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महाराजा अग्रसेन की जीवनी - Maharaja Agrasen Life History in Hindi  

Gigabyte bhavya
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महाराजा अग्रसेन जी के बारे में एक नजर में - Maharaja Agrasen Biography in Hindi
जन्म 3130+ संवत 2073( विक्रम संवत शुरु होने से करीब 3130 साल पहले)
पिता महाराजा वल्लभसेन
माता भगवती देवी
विवाह
माधवी( पहली पत्नी)
सुंदरावती (दूसरी पत्नी)
संतान 18 पुत्र
अग्रसेन जयंती आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा (नवरात्री के पहले दिन)
महाराजा अग्रसेन जी का जन्म और प्रारंभिक जीवन - Maharaja Agrasen Biography In Hindi
अग्रवाल समाज के पितामह महाराजा अग्रसेन जी का जन्म द्धापर युग के आखिरी चरण में अश्विन शुक्ल प्रतिपदा यानि नवरात्रों के पहले दिन हुआ था, उनके जन्मदिवस को अग्रवाल समाज द्धारा धूमधाम से अग्रसेन जयंती के रूप में मनाया जाता है। महाराजा अग्रसेन प्रताप नगर के राजा वल्लभ और माता भगवती के यहां सूर्यवंशी क्षत्रिय कुल में उनके बड़े पुत्र के रुप में जन्में थे, जिन्होंने बाद में अग्रवाल समाज का निर्माण एवं अग्रोहा धाम की स्थापना की थी। महाराजा अग्रसेन जी के बारे में यह भी कहा जाता है कि, उनके जन्म के समय में ही महान गर्ग ॠषि ने उनके पिता महाराज वल्लभ से यह कहा था, कि वे आगे चलकर बहुत बड़े शासक बनेगें और उनके राज्य में एक नई शासन व्यवस्था उदय होगी एवं युगों-युगों तक उनका नाम अमर रहेगा। वहीं आगे चलकर ऐसा ही हुआ और आज तक महाराजा अग्रसेन जी को याद किया जाता है। आपका बता दें कि महाराजा अग्रसेन बेहद दयालु और करुणामयी स्वभाव वाले व्यक्ति थे, जिनके ह्रदय में मनुष्य समेत पशु-पक्षी एवं जानवरों के लिए भी करुणा भरी हुई थी, यही वजह थी कि उन्होंने धार्मिक पूजा-अनुष्ठानों में पशु बलि आदि को गलत करार दिया था एवं अपना क्षत्रिय धर्म त्याग कर वैश्य धर्म की स्थापना की थी। इसके अलावा वे हमेशा अपनी प्रजा की भलाई के बारे में सोचने वाले महान राजा थे, जिनकी प्रसिद्धि एक प्रिय राजा के रुप में फैली हुई थी।
अग्रेसन महाराज जी का विवाह - Maharaja Agrasen Life History
महाराजा अग्रसेन जी की पहली शादी राजा नागराज की पुत्री राजकुमारी माधवी से हुई थी। उनकी यह शादी स्वयंवर के माध्यम से की गई, राजा नागराज के यहां आयोजित इस स्वंयवर में राजा इंद्र ने भी हिस्सा लिया था। वहीं स्वयंवर के दौरान राजकुमारी माधवी जी के द्धारा महाराजा अग्रसेन जी को अपने वर के रुप में चुनने से राजा इंद्र को काफी अपमानित महसूस हुआ और इससे क्रोधित होकर उन्होंने प्रतापनगर में बारिश नहीं करने का आदेश दिया जिससे प्रतापनगर में भयंकर अकाल के हालत बन गए एवं चारों तरफ त्राहिमाम मच गया, प्रजा भूख-प्यास से तड़पने लगी। जिसे देखकर महाराज अग्रेसन और उनके भाई शूरसेन ने अपने प्रतापी और दिव्य शक्तियों की से राजा इंद्र से घमासान युद्द कर अपने राज्य प्रतापनगर को भयंकर अकाल जैसे महासंकट से उबारने का फैसला लिया। वहीं इस युद्द में महाराजा अग्रसेन का पलड़ा भारी था, लेकिन महाराजा अग्रसेन की विजय सुनिश्चित होने