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माँ दुर्गा ही श्रीकृष्ण हैं ? Devi Gita and Bhagwad Gita Explained | Navratri Special | #97 

Hyper Quest
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Intro: (0:00)
देवी गीता क्या है? : (1:09)
देवी गीता में सृष्टि निर्माण! : (2:59)
सृष्टि निर्माण की प्रक्रिया: (7:48)
देवी भगवती का विराट स्वरूप : (12:00)
सूक्ष्म शरीर और कर्म संस्कार: (14:27)
‘ह्रीं’ बीजमंत्र की महिमा : (16:45)
Topics Covered:
What is Devi Gita?
Sukhsm Sharir, Kaaran Sharir and Sthool Sharir.
Devi Bhagawati Virat Swaroop
Creation of Universe in Hindu Scriptures and Devi Bhagawat Mahapuran
Beejmantra
The ultimate Beejmantra "Hreem"
Concept of Karma and Moksha in Hinduism
Similarities between Vedas, Upanishads and Puranas
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4 июл 2024

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Комментарии : 922   
@HyperQuest
@HyperQuest 2 месяца назад
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@shivambathiya2567
@shivambathiya2567 2 месяца назад
ॐ नमः शिवाय। हर हर महादेव।
@shivambathiya2567
@shivambathiya2567 2 месяца назад
ॐ नमः शिवाय। हर हर महादेव।
@Sri.Krishna9838
@Sri.Krishna9838 2 месяца назад
Bhai kuch log radha ji ko kaalpnik batate hai kripya ispr ek vdo banaiye
@prembhakti5505
@prembhakti5505 2 месяца назад
आप कोशिश तो कर रहे हो लेकिन अध्यात्म ज्ञान का सही सार नहीं जानते और बिना तत्वदर्शी संत की शरण ग्रहण किए बिना अध्यात्म ज्ञान को सही से प्राणी नहीं समझ सकता कहते हैं गुरु बिन काहू ना पाया ज्ञाना ज्यों थोथा भूस छड़े मूढ़ किसाना गुर बिन वेद पढ़े जो प्राणी समझे ना सार रहे अज्ञानी इसलिए पहले तत्वदर्शी संत की खोज करो उनसे ज्ञान समझो ज्ञान गंगा किताब पढ़िए
@riteshburnwal5991
@riteshburnwal5991 2 месяца назад
Sadashiv is the Parambrahma per Controversial theories and exposed Panchanan Sadashiv do pramukhswaroop secret God Maheshwar and rudra the destroyer ki uttpati and Sadashiv Ke Panchamukho ka arth kya hai Iss baare mein next video per explanation kariye please yaar request hai yaar please banao kafi time pehle bhi bola tha please banao 🔱🕉🚩🙏🏼 Har Har Mahadev Shiv Shiv 🙏🏼🚩🕉🔱
@True-speaker97
@True-speaker97 2 месяца назад
हम तो पहले से ही कहते है की श्रीकृष्ण (विष्णु) , शिव , मां भवानी सब एक ही है..!! जब शिव ही शक्ति है.. जैसे आधे शिव आधी शक्ति .. और वही पर शिव हरिहर रूप भी दिखाते है.. आधे शिव और आधे विष्णु.. गीता में स्वयं श्रीकृष्ण भी कहते है की भक्तो में मैं शिव हूं.. तो कुल मिलाकर ये सभी एक ही है.. उनके रूप, कलाए, रस में अलग अलग है.. जय श्रीराम 🙏🚩
@underworldevolution4321
@underworldevolution4321 Месяц назад
Shiv ji ke avtar adishankracharya ji ne praboadh sudhakar verse 242 mein likha bhagwan shree Krishna ne bramhaji ko anat universes ke anant bramha Vishnu Mahesh Ganesh etc dikhaya shiv ji Jin bhagwan shree Krishna ke charno ko apne mastak pe dharan kar te hain adishankracharya ji ne Govindasthkam mein likha bhagwan shree Krishna ka koi Swami ishwar nahi hain wo param swatantra hain samast karno ke param Karan hain sabhi vastu ke strotra hain jinka sukh sarvocch hain jo sarvocch Prabhu hain
@abhishekthakur2629
@abhishekthakur2629 Месяц назад
सभी वेद पुराणों का सार है.. एक ही पराशक्ति है जिसे जिस रूप में पुकारो वो उसी रूप में आपको मिल जाती है और सभी एक ही मार्ग को प्रशस्त करती है... सभी सर्वोपरि है क्योंकि सभी एक ही है... सभी पुराण हर एक संबंधित रूप को सर्वोपरि बताते है। अगर कोई एक ही सर्वोपरि होता तो महर्षि वेदव्यास किसी एक रूप को ही सर्वोपरि रख कर एक ही पुराण लिखते। महर्षि वेदव्यास ने 18 पुराण लिखे, संबंधित रूप को सर्वोपरि बताया चाहे वो भवानी हो कृष्ण हो शिव हो, इसका अर्थ है कि वेदव्यास के अनुसार यही सार है कि सभी सर्वोपरि है क्योंकि सभी एक ही पराशक्ति के स्वरूप है जो कि सभी जड़ चेतन में विद्यमान है।।
@divide1938
@divide1938 Месяц назад
देवी पुराण मे देवी दुर्गा स्वयं देवताओं से कहती है मेरा पुरुष रूप ही गोविंद हैँ 😎 ब्रह्माण्ड पुराण मे कहा गया है ललिता त्रिपुरा सुंदरी जो ईश्वरो की ईश्वरी हैँ वही गोलोक मे पुरुष रूप मे गोविन्द हैँ गोलोकी कृष्ण ही मनीद्वीप मे शक्ति रूप मे ललिता त्रिपुर सुंदरी हैँ 🙏🏻 ब्रह्माण्ड पुराण मे यह भी वर्णित है काली ने भी शिव की इच्छा पर श्रीकृष्ण का अवतार धारण किया था उस कल्प मे विष्णु बड़े भाई बलराम बने थे और शिव ने राधा का रूप लिया था और शिव की अस्ट मूर्तियों ने श्रीकृष्ण की आठ रानीयों का अवतार लिया था उस कल्प मे महाभारत युद्ध मे अर्जुन को काली रूप मे दर्शन दिया श्रीकृष्ण ने और अंत मे शेरो से जुड़े हुए रथ पर काली रूप मे कैलाश को गयी 😎इसीलिए काली और कृष्ण दोनों का बीज मंत्र एक ही है क्लीं 😎बंगाल मे काली की श्रीकृष्ण रूप मे भी पूजा होती है 😎
@think_positive164
@think_positive164 5 дней назад
​@@divide1938 धन्यवाद आपने बहुत अच्छा ज्ञान दिया 🙏🏻
@lakshmi_sanaatani9004
@lakshmi_sanaatani9004 2 месяца назад
चैत्र नवरात्रि की अनंत शुभकामनाएँ🙏 जय स्कंदमाता🙏
@HyperQuest
@HyperQuest 2 месяца назад
आपको भी लक्ष्मी जी 🙏🏻
@harekrishna2291
@harekrishna2291 2 месяца назад
