महाभारत एक पूरी परम्परा, एक पूरी सभ्यता की स्मृति को सुरक्षित रखने का प्रयत्न है। स्मृति एक नैतिक ज़िम्मेदारी है और हम किस तरह की स्मृति को सुरक्षित रखना चाहते हैं यह पूर्णतः हम किस तरह का भविष्य को चाहते हैं इस पर निर्भर करता है। महाभारत : जो यहाँ नहीं, वह कहीं नहीं विषय पर अपनी बात रखी प्रोफ़ेसर डॉ. पुरुषोत्तम अग्रवाल ने #करो_ना_चर्चा #KaroNaCharcha में
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8 сен 2024