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मनुस्मृति को ही क्यों पढ़ाना चाहता था दिल्ली विश्वविद्यालय || Manusmriti || DU || Dr. Laxman Yadav 

Dr. Laxman Yadav
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मनुस्मृति को ही क्यों पढ़ाना चाहता था दिल्ली विश्वविद्यालय || Manusmriti || DU || Dr. Laxman Yadav
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/ @drlaxmanyadav
मैं, लक्ष्मण यादव, Writer, Social Activist, Political Analyst, Expelled Assistant Prof., University of Delhi (बहिष्कृत असिस्टेंट प्रोफ़ेसर). सामाजिक, सांस्कृतिक व राजनीतिक मसलों पर सोचना, समझना, पढ़ना, लिखना, बोलना और बातें करना अच्छा लगता है. सामाजिक न्याय की वैचारिकी से बेहद प्रभावित हूँ. सामाजिक न्याय के भीतर आर्थिक और लैंगिक न्याय का समर्थक हूँ. न्याय, समता और समानता पर आधारित मोहब्बत से सराबोर दुनिया का ख़्वाब देखता हूँ.
अगर आप भी मेरे हमख़्वाब होना चाहते हैं, तो मुझसे जुड़िये.
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आपके स्नेह और सहयोग के लिए धन्यवाद
~लक्ष्मण यादव (#drlaxmanyadav #delhiuniversity)

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5 сен 2024

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Комментарии : 1,2 тыс.   
@MAURYAVANSHI2618
@MAURYAVANSHI2618 Месяц назад
मनुस्मृति नहीं पढ़ानी चाहिए लेकिन क्या करें वहां पर भी लोग मनुवादी ब्राह्मणवादी लोग बैठे हैं
@khageshkumarpatel6754
@khageshkumarpatel6754 Месяц назад
@@MAURYAVANSHI2618 तो क्या अनपढ़ असभ्य आरक्षण के नाम पर चमार को बैठा दे इसके लिए योग्यता लाओ😃😃
@deepakkr5509
@deepakkr5509 Месяц назад
तो सविधान को भी नही मानना चाहिए तेरे हिसाब से
@user-nr1kc4no1m
@user-nr1kc4no1m Месяц назад
Namo bhudhay Awaaz uthao sanvidhan padhao Desh sanvidhan se chalta hai manusmriti se nahin
@khageshkumarpatel6754
@khageshkumarpatel6754 Месяц назад
@@user-nr1kc4no1m संविधान और मनुस्मृति दोनों को पढ़ाओ तभी दोनो में अंतर स्पष्ट होगा😃😃क्या सही क्या गलत का भी पता चलेगा😃😃
@deepakkr5509
@deepakkr5509 Месяц назад
@@user-nr1kc4no1m गलत बात है दोनो आपने आपने जगह पर है
@sneharaj7968
@sneharaj7968 Месяц назад
मनुस्मृति हटाओ मनुवाद मिटाओ सारे बहुजन एक हो जाओ
@Akhilendra96
@Akhilendra96 Месяц назад
मनुस्मृति पढ़ाई नहीं जाएगी जगह जगह जलाई जाएगी। इंकलाब जिंदाबाद।
@khageshkumarpatel6754
@khageshkumarpatel6754 Месяц назад
@@Akhilendra96 chamra ko isse jyada aata bhi nhi 😃😃
@RajKamal-cq6ed
@RajKamal-cq6ed Месяц назад
@@Akhilendra96 25 दिसंबर 1927 को भीम राव अम्बेडकर ने सार्वजनिक रूप से मनुस्मृति को जलाया था। अब हमें इस दिन मनुस्मृति दहन दिवस मानवता उत्थान दिवस के रूप में हर वर्ष मनुस्मृति जलाकर तथा संविधान को आत्मसात कर उत्सव मनाने की आवश्यकता है। ,||🇮🇳 ||) जयभीम (|| जय भारत ||\ जय संविधान 🏫 🌹 ✍️🙏🙏✍️
@Akhilendra96
@Akhilendra96 Месяц назад
@@RajKamal-cq6ed thank you so much, I salute u.
@jen4ra-vs5og
@jen4ra-vs5og Месяц назад
​​@@khageshkumarpatel6754han chamrs bahut acha hain patelon se scam mer kahike jao kisiko thug. ho idhar mat raho thug patel kahike
@jen4ra-vs5og
@jen4ra-vs5og Месяц назад
​​@@new-youthtabbi toh kharid ke jalaya godh.e
@dhannajaykushwaha7145
@dhannajaykushwaha7145 Месяц назад
आप इसी तरह मनुवादी के खिलाफ आवाज उठाते रहिए हम सब आपके साथ हैं।
@rajshrishahuraje4395
@rajshrishahuraje4395 Месяц назад
dheduvafi se ladavi samajik duri rakhe gav gav se 😂😂
@deepakkr5509
@deepakkr5509 Месяц назад
@@dhannajaykushwaha7145 पहली बात तो मनुवादी मतलब पापा होता है दूसरी बात मनुस्मृति के खिलाफ बोलने से झाट फर्क नहीं पड़ेगा बाबा साहब भी खिलाफ बोल रहे थे ओ भी ऊपर चले गए और ये भी जायेगा बहुत जल्दी भगवान इसका आत्मा को नरक में बास दे जो बोलेगा खिलाफ उसको भी भगवान नरक में बास दे नीच आदमी नीच सोच
@jen4ra-vs5og
@jen4ra-vs5og Месяц назад
​​@@rajshrishahuraje4395 😂 arey marathi nikal idhar se jake chipkali se khudwa idhar rone mat aa chadar madar ?.?
@HarishKumar-tj3db
@HarishKumar-tj3db Месяц назад
तू भी नही रहेगा,बेशरम, निर्लज्ज इंसान ​@@deepakkr5509
@premlatatambe2257
@premlatatambe2257 Месяц назад
संविधान पढ़ा ना चाहिए था तो मनुस्मृति पढ़ा रहे हैं विश्वविद्यालयों में इससे सर्मनाक बात और क्या हो सकती है जय भीम जय भारत जय संविधान जय मुलनिवासी नमो बुध्दाय
@gautammishra7299
@gautammishra7299 Месяц назад
LLB मे क्या पढ़ते है तब... लॉ मे संबिधान ही पढ़ाते है बेवकूफ
@JAIHIND9090
@JAIHIND9090 Месяц назад
​@@gautammishra7299संविधान तो पढ़ते ही हैं तो तेरे पूर्वजों द्वारा लिखी हुई मानवता विरोधी घटिया किताब को पढ़ाना जरूरी है
@Gautam1_3
@Gautam1_3 Месяц назад
​@@gautammishra7299abe Delhi University ki baat ho rhi hai
@gautammishra7299
@gautammishra7299 Месяц назад
@@Gautam1_3 DU me Law branch ki hi baat ho rhi hai
@ashutoshgautam3293
@ashutoshgautam3293 Месяц назад
Education system me manuwadi ghuse huwe, Inka desh ke 85% bhartiyo ke khilaaf esa hi bartaw he jesa angrezo ka bhartiyo ke khilaaf tha, balki usase bhi bura.
@SanjayKumar-fc9ow
@SanjayKumar-fc9ow Месяц назад
मनुस्मृति मुर्दा बाद।।। संविधान जिंदाबाद जिंदाबाद।।
@user-nf4gk6eu7i
@user-nf4gk6eu7i Месяц назад
Jay Bheem Jay samvidhan
@Ashokkumarambedkar-gl9je
@Ashokkumarambedkar-gl9je Месяц назад
दिल्ली विश्वविद्यालय में मनु वाद ब्राह्मण वाद जाति वाद पर आधारित पाठों को पढाये जाने पर आन्दोलन किया जाये और भारतीय संविधान को पढ़ाने पर जोर दिया दिया जाये
@user-df9ox3or4n
@user-df9ox3or4n Месяц назад
हिंदू धर्म के देवी देवताओं को मानना भी मनुस्मृति के बराबर है
@khageshkumarpatel6754
@khageshkumarpatel6754 Месяц назад
चमारो के कोई देवता देवी नहीं होते वो तो बस चमड़ी के छाल निकालते हैं वो हिंदू थोडीना हैं😮😮
@user-dh6wj4yr5m
@user-dh6wj4yr5m Месяц назад
​@@khageshkumarpatel6754abe Patel shudro tumahri jyadatar population shudra hi hai
@deepulkumar6586
@deepulkumar6586 Месяц назад
Lnd​@@khageshkumarpatel6754
@kushbhai6463
@kushbhai6463 Месяц назад
Is desh me keval shanti rakhna hi bramano ka kam tha , rahi manu smriti ki baat wo ek vyangya hai , kyun ki sone ki chidiya bharat ko kewal brahmano ne nahi balki charo varn ne banai thi ,nimn vargo me vishwarma[ghar] vaisya[vyapar] chaurasiya[pan supadi] ityadi kaam unke the , brahmano ka kaam raja ko updesh dena vidhyalayo me padhana mandiron me pooja karna aur unko sampatti ka adhikar nahi tha chhuwachhut agar hoti uspar awasya uthani chahiye, 😊
@SATENDRASINGH-qe5fu
@SATENDRASINGH-qe5fu Месяц назад
​@@khageshkumarpatel6754chamro ko gali de rehw ho tum v obc ho ,shudr ho
@HARENDRAKUMAR-sg5yj
@HARENDRAKUMAR-sg5yj Месяц назад
मनुस्मृति पढ़ने से समाज में हिंसा बढ़ेगा इसका हम घोर निन्दा करते हैं।
@MAURYAVANSHI2618
@MAURYAVANSHI2618 Месяц назад
संविधान पढ़ा ना चाहिए था तो मनुस्मृति पढ़ा रहे हैं विश्वविद्यालयों में इससे सर्मनाक बात और क्या हो सकती है जय भीम जय भारत जय संविधान जय मुलनिवासी नमो बुध्दाय
@ranjeetshakya7075
@ranjeetshakya7075 Месяц назад
अगर ये पढ़ाई जाए तो भारत में उपलब्ध पेरियार रचित सच्ची रामायण भी पढ़ाई जानी चाहिए!