​@@HyperQuest बीजी. 7.14 दैवी ह्येषा गुणमयी मम माया दुरत्यया। मामेव ये प्रपद्यन्ते मायामेतां तरन्ति ते ॥ 14॥ दैवी ह्य एषा गुणमयी मम मया दुरत्यया मम एव ये प्रपद्यन्ते मयाम एतम् तरन्ति ते समानार्थी शब्द दैवी - दिव्य; हाय - अवश्य; एषा - यह; गुण - मयि - भौतिक प्रकृति के तीन गुणों से युक्त; माँ - मेरा; माया - ऊर्जा; दुरत्याया - बहुत कठिन है; माम् - मेरे लिए; एव - अवश्य; तु - वे जो; प्रपद्यन्ते - समर्पण; मायाम् एताम् - यह मायावी ऊर्जा; तरन्ति - पराजित; ते - वे. अनुवाद भौतिक प्रकृति के तीन गुणों से युक्त मेरी इस दिव्य ऊर्जा पर काबू पाना कठिन है। लेकिन जिन्होंने मेरे प्रति समर्पण कर दिया है वे आसानी से इससे आगे निकल सकते हैं। मुराद भगवान के परम व्यक्तित्व में असंख्य ऊर्जाएँ हैं, और ये सभी ऊर्जाएँ दिव्य हैं। यद्यपि जीव उनकी ऊर्जा का हिस्सा हैं और इसलिए दिव्य हैं, भौतिक ऊर्जा के संपर्क के कारण उनकी मूल श्रेष्ठ शक्ति ढकी हुई है। इस प्रकार भौतिक ऊर्जा से आच्छादित होने के कारण, कोई संभवतः इसके प्रभाव से उबर नहीं सकता है। जैसा कि पहले कहा गया है, भौतिक और आध्यात्मिक दोनों प्रकृतियाँ, भगवान के सर्वोच्च व्यक्तित्व से उत्पन्न होने के कारण, शाश्वत हैं। जीव भगवान की शाश्वत श्रेष्ठ प्रकृति से संबंधित हैं, लेकिन अपरा प्रकृति, पदार्थ से दूषित होने के कारण, उनकी माया भी शाश्वत है। इसलिए बद्ध आत्मा को नित्य-बद्ध, या शाश्वत रूप से बद्ध कहा जाता है। भौतिक इतिहास में कोई भी किसी निश्चित तिथि पर उसके बद्ध होने के इतिहास का पता नहीं लगा सकता है। नतीजतन, भौतिक प्रकृति के चंगुल से उसकी रिहाई बहुत मुश्किल है, भले ही वह भौतिक प्रकृति एक निम्न ऊर्जा है, क्योंकि भौतिक ऊर्जा अंततः सर्वोच्च इच्छा द्वारा संचालित होती है, जिसे जीवित इकाई दूर नहीं कर सकती है। निम्न, भौतिक प्रकृति को उसके दिव्य संबंध और दिव्य इच्छा द्वारा गति के कारण दिव्य प्रकृति के रूप में परिभाषित किया गया है। दैवीय इच्छा से संचालित होने के कारण, भौतिक प्रकृति, यद्यपि निम्नतर है, ब्रह्मांडीय अभिव्यक्ति के निर्माण और विनाश में बहुत अद्भुत कार्य करती है। वेद इसकी पुष्टि इस प्रकार करते हैं: मायां तु प्रकृतिं विद्यां मायिनं तु महेश्वरम्। "यद्यपि माया [भ्रम] मिथ्या या अस्थायी है, माया की पृष्ठभूमि सर्वोच्च जादूगर, भगवान का व्यक्तित्व है, जो महेश्वर, सर्वोच्च नियंत्रक है।" ( श्वेताश्वतर उपनिषद 4.10) गुण का दूसरा अर्थ रस्सी है; यह समझना चाहिए कि बद्ध आत्मा माया की रस्सियों से कसकर बंधी हुई है। हाथों और पैरों से बंधा हुआ व्यक्ति खुद को मुक्त नहीं कर सकता - उसे ऐसे व्यक्ति द्वारा मदद की जानी चाहिए जो बंधन से मुक्त है। क्योंकि बंधा हुआ बंधा हुआ व्यक्ति की सहायता नहीं कर सकता, इसलिए बचाने वाले को मुक्त करना होगा। इसलिए, केवल भगवान कृष्ण, या उनके प्रामाणिक प्रतिनिधि आध्यात्मिक गुरु, बद्ध आत्मा को मुक्त कर सकते हैं। ऐसी श्रेष्ठ सहायता के बिना, कोई भी व्यक्ति भौतिक प्रकृति के बंधन से मुक्त नहीं हो सकता। भक्ति सेवा, या कृष्ण चेतना, व्यक्ति को ऐसी मुक्ति प्राप्त करने में मदद कर सकती है। कृष्ण, मायावी ऊर्जा के स्वामी होने के नाते, इस अजेय ऊर्जा को बद्ध आत्मा को मुक्त करने का आदेश दे सकते हैं। वह इस रिहाई का आदेश समर्पित आत्मा पर अपनी अहैतुकी दया और जीव, जो मूल रूप से भगवान का प्रिय पुत्र है, के प्रति अपने पैतृक स्नेह के कारण देता है। इसलिए भगवान के चरण कमलों के प्रति समर्पण ही कठोर भौतिक प्रकृति के चंगुल से मुक्त होने का एकमात्र साधन है। माम् एव शब्द भी महत्वपूर्ण है। मम का तात्पर्य केवल कृष्ण (विष्णु) से है, ब्रह्मा या शिव से नहीं। यद्यपि ब्रह्मा और शिव बहुत ऊंचे हैं और लगभग विष्णु के स्तर पर हैं, रजो-गुण (जुनून) और तमो-गुण (अज्ञान) के ऐसे अवतारों के लिए बद्ध आत्मा को माया के चंगुल से मुक्त करना संभव नहीं है। दूसरे शब्दों में, ब्रह्मा और शिव दोनों भी माया के प्रभाव में हैं । केवल विष्णु ही माया के स्वामी हैं ; इसलिए केवल वे ही बद्ध आत्मा को मुक्ति दे सकते हैं। वेद ( श्वेताश्वतर उपनिषद 3.8) तम एव विदित्वा वाक्यांश में इसकी पुष्टि करते हैं , या "केवल कृष्ण को समझने से ही स्वतंत्रता संभव है। " भगवान शिव भी पुष्टि करते हैं कि मुक्ति केवल विष्णु की कृपा से ही प्राप्त की जा सकती है। भगवान शिव कहते हैं, मुक्ति-प्रदाता सर्वेषां विष्णुर् एव न संशयः: "इसमें कोई संदेह नहीं है कि विष्णु सभी के लिए मुक्तिदाता हैं।"
@harekrishna2291
@harekrishna2291 2 месяца назад
एसबी 1.1.2 धर्म: प्रोज्हितकैतवोऽत्र परमो निर्मत्सरणं सततं वेद्यं वास्तवमात्र वस्तु शिवदं तापत्रयोन्मूलनम्। श्रीमद्भागवते महामुनिकृते किं वा परैरीश्वरः सद्यो हृदयवरुध्यतेऽत्र कृतिभिः सुश्रुषाभिस्तत्क्षणात् ॥ 2॥ धर्मः प्रोज्जहिता-कैतवो 'त्र परमो निर्मितसारणां सततं वेद्यं वास्तवम् अत्र वास्तु शिवदां तप -त्रयोनमूलं श्रीमद्भागवत महा-मुनि-कृते किं वा परैर ईश्वरः सद्यो ह ऋद्य अवरुध्यते 'त्र कृतिभिः शुश्रुषुभिस् तत्-क्षणात् समानार्थी शब्द धर्मः - धार्मिकता; प्रोज्जहिता - पूर्णतया अस्वीकृत; कैतवः - सकाम इरादे से आच्छादित; अत्र - यहाँ; परमाः - सर्वोच्च; निर्मित्सरानाम् - शत-प्रतिशत शुद्ध हृदय वाले का; सताम् - भक्त; वेद्यम् - समझने योग्य; वास्तवम् - तथ्यात्मक; अत्र - यहाँ; वास्तु - पदार्थ; शिवदम् - कल्याण; तप - त्रय - तीन गुना दुःख; उन्मूलानाम् - उखाड़ने वाला; श्रीमत - सुन्दर; भागवते - भागवत पुराण ; महा - मुनि - महान ऋषि (व्यासदेव); कृते - संकलित करके; किम् - क्या है; वा - आवश्यकता; परैः - अन्य; ईश्वरः - परम भगवान; सद्यः - तुरन्त; हृदि - हृदय के भीतर; अवरुध्यते - सघन हो जाता है; अत्र - यहाँ; कृतिभिः - पवित्र पुरुषों द्वारा; शुश्रुषुभिः - संस्कृति द्वारा; तत् - क्षणात् - बिना देर किये । अनुवाद भौतिक रूप से प्रेरित सभी धार्मिक गतिविधियों को पूरी तरह से खारिज करते हुए, यह भागवत पुराण उच्चतम सत्य का प्रतिपादन करता है, जो उन भक्तों द्वारा समझ में आता है जो पूरी तरह से हृदय से शुद्ध हैं। सर्वोच्च सत्य सभी के कल्याण के लिए भ्रम से अलग वास्तविकता है। ऐसा