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मंगल देव के सभी प्रभावशाली मंत्र एक ही वीडियो में। All Powerful Mangal Grah Mantra 

MANTRA SHAKTI AUR SAMADHAN
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मंगल ग्रह के सभी प्रभावशाली मंत्र एक ही वीडियो में All Powerful / Effective Mangal grah Mantra
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मंगल ग्रह के बारे संपूर्ण जानकारी उनके प्रभावशाली मंत्रों के साथ
मंगल देव मंगल ग्रह के देवता हैं और उन्हें युद्ध का देवता की माना जाता है । मंगल ग्रह और मंगल देव का रंग लाल है इसी कारण उन्हें अंगारक भी कहा जाता है।मंगल देव का वाहन भेड़ है और वे हाथों में त्रिशूल, गदा, पद्म और भाला या शूल धारण करते हैं।मंगल देव की प्रकृति तमस गुण वाली है। मंगल साहस, आत्मविश्वास और अहंकार का प्रतिनिधित्व करते हैं। जीवनसाथी- ज्वालिनी देवी है।
मंगल देव की उत्पत्ति कथा :
एक समय उज्जयिनी पुरी में अंधक नाम से प्रसिद्ध दैत्य राज्य करता था। उसका महापराक्रमी पुत्र कनक दानव था। उसने युद्ध के लिए एक बार इन्द्र को ललकारा था, तब इन्द्र ने क्रोधपूर्वक उसके साथ युद्ध कर उसे मार गिराया। उस दानव को मारकर वे अंधक के भय से भगवान शंकर के पास कैलाश पर्वत पर चले गए। और अपनी रक्षा की प्रार्थना की, भगवन! मुझे अंधक से अभय दीजिए। इन्द्र का वचन सुनकर शिव ने इंद्र को अभय प्रदान किया और अंधक को युद्ध के लिए ललकारा, युद्ध अत्यंत घमासान हुआ, और उस समय लड़ते-लड़ते भगवान शिव के मस्तक से पसीने की एक बूंद पृथ्वी पर गिरी, उससे अंगार के समान लाल अंग वाले भूमिपुत्र मंगल का जन्म हुआ। अंगारक, रक्ताक्ष भूमिसूतो तथा महादेव पुत्र, इन नामों से स्तुति कर ब्राह्मणों ने उन्हें ग्रहों के मध्य प्रतिष्ठित किया, तत्पश्चात उसी स्थान पर ब्रह्मा जी ने मंगलेश्वर नामक उत्तम शिवलिंग की स्थापना की। वर्तमान में यह स्थान मंगलनाथ मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है, जो उज्जैन में स्थित है।
मंगल दोष के निवारण हेतु आज भी असंख्य लोग इसी स्थान पर उनकी पूजा करने के लिए जाते है।
क्या है मंगल दोष या मांगलिक होना?
ज्योतिष के अनुसार किसी व्यक्ति की लग्न,चंद्र,और शुक्र कुंडली में मंगल और शनि पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में बैठे हो तो जातक मांगलिक बनता है. मंगल दोष होने से व्यक्ति का स्वभाव गुस्सैल, क्रोधी और अहंकारी हो जाता है. पत्नी और ससुराल पक्ष से रिश्ते खराब हो जाते हैं।
मंगल दोष के लक्षण:-
जिसकी कुंडली में मंगल दोष होता है, उसके विवाह में कईं तरह की परेशानियां आती है. विवाह में देरी होना, किसी कारण रिश्ता टूट जाना या विवाह के बाद जीवनसाथी के अच्छा तालमेल न बैठना , तनाव, टकराव और अंत में तलाक हो जाता है।
इसके अतिरिक्त कुंडली के द्वादश मंगल होने से शारीरिक क्षमताओं में कमी, रोग , गृह क्लेश को जन्म देता है.