@subhashbanjare9112
@subhashbanjare9112 Месяц назад
एकदम सही तब समझ में आया
@Imsavasnagar
@Imsavasnagar Месяц назад
Jo kitan bharat ke obc sc st ko bhayank tor se marne katne ki baat karti h usse padhai jani chahiye ?kyu baat karte ho jo manusmriti ko manta h usse jada insaniyat janwaron me hota h samjh leni chahiye uss genocide kitab ko kabhi bhi university me nhi aani chahiye kyun ki hume bilkul wiswas h wo isme se sare katl ki bate hata ye gian iss kitab ko jayaz thehraye gain apne mann chahe milawat kar ke aur bachhaon ke dimag me manusmriti ko jayaz thehrane ki kosis kar rahe hain ye sajish h sach chhupanane ka rss ki sabse badi planning me se ek step h
@PravinPatil-bd8qr
@PravinPatil-bd8qr Месяц назад
👌💯💯💯💯✅
@ashutoshgautam3293
@ashutoshgautam3293 Месяц назад
Jo log kahte he ki so called upper castes sudhar gaye he, unke purkho ke kiye ka unhe dosh nahi dena chahiye. Wo log samjhe ki wo nahi sudhare he, kewal uski acting karte he. Education system me manuwadi ghuse pade he, ye desh ke 85% logo ke khilaaf ese hi kaam karte he.
@ashutoshgautam3293
@ashutoshgautam3293 Месяц назад
Jin brahmiyo se ek sui tak ka awiskaar nahi huwa. Wo khudko wiswa ka sabse intelligent batakar, merit ghotale karke, education system par kabza kiye bethe he.
@dryppatil8051
@dryppatil8051 Месяц назад
परियार साहब की सच्ची रामायण भी दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ाई जाय
@lalbahaduryadav8112
@lalbahaduryadav8112 Месяц назад
जय ललई जय पेरियार जय भीम जय सविंधान
@user-ym9ki2ui6h
@user-ym9ki2ui6h Месяц назад
जातिवाद ने बाबा साहेब डॉ भीम राव अम्बेडकर जी को कितना सताया था एक बार जब बाम्बे में पारसी धर्म के लोगों ने रातोंरात बाबा साहेब डॉ भीम राव अम्बेडकर जी को किराए के से बेरहमी से निकाल दिया था 😭😭😭 बाबा साहेब ने सुबह तक रूकने का आग्रह किया वह भी ठुकरा दिया था और बाबा साहेब बार बाहर आकर पहली बार फूट फूटकर रोये थे 😭😭😭😭 और उसी नफ़रती मनुस्मृति को स्कूल , कालेजों में पढ़ाया जाएगा तो साइंस या विज्ञान क्या करेगा 😢😢😢😢 सक्
@Askbhai-lh6qp
@Askbhai-lh6qp Месяц назад
Sambidhan padhana chahiye Jay bhim Jay sambidhan
@khageshkumarpatel6754
@khageshkumarpatel6754 Месяц назад
पढ़ाया जाना चाहिए ताकि चमारों को अपना इतिहास पता चल सके😮😮
@jamaluddinkhan6709
@jamaluddinkhan6709 Месяц назад
हमारे देश के लोगों को चाहिए कि हर स्कूल कालेज में संविधान पढ़ाना अनिवार्य करने की मांग होना चाहिए।
@parashuramyadav2666
@parashuramyadav2666 Месяц назад
प्रो लक्ष्मण यादव जी आपको सादर जय भीम नमो budhay।आप बिल्कुल सही कह रहे हैं।
@80subedar3
@80subedar3 Месяц назад
यह कृत्य दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा किया गया घोर निंदनीय ग़ैर ऐतिहासिक और असंवैधानिक है बहुजन कानूनविददों को कोर्ट में मुक़दमा करना चाहिए।
@sanjaysailani9446
@sanjaysailani9446 Месяц назад
DU को भारतीय संविधान को पढ़ाने को पप्राथमिकता देनी चाहिए
@user-vj7dj4ds4j
@user-vj7dj4ds4j Месяц назад
yes
@ghanshyamdos6804
@ghanshyamdos6804 Месяц назад
संविधान और डॉ. भीमराव के नाम पर वोट मांगने वालों ने इसका विरोध क्यों नहीं किया?
@DineshKumar-he4xz
@DineshKumar-he4xz Месяц назад
Nahi karayenge Ambani ke Ghar gay Sambhidhan bachne vale jitne bhi neta the Sambhidhan bachne vale Sab neta 1 hi Jaise hai Janta Ko Bekhuf banate hai
@user-ym9ki2ui6h
@user-ym9ki2ui6h Месяц назад
आखिर धर्म को पाठ्यक्रम में जोड़ने का प्रयास है ताकि उच्च वर्ग खुले आम महिलाओं का शोषण कर सके 😭😭😭😭 चिंता का विषय 😢😢😢😢
@ifdrradhey9105
@ifdrradhey9105 Месяц назад
जो भारत के संविधान की रक्षा करेगा संविधान उसकी रक्षा करेगा।❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
@devyadav6449
@devyadav6449 Месяц назад
बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी को सैल्यूट करता हूं लक्ष्मण भैया आपकी बात से सहमत हूं प्रोफेसर की डायरी लिखकर अपने सही जानकारी दी मनुस्मृति मुर्दाबाद
@RajdharSaket-ul3tf
@RajdharSaket-ul3tf Месяц назад
देश में अगर घटिया मानसिकता वाले नेता रहेंगे तो देश को नर्क बना देंगे
@mohansi3448
@mohansi3448 Месяц назад
विश्वविद्यालय में मनुस्मृति पढ़ाना घोर निंदनीय है , यह कृत्य असंवैधानिक है , ग़ैर क़ानूनी है , इन पर कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए।
@cgpatil9489
@cgpatil9489 Месяц назад
महाविद्यालय में मनुस्मृती पढ़ाने से भारत को हजारो वर्ष पुर्व समाजव्यवस्था में जो लोग ले जाना चाहते हैं उन्होंने पहिलें लंगोटी पहनकर जंगल में जाना चाहिए ताकी दुनिया भर में भारतीय को जंगली कहा जाय.
@anandram3876
@anandram3876 Месяц назад
100% सही कहा भाई
@ashutoshgautam3293
@ashutoshgautam3293 Месяц назад
Kuch logo ne nizi swarth me aakar manusmriti ka istemal karke desh ko itna kamjor kar diya ki desh ek hazaar saal tak gulam raha. Manuwadi ab bhi nahi sudhar rahe he.
@ramjimaru9907
@ramjimaru9907 Месяц назад
कृपया मेरा जनरल कॉमेंट पढ़े। जय मूलनिवासी।
@shrawansahu7367
@shrawansahu7367 Месяц назад
भागवत गीता पाखंड का पुलिंदा वाला किताब भी पढ़ाना चाहिए जय भीम
@mubarakali-pk6vp
@mubarakali-pk6vp Месяц назад
Mnu s. Jlane ki hi kitab hai pdane ki nhi
@satishkumar-lz9li
@satishkumar-lz9li Месяц назад
जाति से निकलकर वैज्ञानिकता को धारण करते हुए सामूहिकता के साथ वर्ग बन शक्ति बन जाएं समाधान प्राप्त हो जाएगा।
@AdityaYadav-ph1zz
@AdityaYadav-ph1zz Месяц назад
फिर से सामंतवादी व्यवस्था लाना चाहते हैं ब्राह्मण
@amitkumar-gd4qh
@amitkumar-gd4qh Месяц назад
Jai Samvidhan
@rajshrishahuraje4395
@rajshrishahuraje4395 Месяц назад
savidhan ke mathe shriram 💪💪
@AnnaCgwale
@AnnaCgwale Месяц назад
I am a Loco Pilot at IR , OBC running branch president . Can I get Dr Laxman Singh`s email id
@AnnaCgwale
@AnnaCgwale Месяц назад
I am a Loco Pilot at IR , OBC running branch president . Can I get Dr Laxman Singh`s email id
@RLKhute
@RLKhute Месяц назад
No, देश संविधान से चलेगा संविधान रक्षक आयेंगे,रक्षा के लिए जय भीम जय संविधान
@ravendrakumar6151
@ravendrakumar6151 Месяц назад
Laxman Yadav Tum sangharsh karo ham tumhare sath hai..
