यह भूषा को इकट्ठा करने का नया नहीं पुराना तरीका है। हमारे एरिया में चालीस साल पहले तुडी़ के कुप ऐसे ही बनवाते थे।उस समय चारपाइयों से बनाते थे। उस समय लेबर बहुत सस्ती थी। चालीस पचास रूपए प्रतिदिन में लेबर उपलब्ध आसानी से होती थी। क्योंकि यह पानी डालकर जमाया जाता है। फिर ऊपर पोली कागज डालकर मिट्टी डाल देते थे।
@@adilkhanadil4622 यह कामयाब है। भूषा खराब नहीं होता।अगर आपने इसकी छत सही लगायी है। परन्तु तुडा़ निकलते समय सावधानी रखें और ऊपर का छत का वजन कम करते जायें ताकि तूड़ा एकदम बिखरे ना।
Bhushan mere pass nahin hai aur humne khilane ke liye parcel Bhushanhamare pass teen gau Mata hai 4 isliye main Bhushan gana chahie tha mere pass hota koi ka kamjori hai matlab ka laane ke liye kuchh bhi nahin hai isliye mein sochati hun ki parcel ho Sagar mil jaaye to mein Google se