सत्य त्रिविध दुखों को नष्ट कर देता है। महान ऋषि व्यासदेव द्वारा [अपनी परिपक्वता में] संकलित यह सुंदर भागवत, ईश्वर प्राप्ति के लिए अपने आप में पर्याप्त है। किसी अन्य शास्त्र की क्या आवश्यकता है? जैसे ही कोई ध्यानपूर्वक और विनम्रतापूर्वक भागवत का संदेश सुनता है, ज्ञान की इस संस्कृति से परम भगवान उसके हृदय में स्थापित हो जाते हैं। मुराद धर्म में चार प्राथमिक विषय शामिल हैं, अर्थात् पवित्र गतिविधियाँ, आर्थिक विकास, इंद्रियों की संतुष्टि और अंततः भौतिक बंधन से मुक्ति। अधार्मिक जीवन एक बर्बर स्थिति है। दरअसल, मानव जीवन तभी शुरू होता है जब धर्म शुरू होता है। भोजन करना, सोना, डरना और संभोग करना पशु जीवन के चार सिद्धांत हैं। ये जानवरों और इंसानों दोनों में आम हैं। परन्तु धर्म मनुष्य का अतिरिक्त कार्य है। धर्म के बिना मानव जीवन पशु जीवन से बेहतर नहीं है। इसलिए, मानव समाज में धर्म का कुछ रूप मौजूद है जिसका लक्ष्य आत्म-प्राप्ति है और जो ईश्वर के साथ मनुष्य के शाश्वत संबंध का संदर्भ देता है। मानव सभ्यता के निचले चरण में भौतिक प्रकृति पर प्रभुत्व जमाने की होड़ या दूसरे शब्दों में कहें तो इंद्रियों को संतुष्ट करने की होड़ लगी रहती है। ऐसी चेतना से प्रेरित होकर मनुष्य धर्म की ओर उन्मुख होता है। इस प्रकार वह कुछ भौतिक लाभ प्राप्त करने के लिए पवित्र गतिविधियाँ या धार्मिक कार्य करता है। लेकिन यदि ऐसे भौतिक लाभ अन्य तरीकों से प्राप्त किए जा सकते हैं, तो तथाकथित धर्म की उपेक्षा की जाती है। आधुनिक सभ्यता में यही स्थिति है. मनुष्य आर्थिक रूप से समृद्ध हो रहा है, इसलिए वर्तमान समय में उसे धर्म में अधिक रुचि नहीं है। चर्च, मस्जिद या मंदिर अब व्यावहारिक रूप से खाली हैं। पुरुषों को धार्मिक स्थानों की तुलना में कारखानों, दुकानों और सिनेमाघरों में अधिक रुचि है जो उनके पूर्वजों द्वारा बनाए गए थे। इससे व्यवहारिक रूप से सिद्ध होता है कि धर्म कुछ आर्थिक लाभ के लिए किया जाता है। इन्द्रियतृप्ति के लिए आर्थिक लाभ आवश्यक है। अक्सर जब कोई इंद्रिय संतुष्टि की खोज में भ्रमित हो जाता है, तो वह मोक्ष का रास्ता अपनाता है और भगवान के साथ एक होने का प्रयास करता है। परिणामस्वरूप, ये सभी अवस्थाएँ केवल अलग-अलग प्रकार की इन्द्रियतृप्ति हैं। वेदों में उपर्युक्त चार गतिविधियों को नियामक तरीके से निर्धारित किया गया है ताकि इंद्रिय संतुष्टि के लिए कोई अनुचित प्रतिस्पर्धा न हो। लेकिन श्रीमद-भागवतम इन सभी इंद्रिय संतुष्टिदायक गतिविधियों से परे है। यह विशुद्ध रूप से दिव्य साहित्य है जिसे केवल भगवान के शुद्ध भक्त ही समझ सकते हैं जो प्रतिस्पर्धी इंद्रिय संतुष्टि से परे हैं। भौतिक संसार में पशु और पशु, मनुष्य और मनुष्य, समुदाय और समुदाय, राष्ट्र और राष्ट्र के बीच गहरी प्रतिस्पर्धा है। लेकिन भगवान के भक्त ऐसी प्रतियोगिताओं से ऊपर उठ जाते हैं। सकाम गतिविधियों को शामिल किया जाता है।
@VedicRevival
@VedicRevival 2 месяца назад
बहुत बहुत शुभकामनाएं बहन। देवी माता आदिशक्ति हम सब पर अपनी कृपा बनाए रखे।
@Kartikparmar354
@Kartikparmar354 2 месяца назад
Param Brahma kaun
@Sanatan_Avgat
@Sanatan_Avgat 2 месяца назад
घर वापसी अभियान जारी रहे, ||🚩🚩|| सभी हिंदू 🕉एकता बनाये रखे जल्द ही आवश्यकता पड़ने वाली है _______________ हर हर महादेव 🔱🙏🕉🚩
@lakshmi_sanaatani9004
@lakshmi_sanaatani9004 2 месяца назад
हर हर महादेव 🙏
@joshmachine2505
@joshmachine2505 2 месяца назад
Increase our population.
@iloveme1239
@iloveme1239 2 месяца назад
​@@joshmachine2505saath hi baccho ko school ke bharose mat rakho veero ki gathao ko ghar me hi sunao jese chatrapati shivaji maharaj ki mataji ne sunaya 100 bewkuf se 1 veer samajhdar zyada acha hai nhi to convert ho jayenge to matlab nhi rahega population badhane ka
@harekrishna2291
@harekrishna2291 2 месяца назад
बीजी. 7.14 दैवी ह्येषा गुणमयी मम माया दुरत्यया। मामेव ये प्रपद्यन्ते मायामेतां तरन्ति ते ॥ 14॥ दैवी ह्य एषा गुणमयी मम मया दुरत्यया मम एव ये प्रपद्यन्ते मयाम एतम् तरन्ति ते समानार्थी शब्द दैवी - दिव्य; हाय - अवश्य; एषा - यह; गुण - मयि - भौतिक प्रकृति के तीन गुणों से युक्त; माँ - मेरा; माया - ऊर्जा; दुरत्याया - बहुत कठिन है; माम् - मेरे लिए; एव - अवश्य; तु - वे जो; प्रपद्यन्ते - समर्पण; मायाम् एताम् - यह मायावी ऊर्जा; तरन्ति - पराजित; ते - वे. अनुवाद भौतिक प्रकृति के तीन गुणों से युक्त मेरी इस दिव्य ऊर्जा पर काबू पाना कठिन है। लेकिन जिन्होंने मेरे प्रति समर्पण कर दिया है वे आसानी से इससे आगे निकल सकते हैं। मुराद भगवान के परम व्यक्तित्व में असंख्य ऊर्जाएँ हैं, और ये सभी ऊर्जाएँ दिव्य हैं। यद्यपि जीव उनकी ऊर्जा का हिस्सा हैं और इसलिए दिव्य हैं, भौतिक ऊर्जा के संपर्क के कारण उनकी मूल श्रेष्ठ शक्ति ढकी हुई है। इस प्रकार भौतिक ऊर्जा से आच्छादित होने के कारण, कोई संभवतः इसके प्रभाव से उबर नहीं सकता है। जैसा कि पहले कहा गया है, भौतिक और आध्यात्मिक दोनों प्रकृतियाँ, भगवान के सर्वोच्च व्यक्तित्व से उत्पन्न होने के कारण, शाश्वत हैं। जीव भगवान की शाश्वत श्रेष्ठ प्रकृति से संबंधित हैं, लेकिन अपरा प्रकृति, पदार्थ से दूषित होने के कारण, उनकी माया भी शाश्वत है। इसलिए बद्ध आत्मा को नित्य-बद्ध, या शाश्वत रूप से बद्ध कहा जाता है। भौतिक इतिहास में कोई भी किसी निश्चित तिथि पर उसके बद्ध होने के इतिहास का पता नहीं लगा सकता है। नतीजतन, भौतिक प्रकृति के चंगुल से उसकी रिहाई बहुत मुश्किल है, भले ही वह भौतिक प्रकृति एक निम्न ऊर्जा है, क्योंकि भौतिक ऊर्जा अंततः सर्वोच्च इच्छा द्वारा संचालित होती है, जिसे जीवित इकाई दूर नहीं कर सकती है। निम्न, भौतिक प्रकृति को उसके दिव्य संबंध और दिव्य इच्छा द्वारा गति के कारण दिव्य प्रकृति के रूप में परिभाषित किया गया