@Suman-qt2mo
@Suman-qt2mo Месяц назад
अब हर साल मनुस्मृति दहन दिवस धूमधाम से मनाया जाएगा बाबा साहब का जो जो मनुस्मृति दहन दिवस है इसी बार बार दोहराया जाएगा 22 प्रतिज्ञा का पालन होगा बुद्ध के मार्ग की और सम्राट अशोक को स्थापित किया जाएगा जय भीम जय भारत नमो बुद्धाय जयशंकर
@budhprakash9200
@budhprakash9200 Месяц назад
हरएक मानव जन दो प्रकार से ब्राह्मण हैं। पहले तरह से मुख से ब्रह्मण नाममात्र हैं । मुख के सहयोग से चारो वर्ण कर्म होते हैं। दूसरे प्रकार से जब सबजन अपने कार्य का शिक्षण प्रशिक्षण आदान-प्रदान करते हैं। और ज्ञान शिक्षण वैद्यन पुरोहित संगीत कर्म करने वाले द्विजन ( स्त्री-पुरुष) अध्यापक गुरूजन विप्रजन कर्मधारी ब्रह्मण होते हैं। दिमाग सदुपयोग कर चार वर्ण और चार आश्रम का मतलब समझकर ज्ञान प्राप्त कर अज्ञान मिटाई करवाओ। विश्व विद्वान मित्रो! जन्म से सब जन दस इन्द्रिय समान लेकर जन्म लेते हैं इसलिए जन्म से जन होते हैं और संस्कार से द्विजन ( स्त्री-पुरुष ) होते हैं । जन्म से सबजन दस इंद्रिय के साथ-साथ शरीर के चार अंग मुख, बांह, पेट और चरण समान लेकर जन्म लेते हैं। समाज के चार वर्ण कर्म विभाग ब्रह्म,क्षत्रम, शूद्रम और वैशम वर्ण विभाग को शरीर के चार अंग को समान माना गया है । जब एक जन है तो वह मुख समान ब्रह्म वर्ण कर्मी है, बांह समान क्षत्रम वर्ण कर्मी है, पेटऊरू समान शूद्रम वर्ण कर्मी है और चरण समान वैशम वर्ण कर्मी है। चरण पांव चलाकर ही व्यापार वाणिज्य क्रय विक्रय वितरण वैशम वर्ण कर्म होता है। इसलिए चरण समान वैश्य होता है। अत: किसी भी वर्ण को नामधारी वर्ण वाला बताकर मानकर सबजन को समान अवसर उपलब्ध है। लेकिन जब पांचजन सामाजिक कर्मी हैं तो एक जन अध्यापक गुरूजन पुरोहित चिकित्सक विप्रजन (ब्राह्मण) है , दूसरा जन सुरक्षक चौकीदार न्यायाधीश (क्षत्रिय) है, तीसरा जन उत्पादक निर्माता उद्योगण (शूद्राण) है और चौथा जन वितरक वाणिक व्यापारी ट्रांसपोर्टर आढती (वैश्य) है तथा पांचवा जन चारो वर्ण कर्म विभाग में वेतनमान पर ऋषिजन दासजन जनसेवक नौकरजन सेवकजन कार्यरत है। यह अकाट्य सत्य सनातन शाश्वत ज्ञान प्राप्त करने का सबजन को समान अवसर उपलब्ध है। कोई भी जन वर्ण कर्म किए बिना भी किसी वर्ण को मानकर बताकर मात्र नामधारी वर्ण वाला बन कर रह सकते हैं यह भी समान अवसर सबजन को उपलब्ध है अर्थात हरएक मानव जन खुद स्वयं को ब्रह्मण, क्षत्रिय, शूद्राण और वैश्य कोई भी वर्ण वाला मानकर बताकर जीवन निर्वाह कर सकते हैं। दो विषय अलग अलग हैं जैसे कि वर्ण जाति और वंश ज्ञाति इनको को समझना चाहिए । स्मरण रखना चाहिए कि वर्ण जाति शब्दावली का निर्माण कार्य करने वालो को पुकारने के लिए किया गया है इनको विभाग पदवि कहा जाता है । जबकि वंश ज्ञाति गोत्र शब्दावली का निर्माण विवाह सम्बंध संस्कार करने के लिए किया गया है , ताकि श्रेष्ठ संतान उत्पन्न करने के लिए सपिण्ड गोत्र वंश कुल बचाव कर विवाह सम्बंध संस्कार किये जाते रहें । यह पौराणिक वैदिक सतयुग राजर्षि ऋषि मुनियो की संसद ने शब्द निर्माण किया है। चार वर्ण कर्म ( शिक्षण+ सुरक्षण+ उत्पादन+ वितरण ) = चार वर्ण ( ब्रह्म + क्षत्रम+ शूद्रम+ वैशम ) । इन्ही चतुरवर्ण में पांचवेजन वेतनमान पर कार्यरत होते हैं। चार आश्रम ( ब्रह्मचर्य + ग्रहस्थ+ वानप्रस्थ+ यति आश्रम ) । आयु आश्रम अनुसार जीवन प्रबंधन किया जाता है। यह अकाट्य सत्य सनातन दक्ष धर्म संस्कार शाश्वत ज्ञान की पोस्ट पढ़कर समझकर सोच सुधार करें और प्रिंट सुधार करें। बुद्ध प्रकाश प्रजापत की इस पोस्ट को कापी कर सबजन को भेजकर सबजन को ब्रह्मण बनाएं ।
@bhimbharatbhushan6953
@bhimbharatbhushan6953 Месяц назад
जब मनुस्मृति कानून के विद्यार्थी को पढ़ाना आवश्यक है तो फिर शरीयत को भी शामिल कर लेना चाहिए।
@JitendraKumar-jq7ql
@JitendraKumar-jq7ql Месяц назад
Ap snvidhan ki bat kro samjhe kisi dharm granth ki nhi pakistan nhi bnana h 😡😡
@deonath3934
@deonath3934 Месяц назад
जाति पाति, पाखंड, अन्धविश्वास, ऊँच नीच बनाये रखना चाहते हैं। विभाजनकारी नीति इनकी रणनीति हमेसा से रही है। सीधी सी बात है जिसका सम्मान इसमें नहीं है उसे विरोध करना चाहिए। संविधान और डाक्टर भीमराव अम्बेडकर अपमान करना चाहते हैं।
@budhprakash9200
@budhprakash9200 Месяц назад
हरएक मानव जन दो प्रकार से ब्राह्मण हैं। पहले तरह से मुख से ब्रह्मण नाममात्र हैं । मुख के सहयोग से चारो वर्ण कर्म होते हैं। दूसरे प्रकार से जब सबजन अपने कार्य का शिक्षण प्रशिक्षण आदान-प्रदान करते हैं। और ज्ञान शिक्षण वैद्यन पुरोहित संगीत कर्म करने वाले द्विजन ( स्त्री-पुरुष) अध्यापक गुरूजन विप्रजन कर्मधारी ब्रह्मण होते हैं। दिमाग सदुपयोग कर चार वर्ण और चार आश्रम का मतलब समझकर ज्ञान प्राप्त कर अज्ञान मिटाई करवाओ। विश्व विद्वान मित्रो! जन्म से सब जन दस इन्द्रिय समान लेकर जन्म लेते हैं इसलिए जन्म से जन होते हैं और संस्कार से द्विजन ( स्त्री-पुरुष ) होते हैं । जन्म से सबजन दस इंद्रिय के साथ-साथ शरीर के चार अंग मुख, बांह, पेट और चरण समान लेकर जन्म लेते हैं। समाज के चार वर्ण कर्म विभाग ब्रह्म,क्षत्रम, शूद्रम और वैशम वर्ण विभाग को शरीर के चार अंग को समान माना गया है । जब एक जन है तो वह मुख समान ब्रह्म वर्ण कर्मी है, बांह समान क्षत्रम वर्ण कर्मी है, पेटऊरू समान शूद्रम वर्ण कर्मी है और चरण समान वैशम वर्ण कर्मी है। चरण पांव चलाकर ही व्यापार वाणिज्य क्रय विक्रय वितरण वैशम वर्ण कर्म होता है। इसलिए चरण समान वैश्य होता है। अत: किसी भी वर्ण को नामधारी वर्ण वाला बताकर मानकर सबजन को समान अवसर उपलब्ध है। लेकिन जब पांचजन सामाजिक कर्मी हैं तो एक जन अध्यापक गुरूजन पुरोहित चिकित्सक विप्रजन (ब्राह्मण) है , दूसरा जन सुरक्षक चौकीदार न्यायाधीश (क्षत्रिय) है, तीसरा जन उत्पादक निर्माता उद्योगण (शूद्राण) है और चौथा जन वितरक वाणिक व्यापारी ट्रांसपोर्टर आढती (वैश्य) है तथा पांचवा जन चारो वर्ण कर्म विभाग में वेतनमान पर ऋषिजन दासजन जनसेवक नौकरजन सेवकजन कार्यरत है। यह अकाट्य सत्य सनातन शाश्वत ज्ञान प्राप्त करने का सबजन को समान अवसर उपलब्ध है। कोई भी जन वर्ण कर्म किए बिना भी किसी वर्ण को मानकर बताकर मात्र