गुरु जी ये एक दादा गुरु जी के द्वारा किया हुआ दान और तप की नाटिका देख कर हमारे भी मन गदगद व आखे सेआसू, बाहर आने लगे गुरु जी आप का कृपा हो और हम भी उस दाता को पा लेवे ॐॐॐ
मेरे प्यारे दादा गुरु को कोटि कोटि प्रणाम, जो बापू जैसे मेरे प्यारे, सद्गुरु दिये, गुरु मोहे ना बिसारियो, चाहे लाख लोग मिल जाए, हम सम तुमको बहुत है, तुम सब हमको ना ही,
नाटिका के द्वारा बहुत सुंदर ज्ञान मिलता है। हमारे दादा गुरु श्री लीलाशाहजी बापू का यह प्रसंग किताब में पढ़ा है, और बापूजी के श्रीमुख से भी सुना है, लेकिन नाटिका देख कर बहुत आनंद आया।
Sadho sadho.. bahut hi adbhut natika.. nanhe balako me susanskar sinchan karne ka isse acha upay kya ho sakta he.. bahut bahut sadhuvad sab bhai bahano ko..