है। दैवीय इच्छा से संचालित होने के कारण, भौतिक प्रकृति, यद्यपि निम्नतर है, ब्रह्मांडीय अभिव्यक्ति के निर्माण और विनाश में बहुत अद्भुत कार्य करती है। वेद इसकी पुष्टि इस प्रकार करते हैं: मायां तु प्रकृतिं विद्यां मायिनं तु महेश्वरम्। "यद्यपि माया [भ्रम] मिथ्या या अस्थायी है, माया की पृष्ठभूमि सर्वोच्च जादूगर, भगवान का व्यक्तित्व है, जो महेश्वर, सर्वोच्च नियंत्रक है।" ( श्वेताश्वतर उपनिषद 4.10) गुण का दूसरा अर्थ रस्सी है; यह समझना चाहिए कि बद्ध आत्मा माया की रस्सियों से कसकर बंधी हुई है। हाथों और पैरों से बंधा हुआ व्यक्ति खुद को मुक्त नहीं कर सकता - उसे ऐसे व्यक्ति द्वारा मदद की जानी चाहिए जो बंधन से मुक्त है। क्योंकि बंधा हुआ बंधा हुआ व्यक्ति की सहायता नहीं कर सकता, इसलिए बचाने वाले को मुक्त करना होगा। इसलिए, केवल भगवान कृष्ण, या उनके प्रामाणिक प्रतिनिधि आध्यात्मिक गुरु, बद्ध आत्मा को मुक्त कर सकते हैं। ऐसी श्रेष्ठ सहायता के बिना, कोई भी व्यक्ति भौतिक प्रकृति के बंधन से मुक्त नहीं हो सकता। भक्ति सेवा, या कृष्ण चेतना, व्यक्ति को ऐसी मुक्ति प्राप्त करने में मदद कर सकती है। कृष्ण, मायावी ऊर्जा के स्वामी होने के नाते, इस अजेय ऊर्जा को बद्ध आत्मा को मुक्त करने का आदेश दे सकते हैं। वह इस रिहाई का आदेश समर्पित आत्मा पर अपनी अहैतुकी दया और जीव, जो मूल रूप से भगवान का प्रिय पुत्र है, के प्रति अपने पैतृक स्नेह के कारण देता है। इसलिए भगवान के चरण कमलों के प्रति समर्पण ही कठोर भौतिक प्रकृति के चंगुल से मुक्त होने का एकमात्र साधन है। माम् एव शब्द भी महत्वपूर्ण है। मम का तात्पर्य केवल कृष्ण (विष्णु) से है, ब्रह्मा या शिव से नहीं। यद्यपि ब्रह्मा और शिव बहुत ऊंचे हैं और लगभग विष्णु के स्तर पर हैं, रजो-गुण (जुनून) और तमो-गुण (अज्ञान) के ऐसे अवतारों के लिए बद्ध आत्मा को माया के चंगुल से मुक्त करना संभव नहीं है। दूसरे शब्दों में, ब्रह्मा और शिव दोनों भी माया के प्रभाव में हैं । केवल विष्णु ही माया के स्वामी हैं ; इसलिए केवल वे ही बद्ध आत्मा को मुक्ति दे सकते हैं। वेद ( श्वेताश्वतर उपनिषद 3.8) तम एव विदित्वा वाक्यांश में इसकी पुष्टि करते हैं , या "केवल कृष्ण को समझने से ही स्वतंत्रता संभव है। " भगवान शिव भी पुष्टि करते हैं कि मुक्ति केवल विष्णु की कृपा से ही प्राप्त की जा सकती है। भगवान शिव कहते हैं, मुक्ति-प्रदाता सर्वेषां विष्णुर् एव न संशयः: "इसमें कोई संदेह नहीं है कि विष्णु सभी के लिए मुक्तिदाता हैं।"
@harekrishna2291
@harekrishna2291 2 месяца назад
एसबी 1.1.2 धर्म: प्रोज्हितकैतवोऽत्र परमो निर्मत्सरणं सततं वेद्यं वास्तवमात्र वस्तु शिवदं तापत्रयोन्मूलनम्। श्रीमद्भागवते महामुनिकृते किं वा परैरीश्वरः सद्यो हृदयवरुध्यतेऽत्र कृतिभिः सुश्रुषाभिस्तत्क्षणात् ॥ 2॥ धर्मः प्रोज्जहिता-कैतवो 'त्र परमो निर्मितसारणां सततं वेद्यं वास्तवम् अत्र वास्तु शिवदां तप -त्रयोनमूलं श्रीमद्भागवत महा-मुनि-कृते किं वा परैर ईश्वरः सद्यो ह ऋद्य अवरुध्यते 'त्र कृतिभिः शुश्रुषुभिस् तत्-क्षणात् समानार्थी शब्द धर्मः - धार्मिकता; प्रोज्जहिता - पूर्णतया अस्वीकृत; कैतवः - सकाम इरादे से आच्छादित; अत्र - यहाँ; परमाः - सर्वोच्च; निर्मित्सरानाम् - शत-प्रतिशत शुद्ध हृदय वाले का; सताम् - भक्त; वेद्यम् - समझने योग्य; वास्तवम् - तथ्यात्मक; अत्र - यहाँ; वास्तु - पदार्थ; शिवदम् - कल्याण; तप - त्रय - तीन गुना दुःख; उन्मूलानाम् - उखाड़ने वाला; श्रीमत - सुन्दर; भागवते - भागवत पुराण ; महा - मुनि - महान ऋषि (व्यासदेव); कृते - संकलित करके; किम् - क्या है; वा - आवश्यकता; परैः - अन्य; ईश्वरः - परम भगवान; सद्यः - तुरन्त; हृदि - हृदय के भीतर; अवरुध्यते - सघन हो जाता है; अत्र - यहाँ; कृतिभिः - पवित्र पुरुषों द्वारा; शुश्रुषुभिः - संस्कृति द्वारा; तत् - क्षणात् - बिना देर किये । अनुवाद भौतिक रूप से प्रेरित सभी धार्मिक गतिविधियों को पूरी तरह से खारिज करते हुए, यह भागवत पुराण उच्चतम सत्य का प्रतिपादन करता है, जो उन भक्तों द्वारा समझ में आता है जो पूरी तरह से हृदय से शुद्ध हैं। सर्वोच्च सत्य सभी के कल्याण के लिए भ्रम से अलग वास्तविकता है। ऐसा सत्य त्रिविध दुखों को नष्ट कर देता है। महान ऋषि व्यासदेव द्वारा [अपनी परिपक्वता में] संकलित यह सुंदर भागवत, ईश्वर प्राप्ति के लिए अपने आप में पर्याप्त है। किसी अन्य शास्त्र की क्या आवश्यकता है? जैसे ही कोई ध्यानपूर्वक और विनम्रतापूर्वक भागवत का संदेश सुनता है, ज्ञान की इस संस्कृति से परम भगवान उसके हृदय में स्थापित हो जाते हैं। मुराद धर्म में चार प्राथमिक विषय शामिल हैं, अर्थात् पवित्र गतिविधियाँ, आर्थिक विकास, इंद्रियों की संतुष्टि और अंततः भौतिक बंधन से मुक्ति। अधार्मिक जीवन एक बर्बर स्थिति है। दरअसल, मानव जीवन तभी शुरू होता है जब धर्म शुरू होता है। भोजन करना, सोना, डरना और संभोग करना पशु जीवन के चार सिद्धांत हैं। ये जानवरों और इंसानों दोनों में आम हैं। परन्तु धर्म मनुष्य का अतिरिक्त कार्य है। धर्म के बिना मानव जीवन पशु जीवन से बेहतर नहीं है। इसलिए, मानव समाज में धर्म का कुछ रूप मौजूद है जिसका लक्ष्य आत्म-प्राप्ति है और जो ईश्वर के साथ मनुष्य के शाश्वत संबंध का संदर्भ देता है। मानव सभ्यता के निचले चरण में भौतिक प्रकृति पर प्रभुत्व जमाने की होड़ या दूसरे शब्दों में कहें तो इंद्रियों को संतुष्ट करने की होड़ लगी रहती है। ऐसी चेतना से प्रेरित होकर मनुष्य धर्म की ओर उन्मुख होता है। इस प्रकार वह कुछ भौतिक लाभ प्राप्त करने के लिए पवित्र गतिविधियाँ या धार्मिक कार्य करता है। लेकिन यदि ऐसे भौतिक लाभ अन्य तरीकों से प्राप्त किए जा सकते हैं, तो तथाकथित धर्म की उपेक्षा की जाती है। आधुनिक सभ्यता में यही स्थिति है. मनुष्य आर्थिक रूप से समृद्ध हो रहा है, इसलिए वर्तमान समय में उसे धर्म में अधिक रुचि नहीं है। चर्च, मस्जिद या मंदिर अब व्यावहारिक