नामधारी वर्ण वाला बन कर रह सकते हैं यह भी समान अवसर सबजन को उपलब्ध है अर्थात हरएक मानव जन खुद स्वयं को ब्रह्मण, क्षत्रिय, शूद्राण और वैश्य कोई भी वर्ण वाला मानकर बताकर जीवन निर्वाह कर सकते हैं। दो विषय अलग अलग हैं जैसे कि वर्ण जाति और वंश ज्ञाति इनको को समझना चाहिए । स्मरण रखना चाहिए कि वर्ण जाति शब्दावली का निर्माण कार्य करने वालो को पुकारने के लिए किया गया है इनको विभाग पदवि कहा जाता है । जबकि वंश ज्ञाति गोत्र शब्दावली का निर्माण विवाह सम्बंध संस्कार करने के लिए किया गया है , ताकि श्रेष्ठ संतान उत्पन्न करने के लिए सपिण्ड गोत्र वंश कुल बचाव कर विवाह सम्बंध संस्कार किये जाते रहें । यह पौराणिक वैदिक सतयुग राजर्षि ऋषि मुनियो की संसद ने शब्द निर्माण किया है। चार वर्ण कर्म ( शिक्षण+ सुरक्षण+ उत्पादन+ वितरण ) = चार वर्ण ( ब्रह्म + क्षत्रम+ शूद्रम+ वैशम ) । इन्ही चतुरवर्ण में पांचवेजन वेतनमान पर कार्यरत होते हैं। चार आश्रम ( ब्रह्मचर्य + ग्रहस्थ+ वानप्रस्थ+ यति आश्रम ) । आयु आश्रम अनुसार जीवन प्रबंधन किया जाता है। यह अकाट्य सत्य सनातन दक्ष धर्म संस्कार शाश्वत ज्ञान की पोस्ट पढ़कर समझकर सोच सुधार करें और प्रिंट सुधार करें। बुद्ध प्रकाश प्रजापत की इस पोस्ट को कापी कर सबजन को भेजकर सबजन को ब्रह्मण बनाएं ।
@insafahmed6164
@insafahmed6164 Месяц назад
संविधान बदलने का मौका नहीं मिला तो यही करना है।
@kumarranjeet5132
@kumarranjeet5132 Месяц назад
यह देश के संविधान के लिए बहुत ही खतरनाक है
@dhannajaykushwaha7145
@dhannajaykushwaha7145 Месяц назад
यह सब कारनामा एक खास विचारधारा के कहने पर हो रहा है समय आने के बाद सब का जवाब दिया जाएगा।
@ramyashyadav3562
@ramyashyadav3562 Месяц назад
मुफ्त राशन,गैस,किसान सम्मान निधि,के एवज में भले ही हाथ पैर बांधकर पिजड़े में बन्द कर दिया जाय सब चलेगा।sc,St,obc अपनी पुरानी ब्यवस्था में लौटने के लिए आतुर हैं।।
@biharkachoudhary
@biharkachoudhary Месяц назад
Ye to khas kar tum jaise ko samajhna chahiye !
@anandram3876
@anandram3876 Месяц назад
भैया आप आगे बढ़ो हम आपके साथ है जय भीम 🙏
@amityadav-sr8du
@amityadav-sr8du Месяц назад
जब तक बटे रहोगे तब तक चंद लोग ही राजकरेंगे
@virendrasinghholkar1403
@virendrasinghholkar1403 Месяц назад
*सावधान होशियार देश में अघोषित आपातकाल लागू किया जा चुका है, और यह आपातकाल श्रीमती इंदिरा गांधी के घोषित आपातकाल से भी ज्यादा भयावाह और नैतिक रूप से गिरी हुई स्थिति में है।*
@surendrarajak4698
@surendrarajak4698 Месяц назад
सर इस बर्बादी के जिम्मेदार हम खुद आदिवासी,दलित और पिछड़े हैं हम आपस में इतने बटे हुए हैं कि इनका स्पष्ट षड्यंत्र देखते हुएभी हम अपने स्वार्थ को नहीं त्याग रहे हैं और एकजुट भी नहीं हो पा रहे हैं इसलिए ब्राह्मण के हाथ में सत्ता है और शायद आगे भी रहेगा इसलिए ब्राह्मण अपने ब्राह्मणी व्यवस्था का षड्यंत्र रचना में कामयाब होता रहेगा और आगे भी रहेगा
@sanjay-kamble1113
@sanjay-kamble1113 Месяц назад
डॉ बाबासाहेब आंबेडकर के विचारो की नारी.. पड गई मनुस्मृती पर भारी.. मनसमुर्ती डॉ बाबासाहेब आंबेडकर ने जला दी थी ! अब उसी मनुस्मृती को देश की राष्ट्र कन्या, नारी, माता- बहण दुबारा जला देगी ..❤
@praveengandharva8310
@praveengandharva8310 Месяц назад
सिलेबस डिजाइन करने वाले लोग मनुवादी है तो वह अपना जातिवाद ही फेलाएंगे यह मनुवादी लोग सिलेबस में संविधान को बढ़ाने की बात नहीं कहेंगे
@budhprakash9200
@budhprakash9200 Месяц назад
हरएक मानव जन दो प्रकार से ब्राह्मण हैं। पहले तरह से मुख से ब्रह्मण नाममात्र हैं । मुख के सहयोग से चारो वर्ण कर्म होते हैं। दूसरे प्रकार से जब सबजन अपने कार्य का शिक्षण प्रशिक्षण आदान-प्रदान करते हैं। और ज्ञान शिक्षण वैद्यन पुरोहित संगीत कर्म करने वाले द्विजन ( स्त्री-पुरुष) अध्यापक गुरूजन विप्रजन कर्मधारी ब्रह्मण होते हैं। दिमाग सदुपयोग कर चार वर्ण और चार आश्रम का मतलब समझकर ज्ञान प्राप्त कर अज्ञान मिटाई करवाओ। विश्व विद्वान मित्रो! जन्म से सब जन दस इन्द्रिय समान लेकर जन्म लेते हैं इसलिए जन्म से जन होते हैं और संस्कार से द्विजन ( स्त्री-पुरुष ) होते हैं । जन्म से सबजन दस इंद्रिय के साथ-साथ शरीर के चार अंग मुख, बांह, पेट और चरण समान लेकर जन्म लेते हैं। समाज के चार वर्ण कर्म विभाग ब्रह्म,क्षत्रम, शूद्रम और वैशम वर्ण विभाग को शरीर के चार अंग को समान माना गया है । जब एक जन है तो वह मुख समान ब्रह्म वर्ण कर्मी है, बांह समान क्षत्रम वर्ण कर्मी है, पेटऊरू समान शूद्रम वर्ण कर्मी है और चरण समान वैशम वर्ण कर्मी है। चरण पांव चलाकर ही व्यापार वाणिज्य क्रय विक्रय वितरण वैशम वर्ण कर्म होता है। इसलिए चरण समान वैश्य होता है। अत: किसी भी वर्ण को नामधारी वर्ण वाला बताकर मानकर सबजन को समान अवसर उपलब्ध है। लेकिन जब पांचजन सामाजिक कर्मी हैं तो एक जन अध्यापक गुरूजन पुरोहित चिकित्सक विप्रजन (ब्राह्मण) है , दूसरा जन सुरक्षक चौकीदार न्यायाधीश (क्षत्रिय) है, तीसरा जन उत्पादक निर्माता उद्योगण (शूद्राण) है और चौथा जन वितरक वाणिक व्यापारी ट्रांसपोर्टर आढती (वैश्य) है तथा पांचवा जन चारो वर्ण कर्म विभाग में वेतनमान पर ऋषिजन दासजन जनसेवक नौकरजन सेवकजन कार्यरत है। यह अकाट्य सत्य सनातन शाश्वत ज्ञान प्राप्त करने का सबजन को समान अवसर उपलब्ध है। कोई भी जन वर्ण कर्म किए बिना भी किसी वर्ण को मानकर बताकर मात्र नामधारी वर्ण वाला बन कर रह सकते हैं यह भी समान अवसर सबजन को उपलब्ध है अर्थात हरएक मानव जन खुद स्वयं को ब्रह्मण, क्षत्रिय, शूद्राण और वैश्य कोई भी वर्ण वाला मानकर बताकर जीवन निर्वाह कर सकते हैं। दो विषय अलग अलग हैं जैसे कि वर्ण जाति और वंश ज्ञाति इनको को समझना चाहिए । स्मरण रखना चाहिए कि वर्ण जाति शब्दावली का निर्माण कार्य करने वालो को पुकारने के लिए किया गया है इनको विभाग पदवि कहा जाता है । जबकि वंश ज्ञाति गोत्र शब्दावली का निर्माण विवाह सम्बंध संस्कार करने के लिए किया गया है , ताकि श्रेष्ठ संतान उत्पन्न करने के लिए सपिण्ड गोत्र वंश कुल बचाव कर विवाह सम्बंध संस्कार किये जाते रहें । यह पौराणिक वैदिक सतयुग राजर्षि ऋषि मुनियो की संसद ने शब्द निर्माण किया है। चार वर्ण कर्म ( शिक्षण+ सुरक्षण+ उत्पादन+ वितरण ) = चार वर्ण ( ब्रह्म + क्षत्रम+ शूद्रम+ वैशम ) । इन्ही चतुरवर्ण में पांचवेजन वेतनमान पर कार्यरत होते हैं। चार आश्रम ( ब्रह्मचर्य + ग्रहस्थ+ वानप्रस्थ+ यति आश्रम ) । आयु आश्रम अनुसार जीवन प्रबंधन किया जाता है। यह अकाट्य सत्य सनातन दक्ष धर्म संस्कार शाश्वत ज्ञान की पोस्ट पढ़कर समझकर सोच सुधार करें और प्रिंट सुधार करें। बुद्ध प्रकाश प्रजापत की इस पोस्ट को कापी कर सबजन को भेजकर सबजन को ब्रह्मण बनाएं ।
