वर्तमान में भारत में भारत में जो दो तरह के कानून लागू होते हैं उनमें से जो अपराधिक मामले के कानून है उसने केंद्र सरकार ने परिवर्तन करने के साथ-साथ 1 जुलाई 2024 से उसे भारत में लागू कर दिया यह कानून पहले जिस नाम से जाना जाता था उसे नाम के स्थान पर अब नया नाम दे दिया गया है 1 जुलाई 2024 से पहले सीआरपीसी जिसे कहते हैं कोड आफ क्रिमिनल प्रोसीजर को अपने नाम से भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के नाम से जाना जाएगा
दूसरा आईपीसी जिसे इंडियन पेनल कोड के नाम से जाना जाता है उसको अब नए नाम से भारतीय न्याय संहिता 2023 के नाम से जाना जाएगा
तीसरा इंडियन एविडेंस एक्ट के नाम से जाने जाना वाला कानून अब भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के नाम से जाना जाएगा यह तीन कानून वर्तमान में भारत सरकार ने पूरे भारत में एक समान कुछ अपवाद को छोड़कर के लागू कर दिया है जो सभी भारतीय नागरिकों और अन्य लोगों पर भी समान रूप से लागू होगा।
जिस तरह से भारत सरकार ने इस तीन कानून को लागू किया इस तरह से भारत सरकार को इसी कानून में एक और कानून बनना चाहिए था झूठ बोलने वाला या झूठा कोई प्रमाण पत्र या कोई भी एविडेंस प्रस्तुत करने वाले को लिए भी कठोर से कठोर सजा का भी प्रावधान करना चाहिए था अगर झूठ बोलना अपराध घोषित कर दिया जाए तो बहुत सारे केसेस अपने आप कहीं ना कहीं खत्म हो जाएंगे या कमजोर पड़ जाएंगे क्योंकि अधिकांश कैसे झूठ आधार पर ही डाले जाते हैं या दाखिल किए जाते हैं कारण क्या है किसी को भी किसी भी तरह का कोई भी दंड नहीं मिलता इसका कारण यही है।
जिस दिन भारत सरकार झूठ बोलने वालों के लिए सख्त से सख्त कानून बनाएगी उसके बाद भारत सरकार और राज्य सरकार के लिए आदि समस्याएं सोते हैं खत्म हो जाएगी और हर विभाग के अधिकारी कर्मचारी या आम जनमानस कहीं ना कहीं इस चीज से अपने को दूरी बनाकर के ही रखेंगे और किसी की भी मामले में झूठी गवाही या झूठा बयान या झूठी पत्रावली पेश नहीं करेंगे ना तो कोई झूठ इस तरह का सबूत उपलब्ध कराएंगे जिस किसी का झूठ बोलने से लाभ हो सके।
इसी के साथ सरकार को सभी नागरिकों के लिए केवल तीन चीज ही निशुल्क जिसे कहते हैं फ्री में उपलब्ध कराना चाहिए उसमें पहली चीज है शिक्षा दूसरा स्वास्थ्य तीसरा न्याय इस तीन चीज के अलावा सभी चीज पेमेंट पर निर्भर होना चाहिए निशुल्क नहीं देना चाहिए अगर सरकार इन तीन चीजों को उपलब्ध करा देती है बाकी चीज जनता खुद अपने आप में समझे और उसे करने का कार्य करें सरकार यहां पर अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग प्रलोभन देकर के जनता को कहीं न कहीं विकलांग बनाने का कार्य करती है और एक समय के बाद व्यक्ति इस पर निर्भर होता चला जाता है और अपने विकास को भूल जाता है तो यहां पर यह देखने की जरूरत है कि जो यह तीन चीज बात की जा रही है इन पर केवल ध्यान दिया जाए बाकी सभी चीजों को शुल्क युक्त कर दिया जाए उसे पर शुल्क लगाया जाए और शुल्क कठोरता से वसूला जाए अगर व्यक्ति शिक्षित होगा अगर व्यक्ति स्वस्थ होगा अगर व्यक्ति कानूनी दाव पेच से मुक्त होगा तो निश्चित है अपना विकास करने के लिए कोई न कोई युक्ति खोज ही लगा सरकार को उसके लिए बहुत ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
24 авг 2024