवी देवता काल्पनिक है आपका बहुत बहुत धन्यवाद 🙏👌
प्रणाम सर ! कृपया ध्यान दें । हमारे परिवार ने लगभग 70 साल पहले अल्मोड़ा से पलायन किया था। क्या आप हमारा गाँव ढूंढ़ने में हमारी कोई सहायता कर सकते है? यदि हाँ तो हम आपसे कैसे संपर्क करें? अभी हम नॉएडा में रहते है। धन्यवाद !