रूप से खाली हैं। पुरुषों को धार्मिक स्थानों की तुलना में कारखानों, दुकानों और सिनेमाघरों में अधिक रुचि है जो उनके पूर्वजों द्वारा बनाए गए थे। इससे व्यवहारिक रूप से सिद्ध होता है कि धर्म कुछ आर्थिक लाभ के लिए किया जाता है। इन्द्रियतृप्ति के लिए आर्थिक लाभ आवश्यक है। अक्सर जब कोई इंद्रिय संतुष्टि की खोज में भ्रमित हो जाता है, तो वह मोक्ष का रास्ता अपनाता है और भगवान के साथ एक होने का प्रयास करता है। परिणामस्वरूप, ये सभी अवस्थाएँ केवल अलग-अलग प्रकार की इन्द्रियतृप्ति हैं। वेदों में उपर्युक्त चार गतिविधियों को नियामक तरीके से निर्धारित किया गया है ताकि इंद्रिय संतुष्टि के लिए कोई अनुचित प्रतिस्पर्धा न हो। लेकिन श्रीमद-भागवतम इन सभी इंद्रिय संतुष्टिदायक गतिविधियों से परे है। यह विशुद्ध रूप से दिव्य साहित्य है जिसे केवल भगवान के शुद्ध भक्त ही समझ सकते हैं जो प्रतिस्पर्धी इंद्रिय संतुष्टि से परे हैं। भौतिक संसार में पशु और पशु, मनुष्य और मनुष्य, समुदाय और समुदाय, राष्ट्र और राष्ट्र के बीच गहरी प्रतिस्पर्धा है। लेकिन भगवान के भक्त ऐसी प्रतियोगिताओं से ऊपर उठ जाते हैं। सकाम गतिविधियों को शामिल किया जाता है।
@AYUSHGUPTA-ds8fl
@AYUSHGUPTA-ds8fl 2 месяца назад
अदभुत ह आपका ज्ञान ओर प्रतिभा । मुझे विश्वास है आप कोई महान आत्मा है रघुनाथ जी की अनन्त कृपा आप पर सदा बनी रहे जय श्री राम
@HyperQuest
@HyperQuest 2 месяца назад
जय श्री राम आयुष जी ❤️🚩
@naveenprakash90
@naveenprakash90 2 месяца назад
हमारे ग्रंथ में ब्रम्हांड और भौतिक विज्ञान का ज्ञान दिया गया है जिसे हम अब तकनीक के माध्यम से प्रमाणित करने की क्रिया में अग्रसर है । श्री हरि।।।
@savitasalila821
@savitasalila821 2 месяца назад
त्वं वैष्णवी शक्तिरनन्त वीर्या विश्वस्य बीजं परमासि माया। सम्मोहितं देवि समस्तमेतत् त्वं वै प्रसन्ना भुवि मुक्ति हेतु: ।।🙏🚩
@subhajitdutta286
@subhajitdutta286 2 месяца назад
Devi Bhagwati said in Devi gita: *अहं मम मायायाः सामर्थ्येन सर्वं जगत् चराचरं कल्पयामि तथापि सा एव माया मम पृथक् नास्ति; एतत् सर्वोच्चं सत्यम् अस्ति ...* Jai Mata Shri Shri Chandi❤
@mangulubisoyi8769
@mangulubisoyi8769 Месяц назад
Bhagat Gita Puri duniya padeya jata hai Devi Gita koi padeya Nehi jata
@shekharvishwkarma4228
@shekharvishwkarma4228 2 месяца назад
जय माँ स्कंदमाता 🙏🏼
@lakshmi_sanaatani9004
@lakshmi_sanaatani9004 2 месяца назад
जय माँ स्कंदमाता🙏
@Say_My_Name--
@Say_My_Name-- 2 месяца назад
जय मां स्कंदमाता 🙏
@HarshSikarwar-ft7nr
@HarshSikarwar-ft7nr 2 месяца назад
Jay mata skandmata 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
@rudramehta4717
@rudramehta4717 2 месяца назад
माता काली मां दुर्गा श्री राम और कृष्णा का ही स्वरूप है
@user-ym8fw1fh4p
@user-ym8fw1fh4p 2 месяца назад
,Murk,,, Maa Kali durga siba ke swaroop 🔱Siba Shakti ek hei 🪔,,,,,Kurm Puran Mei ,,,,, Iswar Gita hei ,,,,,Jo Bhagaban Shiv ne Birat biswaroop dikhaya tha,,,, Shakti to Shiv ka Hei ,,,Om namah pravti pataye har har Mahadev🔱,,,,Sri Mad Bhagavatam 8 Skand 7Adhay 23/,,21,,29,,31,, slok mei Sri Mad Bhagavatam ka adhay Rushi Muni or Devata milake Jo Shiv ke Stusti ki thi 🪔🔱🙏 our ,,,ANUSHAN PARB. ,,MAHABHARAT MEI Dharm Raj ,,Yudhishthir ne Jo Puchha te ki Bhisma se ki Jo Birat biswaroop dhari Shiv 🔱🙏Brahma ki Iswar Kalyan kari Jagadhiswar Shiv ke naam ki Mahima batayi ye Sri Krishna ne bhi jo Mahima Bole hei Shiv ke bare mein kya padhe nahi ho ,,, Shiv Maa Pravati NE. khud Sri Krishna ko baradan diye hei milake ek sathhh,🪔🔱🙏 ,,,,sri krishna maa durga ek. e. kya bolo rahe ho ,,,, Shiv hi Shakti hei Shakti hi Shiv hei Jo ki mata durga Pravati hei,,,,, Shiv AJANMA Jo JANMA nahi lete ya hue ,,hei ,, 🪔🔱🙏 Uma Maheswara se hi E Samasta JAGAT BYATP HEI ESHA Bhi LiKHA Mahabharat mei 🔱 ANUSHAN PARB MEI 🪔🙏Hei Kyu Ki Shiv Shakti ek Hei,,,,,,Jo Ardhanariswar hei Shiv ko Shiv Shakti ko namaskar hei 🪔🙏🔱🔱🔱🔱🔱🔱🙏🪔🔱🙏Om Shiv hei Shiv ne Om ko Banaye hei 🔱🙏
@sonu-pilli-chappal
@sonu-pilli-chappal 2 месяца назад
बिलकुल 🚩🚩
@r.v985
@r.v985 Месяц назад
Ram krushn ma durga ke swrup hai..
@divide1938
@divide1938 Месяц назад
सब आयामों के विष्णु ने राम कृष्ण अवतार लिया है कल्प कल्प मे जय विजय के उद्धार के लिए सत्य नारायण ने राम कृष्ण अवतार लिया नारद के श्राप से पालनकर्ता क्षेर सागर के विष्णु ने राम कृष्ण अवतार लिया और गर्भदक विष्णु भी राम कृष्ण अवतार मे आये हैँ और कर्णोदक महाविष्णु भी राम कृष्ण अवतार मे आये और कौशल्या दूर्वासा और कागभूषण्डी को इन्ही महाविष्णु ने अनंत ब्रह्माडो के दर्शन कराये क्युकी यही अनंत ब्रह्माण्ड धारण करते हैँ. विष्णु तत्त्व ही नही शक्ति यानि दुर्गा भी राम और कृष्ण अवतार लेती हैँ जिसका वर्णन कुछ ग्रंथो मे है शाक्त तंत्रो मे भी है की देवी तारा से राम अवतार हुआ और काली से कृष्ण अवतार हुआ 😎और किसी कल्प मे सनातन राम अपने साकेत लोक से और सनातन कृष्ण अपने गोलोक से अवतरित होते हैँ मूल राम और मूल कृष्ण यही हैँ जिसका वर्णन कई ग्रंथो मे है लेकिन ये सब लोक और उनके प्रभु सब माया ही हैँ आयाम 10 या 100 नही अनंत हैँ और परमात्मा का कोई रूप कोई नाम कोई लोक नही वो सर्वव्यापी अनंत है 😎उसे राम कृष्ण शिवाय सदाशिव सत्य नारायण परमशिव परमवासुदेव किसी भी नाम और रूप मे नही बांध सकते ना ही उसका कोई मंत्र है. उसका ना कभी अवतार होता है ना ही वो सृस्टि प्रलय करता है वो बस दृस्टा है
@humanity2594
@humanity2594 2 месяца назад
Finally you're focusing on Shakti philosophy!🔱 Great Job👌🏻 Jay Jagadamba💖🕉🙏🏻