@user-yv1bs7gb2n
@user-yv1bs7gb2n Месяц назад
ताकि ब्राह्मण जजों को मनुवादी फैसला सुनाने में आसानी हो भारत पर फिर से मनुवाद ठोकने की तैयारी हो रही है स्कूल कॉलेज में संविधान कब पढ़ाया जाएगा
@arunbharti4588
@arunbharti4588 Месяц назад
बहुत हुआ अब जनता को रोड पर निकलना चाहिए
@RamNaresh-yq6sx
@RamNaresh-yq6sx Месяц назад
मनुस्मृति पढ़ाई जाएगी तभी जलाई जाएगी
@ramkhelawankushwaha7463
@ramkhelawankushwaha7463 Месяц назад
ओबीसी एससी एसटी के नेताओं को हम लोग अपने जाति का समझ करके वोट देदेते हैं और वह नेता मनुवादी सरकार का समर्थन कर रहे हैं । ऐसे में समस्या का समाधान कैसे होगा?
@purushottamghritlahre1266
@purushottamghritlahre1266 Месяц назад
न्याय प्रिय बहुजन समाज जागो और जगाओ जानो अपने हक और अधिकार को पहचानो वक्त है जागो जागो।
@user-mk8xo4mk1i
@user-mk8xo4mk1i Месяц назад
नमो बुद्धाय नमो अशोकय नमो अंग्रेजाया... जय जोतिराव जय भीमराव जय संविधान... डॉ लक्ष्मण यादव जी आप का लोगो को जाग्रत करना सही है आप और हम जैसे लोग क्या चाहते हैं की परम पूज्य बाबा साहेब डॉ भीमराव आम्बेडकर जी (भारतीय संविधान) बना रहे आप जैसे बहुत लोग हैं जो भारतीय संविधान को पढ़े हैं और इस संविधान को मूलनिवासी बहुजन समाज जरूर अपनाने में सफल होंगे यही भारतीय का सबसे बड़ा आधार है मैं इतना ही कह सकता हूं जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया
@khageshkumarpatel6754
@khageshkumarpatel6754 Месяц назад
जो चमार क्रिस्चियन अंग्रेजों को जो केवल भारत ही नहीं कई देशों को गुलाम बनाया अपार धन संपत्ति लूटे को सही बताता है वो वाकई कल भी असभ्य थे आज भी है जो देश द्रोह से कम नहीं😮😮😮
@rameshrasgniya
@rameshrasgniya Месяц назад
मर जायेंगे मगर मनुस्मृति नहीं आने देंगे अब भारत के मूलनिवासी जागरूक है
@jaivikbambhaniya6192
@jaivikbambhaniya6192 Месяц назад
जय भीम जय संविधान जय भारत नमो बुद्धाय
@Harishankaryadav-em6di
@Harishankaryadav-em6di Месяц назад
संविधान शुरु से पढाई ज|नी च|हिऐ भ|जप| संविध|न विरोधी है जय भीम जय संविथ|न जय पीडीए जय बहुजन
@khageshkumarpatel6754
@khageshkumarpatel6754 Месяц назад
गधेड़ा सभी क्लास में संविधान पढ़ाया जाता है😮😮
@jageshwarprasad2233
@jageshwarprasad2233 Месяц назад
Jay Bhim Namo Buddhay ❤️🙏
@Rational103
@Rational103 Месяц назад
मनुस्मृति तो महिला और शुद्र को पढ़ने से रोकती है ये देश में क्या हो रहा है 😢
@umakantyadav7473
@umakantyadav7473 Месяц назад
काश उन नेताओं को समझ में आता जो ऐसी पार्टी के साथ है और अपने को पिछड़ी जाति अनुसूचित जाति जन जाति के नायक कहते हैं महज अपने सुख के लिये।दिखावे के इन नेताओं को काश जनता सबक सिखाती जो समाज के हित को नजर अंदाज कर के उस पार्टी में बने हुए हैं।लाख लाख धन्यवाद आपको कि आप अपने दम पर सच आम लोगों के सामने ला रहे हैं।
@LaxmiKumari-yv2vj
@LaxmiKumari-yv2vj Месяц назад
सलाम है ऐसे गुरुजनों की जो आज भी दलित व पिछड़ा जाति मुद्दे पर सवाल उठाते हैं और अपने कर्तव्य का सफलपूर्वाक निर्वाहन करते हैं...सर जो बच्चा उच्छ दृष्टिकोन का होगा वो आपकी बातों से अवश्य सहमत होगा.. जय भीम जय संविधान 😊
@sunilkumarram3853
@sunilkumarram3853 Месяц назад
लाज़वाब विश्लेषण,ये मनुवादी एवं ब्राह्मणवादी इस विश्लेषण पर सहमत होगा। जागो बहुजनों और बीजेपी एवं मनुवादियो की जड़ को मिटाने के संकल्प ले।
@dpremi1126
@dpremi1126 Месяц назад
सवाल यह नहीं है की सबसे ज्यादा पुराना धर्म कौन सा है सवाल यह है की सबसे ज्यादा झूठ पाखंडी कर्म कांड अंधविश्वासी भगवान किस धर्म में बनाए गए हैं सबसे ज्यादा उच्च नीच छुआछूत भेदभाव जातिवाद किस धर्म में पैदा किया गया है सबसे ज्यादा इंसानों को दलित शुद्र जानवर बनाकर महिलाओं का अपमान किस धर्म में किया गया है महिलाओं को स्तन ढकने का हक किस धर्म ने रोका है।
@AbcDef-yh6gz
@AbcDef-yh6gz Месяц назад
Manuvadio ka dharm to purana bhi nhi h chori ka maal h. Usi me apni gandgi mila k bana liya h manuvad dharm.Science journey channel pe inki history ki Puri khudai jaari rahti h with reserch hawa me nhi😂
@budhprakash9200
@budhprakash9200 Месяц назад
शिक्षित द्विजनो ( स्त्री-पुरुषो ) सबजन को समान अवसर उपलब्ध है वे किसी भी वर्ण कर्म विभाग के कार्य करके किसी भी वर्ण कर्म को मानकर बताकर जी सकते हैं इसलिए जो मानवजन ऊच नीच की बात करते रहते हैं उनको इस पोस्ट को पढ़कर समझकर ज्ञान प्राप्त करना चाहिए और अज्ञान मिटाई करना चाहिए । ऊचा नीचा पदवि विभाग ( जाति वर्ण) के कार्य करने का और मानने का पौराणिक वैदिक सनातन दक्ष धर्म संस्कार विधि-विधान नियम अनुसार सबजन को समान अवसर उपलब्ध है। चार वर्ण कर्म = शिक्षण-ब्रह्म + सुरक्षण-क्षत्रम + उत्पादन-शूद्रम + वितरण-वैशम। चार वर्ण कर्म को करने वाले मानव पांचजन = ( अध्यापक ब्राह्मण + सुरक्षक क्षत्रिय + उत्पादक शूद्राण + वितरक वैश्य ) × दासजन/ जनसेवक। = ( ब्रह्मण अध्यापक + क्षत्रिय सुरक्षक + शूद्राण उत्पादक + वैश्य वितरक) × दासवर्ग /ऋषिवर्ग। = सतसेवा ज्ञान शिक्षण ब्रह्म कर्म + रजसेवा ध्यान न्याय क्षत्रम कर्म सुरक्षण + तपसेवा उत्पादण निर्माण शूद्रम कर्म + तमसेवा वितरण वाणिज्य वैशम कर्म। = ( शिक्षा सेवा+ सुरक्षा सेवा + उद्योग सेवा + व्यापार सेवा ) × दाससेवा/ ऋषिसेवा/ नौकरसेवा /जनसेवा। जन्म से सबजन दस इंद्रिय समान लेकर जन्म लेते हैं और हरएक मानव जन मुख, बांह, पेट और चरण चार अंग समान लेकर जन्म लेते हैं । इसलिए जन्म से सबजन बराबर होते हैं । मुख समान ब्रह्मण, बांह समान क्षत्रिय, पेटऊरू समान शूद्रण और चरण समान वैश्य सबजन होते हैं, चरणपांव चलाकर ही क्रय विक्रय वाणिज्य वित्त वितरण व्यापार ट्रांसपोर्ट वैशम वर्ण कर्म करते हैं । वेतनमान पर चतुरवर्ण में कार्यरत ऋषिजन जनसेवक नौकरजन दासजन सेवकजन होते हैं। आयु उम्र अनुसार चार आश्रम परिवार कल्याण के लिए निर्मित हैं जैसे कि ब्रह्मचर्य आश्रम + गृहस्थ आश्रम + वानप्रस्थ आश्रम+ यति आश्रम। पौराणिक वैदिक सनातन दक्ष धर्म संस्कार विधि-विधान नियम अनुसार चार वर्ण कर्म और चार आयु आश्रम अनुसार श्रेष्ठतम जीवन प्रबंधन करना चाहिए। चतुर वर्णाश्रम प्रबन्धन - श्रेष्ठतम जीवन प्रबंधन। सतयुग दक्षराज वर्णाश्रम सनातन संस्कार। जय विश्व राष्ट्र सनातन प्रजापत्य दक्ष धर्म । जय अखण्ड भारत। जय वसुधैव कुटुम्बकम्। ॐ। पोस्ट निर्माता बुद्धप्रकाश प्रजापत। इस पोस्ट को कापी कर अन्य सबजन को भेजते रहें और सोच सुधार प्रिंट सुधार करवाते रहें ।
@budhprakash9200
@budhprakash9200 Месяц назад
हरएक मानव जन दो प्रकार से ब्राह्मण हैं। पहले तरह से मुख से ब्रह्मण नाममात्र हैं । मुख के सहयोग से चारो वर्ण कर्म होते हैं। दूसरे प्रकार से जब सबजन अपने कार्य का शिक्षण प्रशिक्षण आदान-प्रदान करते हैं। और ज्ञान शिक्षण वैद्यन पुरोहित संगीत कर्म करने वाले द्विजन ( स्त्री-पुरुष) अध्यापक गुरूजन विप्रजन कर्मधारी ब्रह्मण होते हैं। दिमाग सदुपयोग कर चार वर्ण और चार आश्रम का मतलब समझकर ज्ञान प्राप्त कर अज्ञान मिटाई करवाओ। विश्व विद्वान मित्रो! जन्म से सब जन दस इन्द्रिय समान लेकर जन्म लेते हैं इसलिए जन्म से जन होते हैं और संस्कार से द्विजन ( स्त्री-पुरुष ) होते हैं । जन्म से सबजन दस इंद्रिय के साथ-साथ शरीर के चार अंग मुख, बांह, पेट और चरण समान लेकर जन्म लेते हैं। समाज के चार वर्ण कर्म विभाग ब्रह्म,क्षत्रम, शूद्रम और वैशम वर्ण विभाग को शरीर के चार अंग को समान माना गया है । जब एक जन है तो वह मुख समान ब्रह्म वर्ण कर्मी है, बांह समान क्षत्रम वर्ण कर्मी है, पेटऊरू समान शूद्रम वर्ण कर्मी है और चरण समान वैशम वर्ण कर्मी है। चरण पांव चलाकर ही व्यापार वाणिज्य क्रय विक्रय वितरण वैशम वर्ण कर्म होता है। इसलिए चरण समान वैश्य होता है। अत: किसी भी वर्ण को नामधारी वर्ण वाला बताकर मानकर सबजन को समान अवसर उपलब्ध है। लेकिन जब पांचजन सामाजिक कर्मी हैं तो एक जन अध्यापक गुरूजन पुरोहित चिकित्सक विप्रजन (ब्राह्मण) है , दूसरा जन सुरक्षक चौकीदार न्यायाधीश (क्षत्रिय) है, तीसरा जन उत्पादक निर्माता उद्योगण (शूद्राण) है और चौथा जन वितरक वाणिक व्यापारी ट्रांसपोर्टर आढती (वैश्य) है तथा पांचवा जन चारो वर्ण कर्म विभाग में वेतनमान पर ऋषिजन दासजन जनसेवक नौकरजन सेवकजन कार्यरत है। यह अकाट्य सत्य सनातन शाश्वत ज्ञान प्राप्त करने का सबजन को समान अवसर उपलब्ध है। कोई भी जन वर्ण कर्म किए बिना भी किसी वर्ण को मानकर बताकर मात्र नामधारी वर्ण वाला बन कर रह सकते हैं यह भी समान अवसर सबजन को उपलब्ध है अर्थात हरएक मानव जन खुद स्वयं को ब्रह्मण, क्षत्रिय, शूद्राण और वैश्य कोई भी वर्ण वाला मानकर बताकर जीवन निर्वाह कर सकते हैं। दो विषय अलग अलग हैं जैसे कि वर्ण जाति और वंश ज्ञाति इनको को समझना चाहिए । स्मरण रखना चाहिए कि वर्ण जाति शब्दावली का निर्माण कार्य करने वालो को पुकारने के लिए किया गया है इनको विभाग पदवि कहा जाता है । जबकि वंश ज्ञाति गोत्र शब्दावली का निर्माण विवाह सम्बंध संस्कार करने के लिए किया गया है , ताकि श्रेष्ठ संतान उत्पन्न करने के लिए सपिण्ड गोत्र वंश कुल बचाव कर विवाह सम्बंध संस्कार किये जाते रहें । यह पौराणिक वैदिक सतयुग राजर्षि ऋषि मुनियो की संसद ने शब्द निर्माण किया है। चार वर्ण कर्म ( शिक्षण+ सुरक्षण+ उत्पादन+ वितरण ) = चार वर्ण ( ब्रह्म + क्षत्रम+ शूद्रम+ वैशम ) । इन्ही चतुरवर्ण में पांचवेजन वेतनमान पर कार्यरत होते हैं। चार आश्रम ( ब्रह्मचर्य + ग्रहस्थ+ वानप्रस्थ+ यति आश्रम ) । आयु आश्रम अनुसार जीवन प्रबंधन किया जाता है। यह अकाट्य सत्य सनातन दक्ष धर्म संस्कार शाश्वत ज्ञान की पोस्ट पढ़कर समझकर सोच सुधार करें और प्रिंट सुधार करें। बुद्ध प्रकाश प्रजापत की इस पोस्ट को कापी कर सबजन को भेजकर सबजन को ब्रह्मण बनाएं ।
@laxmanrekh1
@laxmanrekh1 Месяц назад
मनुस्मृति पुन: दहन हो।।
@RakeshKumar-od9zk
@RakeshKumar-od9zk Месяц назад
जिस संविधान को पुरी दुनिया अपनाना चाहती है बाबासाहेब आंबेडकर जयंती पुरी दुनिया मना भी रहीं हैं उस देश में संविधान का अपमान किया जाता हैं बड़ी शर्म की बात हैं ये देश का सर झुकाता जा रहा है इस देश मे जितना सरकार जिम्मेदार है उतना ही देश का एक एक नागरिक जिम्मेदार है
@rekhakulharia6581
@rekhakulharia6581 Месяц назад
Dr.Laxman yadav ji aapki himmat ko Salam..jai Bhim jai Savidhan ❤
@meenumeenu5521
@meenumeenu5521 Месяц назад
जय भीम जय किसान
@shreenathboudh
@shreenathboudh Месяц назад
मनुस्मृति का असली जड़ RSS मोहन भागवत
@ramakantbakshi-yy2ks
@ramakantbakshi-yy2ks Месяц назад
हमें इन चीजों पर एक ही तरह से काम करना पड़ेगा बस जिस तरह से चुनाव में हम लोगों को अपने वर्चस्व बनाएं रखना है और इसका लोकसभा और राज्यसभा में पकड़ मजबूत बनाए रखनी। है तभी हमारा कुछ उद्धार होगा
@pardeepbarman7812
@pardeepbarman7812 Месяц назад
जय भीम जय संविधान
@hemchand1915
@hemchand1915 Месяц назад
आपने सही कहां प्रोफेसर जी इस व्यवस्था को कैसे हटाए इस बारे में भी लोगों को अवेयर करें मैदान में उतरे और राजनीति की चाबी अपने हाथ में लें सच्चाई कभी छुपी नहीं है खुद ओबीसी के विद्यार्थी या ओबीसी के लोग हिंदू धर्म को पोषित करने में लगे हुए हैं
@arundwivedi5427
@arundwivedi5427 Месяц назад
भाई मैं ब्राह्मण होकर भी मनुस्मृति का विरोध करता हूं.. और आजीवन करता रहूंगा.... में अपने सभी दलित पिछड़े और ब्रह्मण भाईयो से ये प्राथना करता हूं की वो बीजेपी के विरोध में वोट डाले... आज जो मुस्लिम का हाल है वोही ब्राह्मण का हाल होगा क्योंकि बीजेपी एक नीच पार्टी है जिस पार्टी ने आज़ादी का विरोध किया हो... वो साले देश के क्या सगे होंगे!!