के बाबजूद भी देवताओं ने नारदमुनि के साथ मिलकर महाराजा अग्रसेन और इंद्र के बीच सुलह करवा दी। लेकिन इसके बाबजूद भी प्रतापनगर की जनता की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही थीं। इंद्र एक के बाद एक नई मुसीबत खड़ी कर प्रतापनगर की जनता का जीना मुहाल कर रहे थे, जिसे देखते हुए महाराजा अग्रसेन ने हरियाणा और राजस्थान के बीच में सरस्वती नदीं के किनारे स्थित अपने राज्य प्रतापनगर को इंद्र के कुप्रभाव से बचाने के लिए भगवान शंकर और माता लक्ष्मी की कड़ी तपस्या की। महाराजा अग्रेसन की इस तपस्या के दौरान इंद्र ने कई तरह की परेशानी खड़ी करने की कोशिश की, लेकिन महाराजा अग्रसेन की कड़ी तपस्या से देवी लक्ष्मी प्रसन्न हुईं। इसी दौरान महाराजा अग्रसेन ने देवी लक्ष्मी लक्ष्मी को इंद्र की समस्या के बारे में बताया। जिसके बाद देवी लक्ष्मी ने अग्रसेन जी को सलाह दी कि अगर वे कोलापुर के राजा महीरथ (नागवंशी) की पुत्री से विवाह कर लेंगे तो उन्हें उनकी सभी शक्तियां प्राप्त हो जाएंगी, जिसके चलते इन्द्र को महाराजा अग्रसेन से आमना-सामना करने से पहले कई बार सोचना पड़ेगा। इस तरह महाराजा अग्रसेन ने राजकुमारी सुंदरावती से दूसरा विवाह कर प्रतापनगर को संकट से बचाया। इसके साथ ही देवी लक्ष्मी में उनसे यह भी कहा कि वे निडर होकर बिना किसी भय के नए राज्य की स्थापना करें।
अग्रोहा की स्थापना - Agroha
माता लक्ष्मी के आदेशानुसार प्रतापनगर के प्रिय राजा महाराजा अग्रसेन एक नए राज्य के लिए जगह का चयन करने के लिए अपनी रानी के साथ भारत भ्रमण पर निकल पड़े। उन्होंने अपनी इस यात्रा के दौरान एक समय में, उन्हें अपनी इस यात्रा के दौरान कुछ बाघ शावक और भेड़िया शावकों को एक साथ देखा और इसे उन्होंने शुभ संकेत एवं बहादुरी की कर्मभूमि समझते हुए चुना और अपने नए राज्य अग्रोहा की स्थापना की।
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Maximum 2 x 2 Rubik's Cubes
solved by a kid in 5 minutes
The record for solving the maximum number of 2 x 2 Rubik’s Cubes in 5 minutes was set by Bhavya Bansal (born on December 29, 2017) of Mathura, Uttar Pradesh. He solved twelve 2 x 2 Rubik’s Cubes in 5 minutes at the age of 4 years, 5 months and 26 days, as confirmed on June 25, 2022
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10 окт 2024

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Комментарии : 6   
@sanjivkumar2413
@sanjivkumar2413 2 года назад
Very informative
@bansalfootwear1545
@bansalfootwear1545 2 года назад
Jai agrasen Maharaj
@rajpalarya6097
@rajpalarya6097 11 месяцев назад
Jai Siya Ram. Jai Agarsain Maharaj ji. Ati sundar katha.
@ravindragarg6119
@ravindragarg6119 2 года назад
Jay maharaja agarsen ji ki apka asirwad hm pr sda bna rhe
@dineshbansal7312
@dineshbansal7312 Год назад
Jay.sjhri.agrasen.maharaj.ke.jay
@bhajansbyguptani8114
@bhajansbyguptani8114 2 года назад
Maharaj agrarian ki jai
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