@HyperQuest
@HyperQuest 2 месяца назад
🙏🏻🚩 Thank you 😇
@user-cy9qi5sg7c
@user-cy9qi5sg7c Месяц назад
कृष्ण ही काली हैं काली ही कृष्ण हैं कृष्ण ही गंगा है।
@anupampal3503
@anupampal3503 2 месяца назад
जय मां भवानी 🚩🙏
@taniyasonani2968
@taniyasonani2968 2 месяца назад
Jai Shree Krishna 🌺🌺🌺🌺🌺
@lakshmi_sanaatani9004
@lakshmi_sanaatani9004 2 месяца назад
नमस्तुभ्यं ज्येष्ठ भ्राता श्री🙏
@AshokVerma-vn7bv
@AshokVerma-vn7bv 2 месяца назад
Namastubhyam pyari behna 🚩🙏😊
@prashantkinekar654
@prashantkinekar654 2 месяца назад
।। जय माँ दुर्गे ।।
@taniyasonani2968
@taniyasonani2968 2 месяца назад
Jai Maa Durga ❤️❤️❤️❤️❤️
@Everything_12
@Everything_12 2 месяца назад
Today is Pana Sankranti ପଣା ସଂକ୍ରାନ୍ତି for odias as new year. Jay kuldevi🕉🙏
@Nimish-soni
@Nimish-soni 2 месяца назад
Jay Shri ram ✨ Jay Shri Hanuman Ji 🔥 Jay Ma Bhawani 🔥
@VikasMishra-ps4lv
@VikasMishra-ps4lv 2 месяца назад
जय माता दी जय माता दी जय माता दी जय माता दी जय माता दी जय माता दी जय माता दी जय माता दी जय माता दी
@parikshittiwari6279
@parikshittiwari6279 2 месяца назад
ईश्वरः परमः कृष्णः सच्चिदानन्द विग्रहः। अनादिरादि गोविन्दः सर्वकारण कारणम्।।
@jigarmodasiya3997
@jigarmodasiya3997 2 месяца назад
God is there in many forms him self
@subhajitdutta286
@subhajitdutta286 2 месяца назад
T HE GODDESS SPOKE: *_अहं मम मायायाः सामर्थ्येन समग्रं जगत्, चलं अचलं च भवितुं कल्पयामि, तथापि सा एव माया मम पृथक् नास्ति एतत् सर्वोच्चं सत्यम् अस्ति ..._*
@DipanjanSingha-lr7vc
@DipanjanSingha-lr7vc 2 месяца назад
​@@subhajitdutta286हरेर् नाम हरेर् नाम हरेर् नाम एव केवलम्। कलौ नास्ति एव नास्ति एव नास्ति एव गतिर् अन्यथा
@DipanjanSingha-lr7vc
@DipanjanSingha-lr7vc 2 месяца назад
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे। इति षोडशकं नाम्नाम् कलि कल्मष नाशनं । नातः परतरोपायः सर्व वेदेषु दृश्यते। There is no other way except Hari Naam Maha mantra to get rid of Kaliyug effects and attain salvation🙏
@jigarmodasiya3997
@jigarmodasiya3997 2 месяца назад
@@DipanjanSingha-lr7vc nobody can be free from kaliyug because you are living inside the world society and the effect of society and the world always reflect on us
@sahilrai3492
@sahilrai3492 2 месяца назад
जय श्री सीता राम हनुमान जी
@nayanjoshi5749
@nayanjoshi5749 2 месяца назад
अच्छी चीजों को प्रोपोगेट करे ताकि बेकार चीजों के लिए जगह ही ना बचे और समाज को गैर मार्ग पर चलने से बचाया जाए 🙏
@yogeshaaseri7498
@yogeshaaseri7498 2 месяца назад
मां देवी भगवती नमस्तुभियम
@user-zs4nm3kk4w
@user-zs4nm3kk4w 2 месяца назад
🕉 Jai Mata Di 🕉 Har Har Mahadev 🕉
@lakshmi_sanaatani9004
@lakshmi_sanaatani9004 2 месяца назад
शांतिदूत से दूर रहें सुरक्षित रहें😊। जय श्री राम🙏
@kirankumari660
@kirankumari660 2 месяца назад
Jai mā bhagvati bhrata🎉
@lakshmi_sanaatani9004
@lakshmi_sanaatani9004 2 месяца назад
@@kirankumari660 जय माँ भगवती 🙏🏻 भ्राता नहीं भगिनी 😊 मैं लड़की हूँ😊 जय श्री राम🙏
@dattatraykanade977
@dattatraykanade977 2 месяца назад
😂
@ajiteshsingh7858
@ajiteshsingh7858 2 месяца назад
Shantidut kaun?
@Jay-kf5hw
@Jay-kf5hw 2 месяца назад
​@@ajiteshsingh7858aur kaun hamare peacefull community wale ....😊 Unse bade shantipriya log aur ho kaun sakte hai....
@Krishndevotte
@Krishndevotte 2 месяца назад
कृष्ण एक चैतन्य है वह एक दिव्य ऊर्जा है इनसे ही समस्त ब्रह्मांड की शक्तियां उत्पन हुई है यह सब कुछ है सिंपल में कहे तो यह एक दिव्य प्रकाश है अध्यात्मिक ❤❤❤
@divide1938
@divide1938 Месяц назад
सब आयामों के विष्णु ने राम कृष्ण अवतार लिया है कल्प कल्प मे जय विजय के उद्धार के लिए सत्य नारायण ने राम कृष्ण अवतार लिया नारद के श्राप से पालनकर्ता क्षेर सागर के विष्णु ने राम कृष्ण अवतार लिया और गर्भदक विष्णु भी राम कृष्ण अवतार मे आये हैँ और कर्णोदक महाविष्णु भी राम कृष्ण अवतार मे आये और कौशल्या दूर्वासा और कागभूषण्डी को इन्ही महाविष्णु ने अनंत ब्रह्माडो के दर्शन कराये क्युकी यही अनंत ब्रह्माण्ड धारण करते हैँ. विष्णु तत्त्व ही नही शक्ति यानि दुर्गा भी राम और कृष्ण अवतार लेती हैँ जिसका वर्णन कुछ ग्रंथो मे है शाक्त तंत्रो मे भी है की देवी तारा से राम अवतार हुआ और काली से कृष्ण अवतार हुआ 😎और किसी कल्प मे सनातन राम अपने साकेत लोक से और सनातन कृष्ण अपने गोलोक से अवतरित होते हैँ मूल राम और मूल कृष्ण यही हैँ जिसका वर्णन कई ग्रंथो मे है लेकिन ये सब लोक और उनके प्रभु सब माया ही हैँ आयाम 10 या 100 नही अनंत हैँ और परमात्मा का कोई रूप कोई नाम कोई लोक नही वो सर्वव्यापी अनंत है 😎उसे राम कृष्ण शिवाय सदाशिव सत्य नारायण परमशिव परमवासुदेव किसी भी नाम और रूप मे नही बांध सकते ना ही उसका कोई मंत्र है. उसका ना कभी अवतार होता है ना ही वो सृस्टि प्रलय करता है वो बस दृस्टा है
@Kanisk.-.Mishra
@Kanisk.-.Mishra 28 дней назад
हर हर महादेव। 🔱🪐📿🚩 जय माता दी। ⚜️🪷📿🚩 जय जय श्री राम। 🏹☀📿🚩 जय श्री कृष्ण। 🧘‍♂️🛕📿🚩
@kirankumari660
@kirankumari660 2 месяца назад
Hare krishna
@kattarhinduutkarshtyagi9940
@kattarhinduutkarshtyagi9940 2 месяца назад
Jai Mata di 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
@yagneshsuthar6158
@yagneshsuthar6158 2 месяца назад
Let me tell you honestly, you are improving exponentially day after day, and I am really happy with that 😊🙏 सर्वे भवन्तु सुखिन:
@joshmachine2505
@joshmachine2505 2 месяца назад
Increase our population.