@BrijeshRaoBauddh-mx2mk
@BrijeshRaoBauddh-mx2mk Месяц назад
जो व्यक्ति इस तरह कि बात करते हैं कि मनुस्मृति को पढ़ना चाहिए, वो असल जातिवाद की बढ़वा दे, रहे हैं जय भीम नमो बौद्ध जय संविधान
@khageshkumarpatel6754
@khageshkumarpatel6754 Месяц назад
ये अल्पसंख्यक नकली बुद्धिस्ट तो बोलेंगे ही मौका जो मिल गया😮😮
@user-qg5tc2ok4m
@user-qg5tc2ok4m Месяц назад
Ac st OBC यानी बहुजन समाज को इससे कोई मतलब नही है हमें पढ़ना किया है जय भीम जय संविधान
@user-ip8fn8bl9e
@user-ip8fn8bl9e Месяц назад
Ghanta in sab ka admission hee nahi ho pata hai OBC ews or gernal walo ko isliye hame ko tension hee nahi hai savidhan purana wala hoga to padenge congress ka nahi resarvation hatega tab kuch baat hoga manusmriti nahi padna bhagwat Geeta phadna hai savidhan me se secular word hatawo
@dhurendarkumae1833
@dhurendarkumae1833 Месяц назад
मनुस्मृति एक डायन है जो इंसान इंसान में भेद पैदा करती है
@khageshkumarpatel6754
@khageshkumarpatel6754 Месяц назад
चमार लोग कब से डायन को मानने लगे😮😮
@sonelalgautam4791
@sonelalgautam4791 Месяц назад
अमानवीय प्रथा को बाबा साहेब जी जला दिया, क्यों कि बाबा साहेब जी ने कहा मेरी बुद्धि में बैठती है, चैनल का शुक्रिया, जागो और जगाओ, जय संविधान
@budhprakash9200
@budhprakash9200 Месяц назад
शिक्षित द्विजनो ( स्त्री-पुरुषो ) सबजन को समान अवसर उपलब्ध है वे किसी भी वर्ण कर्म विभाग के कार्य करके किसी भी वर्ण कर्म को मानकर बताकर जी सकते हैं इसलिए जो मानवजन ऊच नीच की बात करते रहते हैं उनको इस पोस्ट को पढ़कर समझकर ज्ञान प्राप्त करना चाहिए और अज्ञान मिटाई करना चाहिए । ऊचा नीचा पदवि विभाग ( जाति वर्ण) के कार्य करने का और मानने का पौराणिक वैदिक सनातन दक्ष धर्म संस्कार विधि-विधान नियम अनुसार सबजन को समान अवसर उपलब्ध है। चार वर्ण कर्म = शिक्षण-ब्रह्म + सुरक्षण-क्षत्रम + उत्पादन-शूद्रम + वितरण-वैशम। चार वर्ण कर्म को करने वाले मानव पांचजन = ( अध्यापक ब्राह्मण + सुरक्षक क्षत्रिय + उत्पादक शूद्राण + वितरक वैश्य ) × दासजन/ जनसेवक। = ( ब्रह्मण अध्यापक + क्षत्रिय सुरक्षक + शूद्राण उत्पादक + वैश्य वितरक) × दासवर्ग /ऋषिवर्ग। = सतसेवा ज्ञान शिक्षण ब्रह्म कर्म + रजसेवा ध्यान न्याय क्षत्रम कर्म सुरक्षण + तपसेवा उत्पादण निर्माण शूद्रम कर्म + तमसेवा वितरण वाणिज्य वैशम कर्म। = ( शिक्षा सेवा+ सुरक्षा सेवा + उद्योग सेवा + व्यापार सेवा ) × दाससेवा/ ऋषिसेवा/ नौकरसेवा /जनसेवा। जन्म से सबजन दस इंद्रिय समान लेकर जन्म लेते हैं और हरएक मानव जन मुख, बांह, पेट और चरण चार अंग समान लेकर जन्म लेते हैं । इसलिए जन्म से सबजन बराबर होते हैं । मुख समान ब्रह्मण, बांह समान क्षत्रिय, पेटऊरू समान शूद्रण और चरण समान वैश्य सबजन होते हैं, चरणपांव चलाकर ही क्रय विक्रय वाणिज्य वित्त वितरण व्यापार ट्रांसपोर्ट वैशम वर्ण कर्म करते हैं । वेतनमान पर चतुरवर्ण में कार्यरत ऋषिजन जनसेवक नौकरजन दासजन सेवकजन होते हैं। आयु उम्र अनुसार चार आश्रम परिवार कल्याण के लिए निर्मित हैं जैसे कि ब्रह्मचर्य आश्रम + गृहस्थ आश्रम + वानप्रस्थ आश्रम+ यति आश्रम। पौराणिक वैदिक सनातन दक्ष धर्म संस्कार विधि-विधान नियम अनुसार चार वर्ण कर्म और चार आयु आश्रम अनुसार श्रेष्ठतम जीवन प्रबंधन करना चाहिए। चतुर वर्णाश्रम प्रबन्धन - श्रेष्ठतम जीवन प्रबंधन। सतयुग दक्षराज वर्णाश्रम सनातन संस्कार। जय विश्व राष्ट्र सनातन प्रजापत्य दक्ष धर्म । जय अखण्ड भारत। जय वसुधैव कुटुम्बकम्। ॐ। पोस्ट निर्माता बुद्धप्रकाश प्रजापत। इस पोस्ट को कापी कर अन्य सबजन को भेजते रहें और सोच सुधार प्रिंट सुधार करवाते रहें ।
@budhprakash9200
@budhprakash9200 Месяц назад
हरएक मानव जन दो प्रकार से ब्राह्मण हैं। पहले तरह से मुख से ब्रह्मण नाममात्र हैं । मुख के सहयोग से चारो वर्ण कर्म होते हैं। दूसरे प्रकार से जब सबजन अपने कार्य का शिक्षण प्रशिक्षण आदान-प्रदान करते हैं। और ज्ञान शिक्षण वैद्यन पुरोहित संगीत कर्म करने वाले द्विजन ( स्त्री-पुरुष) अध्यापक गुरूजन विप्रजन कर्मधारी ब्रह्मण होते हैं। दिमाग सदुपयोग कर चार वर्ण और चार आश्रम का मतलब समझकर ज्ञान प्राप्त कर अज्ञान मिटाई करवाओ। विश्व विद्वान मित्रो! जन्म से सब जन दस इन्द्रिय समान लेकर जन्म लेते हैं इसलिए जन्म से जन होते हैं और संस्कार से द्विजन ( स्त्री-पुरुष ) होते हैं । जन्म से सबजन दस इंद्रिय के साथ-साथ शरीर के चार अंग मुख, बांह, पेट और चरण समान लेकर जन्म लेते हैं। समाज के चार वर्ण कर्म विभाग ब्रह्म,क्षत्रम, शूद्रम और वैशम वर्ण विभाग को शरीर के चार अंग को समान माना गया है । जब एक जन है तो वह मुख समान ब्रह्म वर्ण कर्मी है, बांह समान क्षत्रम वर्ण कर्मी है, पेटऊरू समान शूद्रम वर्ण कर्मी है और चरण समान वैशम वर्ण कर्मी है। चरण पांव चलाकर ही व्यापार वाणिज्य क्रय विक्रय वितरण वैशम वर्ण कर्म होता है। इसलिए चरण समान वैश्य होता है। अत: किसी भी वर्ण को नामधारी वर्ण वाला बताकर मानकर सबजन को समान अवसर उपलब्ध है। लेकिन जब पांचजन सामाजिक कर्मी हैं तो एक जन अध्यापक गुरूजन पुरोहित चिकित्सक विप्रजन (ब्राह्मण) है , दूसरा जन सुरक्षक चौकीदार न्यायाधीश (क्षत्रिय) है, तीसरा जन उत्पादक निर्माता उद्योगण (शूद्राण) है और चौथा जन वितरक वाणिक व्यापारी ट्रांसपोर्टर आढती (वैश्य) है तथा पांचवा जन चारो वर्ण कर्म विभाग में वेतनमान पर ऋषिजन दासजन जनसेवक नौकरजन सेवकजन कार्यरत है। यह अकाट्य सत्य सनातन शाश्वत ज्ञान प्राप्त करने का सबजन को समान अवसर उपलब्ध है। कोई भी जन वर्ण कर्म किए बिना भी किसी वर्ण को मानकर बताकर मात्र नामधारी वर्ण वाला बन कर रह सकते