आठवें भाव में , बार बार दुर्घटना होना या दुर्घटना से मृत्यु ।
चौथे भाव में मंगल अशुभ होने से खुद की प्रॉपर्टी बनने में दिक्कत आती है
ज्योतिष के अनुसार शुभ या अशुभ मंगल
मंगल ग्रह, मेष और वृश्चिक राशियों के स्वामी है और मकर राशि में उच्च के होते हैं या अपने मित्र ग्रहों या उनकी राशियों कर्क ,सिंह,धनु ,मीन में हो तो शुभ फल देते हैं और व्यक्ति को निडर और हर परिस्थिति से बाहर निकालने में सहायक होता है।
मंगल , कर्क राशि में नीच ( निम्न स्थान वाली राशि)
के होते हैं या अपने शत्रु के साथ या शत्रु राशि ( मकर ,कुंभ ) में स्थित हों तो, मंगल देव रक्त संचार के कारक ग्रह होने के कारण ब्लड, लिवर , मस्तिष्क रोग ,नेत्र रोग और हृदय रोगों का कारण बनते हैं।
मंगल के मित्र और शत्रु ग्रह
मित्र: सूर्य , चंद्र ,गुरु ,केतु
सम: बुध,शुक्र
शत्रु : शनि ,राहु
मंगल के कारक तत्व:
मंगल साहस, वीरता, शौर्य, शक्ति, क्रोध, सेनापति, युद्ध, शत्रु ,अस्त्र-शस्त्र, दुर्घटनाओं, भूमि, अचल संपत्ति, छोटे भाई -बहनों से संबंध, वैज्ञानिक, डॉक्टर्स, यान्त्रिक कार्यों, पुलिस, सेना, मस्तिष्क रोग, जानवरों द्वारा काटना, जलना,रक्त प्रवाह, घाव, शल्य क्रिया, आपरेशन, उच्च और निम्न रक्तचाप, गर्भपात इत्यादि का कारक होता है.
मंगल ग्रह के सभी प्रभावशाली मंत्र इस प्रकार है
१. मंगल ग्रह का पौराणिक मंत्र
'ॐ धरणीगर्भ संभूतं विद्युतकान्ति समप्रभम्।
कुमारं शक्तिहस्तं तं मंगलं प्रणमाम्यहम्।। '
२. मंगल ग्रह का बीज मंत्र- 'ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:'
जप संख्या- 1000 (मंगल दशा के समय)
३. मंगल ग्रह का वैदिक मंत्र-
ॐ अग्निर्मूर्धा दिव: ककुत्पति: पृथिव्या
अयम्।अपा ग्वम् रेता ग्वम् सि जिन्वति।
४. मंगल ग्रह का नाम मंत्र
ॐ भौमाय नमः
५. मंगल गायत्री मंत्र
ॐ अंगारकाय विद्महे शक्तिहस्ताय धीमहि तन्नो भौम: प्रचोदयात् ।।
६.नवग्रह मंत्र
ॐ ब्रह्मा मुरारिस्त्रिपुरान्तकारी भानुः शशि भूमिसुतो बुधश्च गुरुश्च शुक्रः शनि राहु केतवः सर्वेग्रहाः शांतिकरा भवन्तु ॥
नोट: कोई भी मंत्र १, ५,११,२१,५१,१०८ बार भक्त जन अपनी सुविधा अनुसार पढ़ सकते है।
अशुभ मंगल को शुभ करने के लिए दान और पूजा
मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा, हनुमान जी के भजन और सुंदरकांड का पाठ करें तथा हनुमान जी के मंदिर में साबुत मसूर , लाल रंग के वस्त्र, लाल रंग के फल ,पुष्प और लड्डू का प्रसाद चढ़ाए । हनुमान जी के सिंदूर और चांदी के वर्क का चोला तथा पोशाक भी चढ़ायी जाती है ।
ABOUT MANTRA
LYRICS - Traditional
MUSIC - NIL
SINGER - Pt H S SHARMA
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Опубликовано:

 

5 окт 2024

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Комментарии : 1   
@abhisheksharma7427
@abhisheksharma7427 5 дней назад
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