@gulasha.shukla
@gulasha.shukla 2 месяца назад
जय श्री राम ❤️❤️🇮🇳🇮🇳 जय श्री राम ❤️🇮🇳
@commentnahipadhaikar2339
@commentnahipadhaikar2339 2 месяца назад
आद्य शक्ति भुवनेश्वरी का राजा हिमावान की पुत्री के रूप में पार्वती अवतार लेने का भी दार्शनिक महत्त्व है। राजा हिमावान एक साधक हैं, भुवनेश्वरी, जो चित रूप में व्याप्त है, वो पराशक्ति कुंडलिनी शक्ति के रूप में हर जीव में व्याप्त हो जाती है। इस दशा में पार्वती कुंडलिनी शक्ति का प्रतीक हैं। फिर कोई साधक प्रयास (योगादि क्रियाओं) से कुंडलिनी शक्ति को जागृत करता है, तो वह पुनः इस चिदाकाश में जाने के लिए उठती है। चिदाकाश यहां शिव हैं और पार्वती का शिव को पाने के लिए तप करना कुंडलिनी शक्ति का ऊपर की ओर उठने को दर्शाता है। राजा हिमवान ऐसे सफल साधक हैं। हम अधिकतर लोगों के मूलाधार में दक्ष यज्ञ चल रहा है, क्योंकि वहां शिव का अभाव है, कुंडलिनी को बढ़ने से रोका हुआ है। हिमालय पर्वत श्रृंखला नाड़ियों का प्रतीक है। कामाख्या शक्तिपीठ मूलाधार चक्र का, और कैलाश पर्वत सहस्र दल चक्र का।
@SanjaySingh-kv5vn
@SanjaySingh-kv5vn 2 месяца назад
मनुष्यों ने या पुरुषो ने अपने आप को श्रेष्ठ बताने के लिए नारी शक्ति को दबा दिया और शक्ति स्वरूपा जगत जननी को परमपुरुष का नाम दे दिया। और हमे जन्म देने वाली एक नारी ही होती है। जो हमे इस संसार मे प्रवेश दिलने का एक मात्र मार्ग है। और उस जननी को लोग l मात्र वासना कि वस्तु या प्रवेशद्वार समझ लिया है। यही तो उनकी माया है। की वो बड़े ज्ञानी पुरुषो को भी अपने माया मे फसा लेती है।🛑🛑🚩🚩🌺🌺🙏🙏
@ambrish98
@ambrish98 2 месяца назад
विषय भोग, तथा वासना की उपस्तिथि हर बुद्धिजीव में विद्यमान है, आप इसे लिंग बोध से विभाजित करके, किसी एक लिंग विशेष पर आछेप नही लगा सकते, ये गलत है।
@Infinite1000
@Infinite1000 2 месяца назад
अगर वासना ना हो तो मनुष्य क़्या किसी भी जीव का जन्म ही ना हो, और रही श्रेष्ठता क़ी बात तो बिना वीर्य सिर्फ अंडाषय से किसी का जन्म हो ही नहीं सकता, दोनों क़ी आवश्यकता हैं, ये भी जान लो शक्तिशाली हरदम कमजोर के ऊपर शाशन करता ही हैं इसमें कोई लिंग जाती धर्म, नहीं होता और ये शाश्वत प्रकृति का नियम हैं,
@divide1938
@divide1938 Месяц назад
पुरुष और प्रकृति दोनों मिलके ही सृस्टि निर्माण करते हैँ नारी जन्म देती है लेकिन बीज के बिना जन्म असंभव है जैसे बिना चाक के कुम्हार मिट्टी से पात्र कभी नहीं बना सकता वैसे ही नारी प्रकृति मिट्टी की तरह वो तत्त्व है जिससे जीवन निर्माण होता है लेकिन पुरुष या चैतन्य कुम्हार का चाक की तरह ही उतना ही जरुरि है 😎इसीलिए हर जीव को प्रकृति पुरुष ने जोड़े मे बनाया है 😎 ये विदेशियों की थ्योरी है भारत मे स्त्रियों को कभी नहीं दबाया स्वयंबर से लेके स्त्री शिक्षा तक सब कुछ नारियों को मिला है भारत मे पुराणतन युगो मे 😎
@user-vd5lz7tv4w
@user-vd5lz7tv4w Месяц назад
The other animal don't have cranial capacity like ours. Even then the misogyny in humans is one of the worst among all animals. Disgusting and Need to be condemned whenever required
@avinashjha3790
@avinashjha3790 Месяц назад
Koi bhi stree purush ke rajveer ko appne garbha me dharan kiye Bina santan utpati nahi kar sakti esiliye para Shakti ko bhi param purush ki avskta hai
@user-ld3lo3xm7y
@user-ld3lo3xm7y 2 месяца назад
Is Gyan ko share jaroor kre dosto tabhi Hindu apne dharm ke prati jagrit hoga. Jay Mata Dee 🙏🙏🙏🙏🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
@DipanjanSingha-lr7vc
@DipanjanSingha-lr7vc 2 месяца назад
Jai Hanuman Ji❤🙏
@debojeetsen6461
@debojeetsen6461 2 месяца назад
Asta shakti of goddess Mahisasuramardini /Chandi👉 1 🌺Ugra chanda, 2🌺 Prachanda, 3🌺 Chandograh, 4 🌺Chanda naika, 5 🌺Chanda, 6🌺 Chanda bati, 7 🌺Chanda rupa, 8 🌺Ati chandika From the shlok 👉- ugrachanda prachanda cha chandogrh chanda naika chanda chanda bati chaiba chanda rupati chandika
@Jitendrakumar-zz6lz
@Jitendrakumar-zz6lz 2 месяца назад
उपनिषद के ज्ञान को इतने सरल वैज्ञानिक रूप से प्रस्तुत करने के लिए शब्द नहीं है कि आपको धन्यवाद दिया जा सके। चौरसिया जी को सादरप्रणाम
@adityarajput9410
@adityarajput9410 2 месяца назад
I appreciate that you study every topic so thoroughly and convey the information to us
@HyperQuest
@HyperQuest 2 месяца назад
Thank you Aditya ji 🙏🏻
@sikendramandalarya1850
@sikendramandalarya1850 2 месяца назад
Jay Mata rani
@arghahalder4371
@arghahalder4371 2 месяца назад
Hare Krishna ❤️❤️
@hiteshkumar8417
@hiteshkumar8417 2 месяца назад
देवी गीता भी है ,ये आज ही ज्ञात हुआ। इतना गुढ़ ज्ञान! आश्चर्य!
@khare5569
@khare5569 2 месяца назад
Keval Devi Gita ya Krishna Gita hi nahi 60+ adhik Gita humare dharm mein hai jisme isharwar gita, ganesh Gita, Kumar Gita, etc hai and 14 Gita toh keval Mahabharata mein hi hai
@arbinsharma-cf8px
@arbinsharma-cf8px 2 месяца назад
​@@khare5569mahabharat me 14 geeta kyse plz bataiye🙏
@dilipmaurya8358
@dilipmaurya8358 2 месяца назад
Vishal bhai aap aishe hi upnishad aur puranas ke bare main scientific tarike se samjhaya karo jisse ke pade likhe log bhi anpad na bane rahe aur Bahut bahut dhanyvad 🙏 jai siyaram🙏
@HyperQuest
@HyperQuest 2 месяца назад
दिलीप जी धन्यवाद 🙏🏻 प्रयास निरंतर करते रहेंगे ❤
@jibanjitdas8340
@jibanjitdas8340 2 месяца назад
ৰাধা ৰাধা ৰাধা ৰাধা ৰাধা ৰাধা ৰাধা ৰাধা ৰাধা ৰাধা ৰাধা ৰাধা ৰাধা ৰাধা ৰাধা ৰাধা ৰাধা ৰাধা ৰাধা ৰাধা ৰাধা ৰাধা ৰাধা ৰাধা ৰাধা ৰাধা ৰাধা
@SenseiTJ
@SenseiTJ 2 месяца назад
Jai Maa Kali
@hirenjavani6221
@hirenjavani6221 2 месяца назад
जय मां महाकाली
@arjunsinghrathore9252
@arjunsinghrathore9252 2 месяца назад
Jai maa Gita jai sanatan dharm jai sanatan rashtra jai hindu rashtra
@7385naresh
@7385naresh 2 месяца назад
जय श्री राम
@Masterjiha
@Masterjiha 2 месяца назад
Ya Devi sarvbhuteshu Shakti Rupen sansthita namastasae namastasae namastasae Namo Namah❤
@annapoorna6564
@annapoorna6564 2 месяца назад
Jai maa aadi shakti...jai maa durga ...jai jai anant baar maa mahadurga❤❤❤❤
@Ex-MuslimEra
@Ex-MuslimEra 2 месяца назад
Har Har Mahadev 🙏🏻♥️🚩
@VISHALCHAUHAN-te2kl
@VISHALCHAUHAN-te2kl 2 месяца назад
Jai Mata Di 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@HyperQuest
@HyperQuest 2 месяца назад
Jai Mata di 🙏🏻❤️
@shreyansh451
@shreyansh451 2 месяца назад
Jai mata di
@Tera_Baapbsdk57
@Tera_Baapbsdk57 2 месяца назад
🕉️Jai maa bhadrakali 🙏🚩🕉️😊
@HyperQuest
@HyperQuest 2 месяца назад
🙏🏻🙏🏻
@vikramsharma5830
@vikramsharma5830 2 месяца назад
Jai mata Di ❤🚩🚩🚩
@AshokVerma-vn7bv
@AshokVerma-vn7bv 2 месяца назад
Jai Mata Di 🚩🙏
@lakshmi_sanaatani9004
@lakshmi_sanaatani9004 2 месяца назад
जय स्कंदमाता🙏
@SanjayPal-zq7jp
@SanjayPal-zq7jp 2 месяца назад
भ्राता श्री प्रणाम ,आपसे हमे जो ज्ञान की जो सिख प्राप्त हो रही उसके लिए कोटि2 आभार ...
@HyperQuest
@HyperQuest 2 месяца назад
🙏🏻🙏🏻
@user-xh7ne2vb4x
@user-xh7ne2vb4x 2 месяца назад
જય માં જય જય માં જય ભીલેશ્વરી માતાજી જય માં આદિશક્તિ મહાશક્તિ દુર્ગા માતાજી જય ચંડી ચામુંડા માતાજી 😊❤😊❤😊❤😊❤😊❤😊❤😊❤😊❤😊❤😊
@lifeofmufasa271
@lifeofmufasa271 2 месяца назад
Devi sati ki mritu nhi hoti deh tyaga Prabhu ji
@victordey885
@victordey885 2 месяца назад
🙏🏻Jai Maa Durga🙏🏻
@abhayverma8356
@abhayverma8356 2 месяца назад
हमारा सनातन धर्म का ज्ञान बहुत अद्भुत है। जय जय श्री राम 🙏🙏🚩🚩
@RohanSingh-zg4hf
@RohanSingh-zg4hf 2 месяца назад
Background Music is so mysterious and amazing.