हैं यह भी समान अवसर सबजन को उपलब्ध है अर्थात हरएक मानव जन खुद स्वयं को ब्रह्मण, क्षत्रिय, शूद्राण और वैश्य कोई भी वर्ण वाला मानकर बताकर जीवन निर्वाह कर सकते हैं। दो विषय अलग अलग हैं जैसे कि वर्ण जाति और वंश ज्ञाति इनको को समझना चाहिए । स्मरण रखना चाहिए कि वर्ण जाति शब्दावली का निर्माण कार्य करने वालो को पुकारने के लिए किया गया है इनको विभाग पदवि कहा जाता है । जबकि वंश ज्ञाति गोत्र शब्दावली का निर्माण विवाह सम्बंध संस्कार करने के लिए किया गया है , ताकि श्रेष्ठ संतान उत्पन्न करने के लिए सपिण्ड गोत्र वंश कुल बचाव कर विवाह सम्बंध संस्कार किये जाते रहें । यह पौराणिक वैदिक सतयुग राजर्षि ऋषि मुनियो की संसद ने शब्द निर्माण किया है। चार वर्ण कर्म ( शिक्षण+ सुरक्षण+ उत्पादन+ वितरण ) = चार वर्ण ( ब्रह्म + क्षत्रम+ शूद्रम+ वैशम ) । इन्ही चतुरवर्ण में पांचवेजन वेतनमान पर कार्यरत होते हैं। चार आश्रम ( ब्रह्मचर्य + ग्रहस्थ+ वानप्रस्थ+ यति आश्रम ) । आयु आश्रम अनुसार जीवन प्रबंधन किया जाता है। यह अकाट्य सत्य सनातन दक्ष धर्म संस्कार शाश्वत ज्ञान की पोस्ट पढ़कर समझकर सोच सुधार करें और प्रिंट सुधार करें। बुद्ध प्रकाश प्रजापत की इस पोस्ट को कापी कर सबजन को भेजकर सबजन को ब्रह्मण बनाएं ।
@annukhatik7392
@annukhatik7392 Месяц назад
Jai bhim Jai samvidhan 🙏🙏🙏🙏🙏
@sadhanapatel3060
@sadhanapatel3060 Месяц назад
Namo budhay ❤
@RAJESHpatel-pr2fr
@RAJESHpatel-pr2fr Месяц назад
Sir ! आपका साहस असाधारण और अत्यंत सराहनीय है। देश को जागरुक करने का आपका प्रयास और बाबा साहब एवं बुद्ध के सपनों यह देश एक दिन अवश्य अपने स्वरुप को प्राप्त होगा। ❤ जय भीम जय भारत जय संविधान।
@AmarjeetYadav-vj6sm
@AmarjeetYadav-vj6sm Месяц назад
Jay bheem
@DB03584
@DB03584 Месяц назад
Good job laxmanji hindu dharam ke naam sey aur sanskriti key naam sey brahman vyavastha thopi ja rahey hai logo ko jagruk hona padega wake up people 🙏
@NirbhayYaduvanshi-dx3zk
@NirbhayYaduvanshi-dx3zk Месяц назад
नफरत भगाए और भारत देश बचाए
@athismosho-tm4yh
@athismosho-tm4yh Месяц назад
Jai bheem nmo budhay 💙
@AnujKumar-ri1rj
@AnujKumar-ri1rj Месяц назад
Jai bhim jai samvidhan namo buddhay😊😊😊
@PuranSingh-ui7eo
@PuranSingh-ui7eo Месяц назад
जय भीम
@D.S.E-k51
@D.S.E-k51 Месяц назад
You are absolutely right agreed Mr laxman your are taking very very good step advocate dharamvir singh
@harinandanyadav3812
@harinandanyadav3812 Месяц назад
You are right 👍 sar
@user-ng3fw9np9n
@user-ng3fw9np9n Месяц назад
Brother you are right ✅️ and brother you are very Very great work 👏 Jay bhim 🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
@AshokKumar-em3bi
@AshokKumar-em3bi Месяц назад
मनुस्मृति को जलाओ,पाप और अन्याय की उपज है यह पुस्तक।
@khageshkumarpatel6754
@khageshkumarpatel6754 Месяц назад
पहले पूरा पढ़ तो लो क्या लिखा है फिर जलाते रहना😮😮
@axyz310
@axyz310 Месяц назад
​@@khageshkumarpatel6754bhai ye log pagal hai 😂 kuch bi bake ja rhe hai inke anusar to gulam wans or mughlo ke shasan kal ki baysthao bi nhi padhana chahiye....Universities me jarur padhana chahiye in kitabo ko or ye bi batana chahiye ki inse samaj kaise prabhwit hua...inhe isse koi prblm nhi hoti ki muslim bachcho ke dimag me bachpan se quran hadis or shariya padhaya ja rha ....
@Rational103
@Rational103 Месяц назад
पूरे देश में आंदोलन होगा,,
@AmarAmar-q8z
@AmarAmar-q8z Месяц назад
Namo buddhay Jay Bheem Jay Bharat❤
@ramlakhan7809
@ramlakhan7809 Месяц назад
Jay bhim Jay sambidhan
@vineetprakash2225
@vineetprakash2225 Месяц назад
You are very good sir ji
@rupeshpaswan8042
@rupeshpaswan8042 Месяц назад
मान्यवर डॉ लक्ष्मण यादव जी आपको बहुत-बहुत धन्यवाद|🙏🙏🙏
@hukamchandmehra537
@hukamchandmehra537 Месяц назад
Great 👍 सभी शिक्षित लोगों को सोचना चाहिए
@jagannathkushwaha7506
@jagannathkushwaha7506 Месяц назад
जिससकी सरकार होती है उसकी शिक्षा नीती होती है। लोक एकता पाटीॅ
@MAURYAVANSHI2618
@MAURYAVANSHI2618 Месяц назад
जन अधिकार पार्टी
@MUKESHKUMAR-xg3lg
@MUKESHKUMAR-xg3lg Месяц назад
आने वाले समय में मनुस्मृति को लोग खुद जलाएंगे संविधान है और रहेगा क्योंकि देश संविधान से चलता है न की काल्पनिक मनुस्मृति से जय भीम जय संविधान जय भारत 💪💙🇮🇳🙏
@deepakverma9164
@deepakverma9164 Месяц назад
manusmriti se samaj ko khatra hai
@priyetamkumar9044
@priyetamkumar9044 Месяц назад
मनु स्मृति अब नही चलने वाला है इसका घोर विरोधी होगा जय भीम जय संविधान
@DrSurendraMaurya02
@DrSurendraMaurya02 Месяц назад
Sambidhan padana chahiye
@guptasingh89
@guptasingh89 Месяц назад
aap ka bhut -2 dhnyawad hme jankari ke lye
@shivansh_singh3390
@shivansh_singh3390 Месяц назад
डॉक्टर साहब आपकी आवाज को बुलंद करने के लिए 85% लोगों को जागरूक होने की जरूरत है
@AkRaj-hi2tx
@AkRaj-hi2tx Месяц назад
Jay bhim Jay sanvidhan
@Communityshorts-sb1wg
@Communityshorts-sb1wg Месяц назад
अपना देश यही कारण से पीछे है की पाखंड को ज्यादा महत्व देते है है हर कंट्री आगे बढ़ रही हैं भारत अभी भी 21 बी शताब्दी में पाखंड से मुक्त नहीं हुआ सर
@stock.92
@stock.92 Месяц назад
Jai bhim namo budhay 🙏🙏🙏
@AnkitKumar-rs7xn
@AnkitKumar-rs7xn Месяц назад
Jay bhim
Далее
Аруси Точики ❤️❤️❤️
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