ओम नमो नारायण श्री श्रीमंत मैं तो यह जानना चाहूंगी कि अगर भगवान में लीन हो जाते हैं तो पक्का प्रमाण चाहिए कि वहां पर आनंद की ही अनुभूति होती होगी क्या मारकर अच्छा बुरा कर्म करके जाते हैं तू अच्छे कर्म की खुशियों की जीव को खुशियों की लहरें होती होगी क्या बताएं और बुरा कर्म अगर करते होंगे तो नरक में ही पड़ी रहेंगे क्या यह क्या प्रमाण है वेद शास्त्र कहते हैं मैं तो मानती हूं लेकिन फिर भी मैं एक उदाहरण का रूप समझाऊं आपके एक मां के गर्भ में बच्चा हो और एक बच्चा गोद में हो तो क्या वह गोद के बच्चे का आनंद नहीं ले गी क्या पहले तो उसको ही प्यार करेगी गर्भ के बच्चे का क्या पता वह दुनिया में आए या ना आए यह तो रहस्य है तो यही बात है संसार के आनंद को क्यों त्याग करें हां गृहस्ती में रहकर भी भगवान का ध्यान तो जरूरी है वेद कहते हैं की बड़े भाग्य मानुष तन पावा देवताओं को भी दुर्लभ है यह मनुष्य तेरी🌹🌹❤
जय हो आपकी श्री महानुभव जय जय राम जी भाई मुझे तो आधा क्या लेश मात्र भी ज्ञान नहीं है भगवान का और वेदों का तो अंत ही नहीं है मेरी जैसी उनका क्या ज्ञान कर सकेंगे मैं तो बस केवल एक राम के नाम को ही जानती हो और सब से राम राम ही कर लेती है बस जय श्री राम राम @@Viral_shortsboom
@@Viral_shortsboom यह तो मेरी सोच है लेकिन वेद और पुराण रामायण पर तो मेरा अटूट विश्वास है स्वामी जी नहीं करती यह सब ही सत्य है परम सत्य सृष्टि रची गई है तब से ही यह भी भगवान ने रचे ही है हरि ओम तत सत सत्यम शिवम सुंदरम हरि शरणम