@amitasc
@amitasc 2 месяца назад
JAI पंचम स्कंदमाता JI की JAI HO
@amitasc
@amitasc 2 месяца назад
माँ
@subhajitdutta286
@subhajitdutta286 2 месяца назад
Jai maa Skandamata ❤
@user-sb5mz8ui8d
@user-sb5mz8ui8d Месяц назад
🕉️ हरी 🕉️ तत्सत 🕉️ ❣️
@deepakrajak4569
@deepakrajak4569 2 месяца назад
जयकारा शेरावाली द❤❤😊😊😊
@gdsharma4628
@gdsharma4628 2 месяца назад
❤❤❤❤❤❤❤❤❤ Jai shree Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
@user-sb5mz8ui8d
@user-sb5mz8ui8d Месяц назад
🕉️ हर हर हर शिव महादेव ❤
@vickykhole1965
@vickykhole1965 2 месяца назад
जय माँ भगवती कात्यायनी माता की जय
@ARIDO_
@ARIDO_ 2 месяца назад
Radhe shyam ❤❤
@abhishekranaup
@abhishekranaup 2 месяца назад
Sanatan hi satya hai💯🙏🙏🚩❤
@pritimishra7868
@pritimishra7868 2 месяца назад
जय स्कन्द माता
@dhruvpatel7457
@dhruvpatel7457 2 месяца назад
Ma kaali ka adesh he malechho ka ham nas kre.om kali🚩
@anannyapearl9720
@anannyapearl9720 2 месяца назад
म्लेच कई प्रकार के हैं यहूदी, क्रिस्टियन, मुल्लाह... इन तीन से और भी अनगिनत प्रकार पैदा हुए हैं... फिर, जो भी जानवर खाता है वो भी म्लेच... जो भी मारने कि सोचता है वो भी
@sophiasunny9864
@sophiasunny9864 2 месяца назад
Bahut prasangik , aaj ke pawan din mein
@HyperQuest
@HyperQuest 2 месяца назад
जी धन्यवाद ❤️🙏🏻
@rks907
@rks907 2 месяца назад
जय जय श्री माँ दुर्गा जी❤
@ABHAYJAIN2525
@ABHAYJAIN2525 2 месяца назад
16:16 minute - जैन दर्शन भी कहता है कि सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान और सम्यक चारित्र यह तीनों मिलकर ही मोक्ष का मार्ग है।
@VarshaSingh-bs8dm
@VarshaSingh-bs8dm 2 месяца назад
Radhe Radhe
@kritu333
@kritu333 2 месяца назад
Jai Maa❤🙏❤🙏🌷🌷🌷🌷🌷
@TUFAN_BEHERA
@TUFAN_BEHERA 2 месяца назад
🏹🙏🏻Happy Ram Navmi 🙏🏻🙏🏻 Jay Shree Ram 🏹🙏🏻
@hirdayprajapati9235
@hirdayprajapati9235 2 месяца назад
Make video on why some hindu temples give non veg in prasad
@SenseiTJ
@SenseiTJ 2 месяца назад
Why not! Vedic Fools like you wont understand Shaktism
@dhrubajyotichoudhury5538
@dhrubajyotichoudhury5538 2 месяца назад
Ishwar ek hi hai sabhi bhagwan devi devta ek hi Ishwar ka alag alag sakar roop hai Om namah shivay 🕉️🙏🚩 Om namo narayan 🕉️🙏🚩
@HyperQuest
@HyperQuest 2 месяца назад
🙏🏻❤️🚩
@captmgr.1245
@captmgr.1245 2 месяца назад
JAI SHREE SITA RAM
@mahimabhaktiki2189
@mahimabhaktiki2189 2 месяца назад
Devi Ma ki aarati hai jag janni jai jai Ma jag janni jai jai usi arati me ek line hai Ram krishna to Sita Braj Rani Radha ma jag janni jai jai.
@manishsoni2869
@manishsoni2869 2 месяца назад
@Keralitehindu
@Keralitehindu 2 месяца назад
श्री राधा रानी ने उमा देवी से कहा : आप और मैं एक हैं। हमारे बीच कोई अंतर नहीं है। आप विष्णु हैं और मैं ही शिव हूं, जिनमे मात्र रूप का भेद है। शिव के हृदय में विष्णु ने तुम्हारा रूप धारण किया है और विष्णु के हृदय में शिव ने मेरा रूप धारण किया है। यह राम (परशुराम), एक वैष्णव है जो शैव में परिवर्तित हो गया है। यह गणेश स्वयं विष्णु में परिवर्तित शिव हैं। ब्रह्माण्ड पुराण : मध्यखंड अध्याय 42
@Sri.Krishna9838
@Sri.Krishna9838 2 месяца назад
Bilkul shi bro maa lalita hi govind hai or radha ji hi sadashiv hai yhi paramgyan hai
@mahadevmatlabsukoon5832
@mahadevmatlabsukoon5832 2 месяца назад
See brahmand Purana lalitha upakhyan nail of parashakti is equal to 10 form of Vishnu and radha is her small aspects today these radha devotees are making there own interpretation making radha above parashakti mata 😂😂😂
@Sri.Krishna9838
@Sri.Krishna9838 2 месяца назад
@@shreeharibhavik aapki personal soch hai bhai pr reality kuch or hi hai kisi bhi sampardaay ke ho aap does not matter but itna dhyan rakhna sacchai jab saamne aayegi toh bahot der ho chuki hogi paschataap ka bhi time nhi milega isiliye abhi se sudhar jao toh better hoga
@Keralitehindu
@Keralitehindu 2 месяца назад
@@mahadevmatlabsukoon5832 lol phele khud kya likha hai? Radha rani khud shivji ke female roop hai ider Or yah sirf yeh bataya gaya hai ki Uma hari ek hai or Radha Shivji ek hai kisiko bada ya chota ni
@Keralitehindu
@Keralitehindu 2 месяца назад
@@shreeharibhavik Shiv hi Radha hai unpad devi puran padho Or shiv puran mein Radha ke mention hai
@DipanjanSingha-lr7vc
@DipanjanSingha-lr7vc 2 месяца назад
Jai Shri Krishna ❤
@user-sb5mz8ui8d
@user-sb5mz8ui8d Месяц назад
🕉️ जय श्री गणेशा ❤️
@pritimishra7868
@pritimishra7868 2 месяца назад
प्रणाम ऊं
@anuradhagupta6658
@anuradhagupta6658 2 месяца назад
Hare Krishna ❤ Bohat bohat dhanyawaad 😊
@HyperQuest
@HyperQuest 2 месяца назад
❤🙏🏻❤️
@MJResearch-rkaj1
@MJResearch-rkaj1 23 дня назад
People who are listening this ✨✨✨ you guys are future you guy's are amezing our sanatan is great 🌺🌺🌺🌺🌺jai shri radhakrishan 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
@ArunKumar-uf8cn
@ArunKumar-uf8cn 2 месяца назад
🚩🚩🙏🙏☀️☀️नमो नमः ☀️☀️🙏🙏🚩🚩
@Chaxzer
@Chaxzer 2 месяца назад
ishwar gita is the truth
@subhajitdutta286
@subhajitdutta286 2 месяца назад
Every gita is truth.
@Chaxzer
@Chaxzer 2 месяца назад
@@subhajitdutta286 han bhai pata hai but is video mein Ishwar ki tarah Naam nahin liya isliye bola 👍
@Mysteriousworld_333
@Mysteriousworld_333 2 месяца назад
Plz give a video on shiv tatva 🙏
@abhijitkumar2773
@abhijitkumar2773 2 месяца назад
Jay Mata Di 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏😍😍😍😍😍😍😍😍
@rohitm5774
@rohitm5774 2 месяца назад
Jai jagdamba🙌
@somnathchanda1250
@somnathchanda1250 2 месяца назад
Thanks Bhai ❤🎉😊
@HyperQuest
@HyperQuest 2 месяца назад
❤️
@lakshmi_sanaatani9004
@lakshmi_sanaatani9004 2 месяца назад
छोटी बहन का प्रणाम 🙏🏻
@notyourtypesigmarule
@notyourtypesigmarule 2 месяца назад
Choti bahen ?
@meerasharma1010
@meerasharma1010 Месяц назад
Gatistvam Gatistvam Tvameka Bhawani 🙏🏻🚩🙏🏻
@user-lv4nn6ol1p
@user-lv4nn6ol1p Месяц назад
Ha Krishna hi durga hai
@subhashbagle8757
@subhashbagle8757 2 месяца назад
सद्गुरू जी आपको मेरा शत शत नमन हैं ईश्वर आपकी हर मनोकामनाएं पुर्ण करें यही प्रार्थना करता हुं.... सद्गुरू जी घुमट फिर कर वही वही ज्ञान फिर भी अधुरासा लगता हैं.... सत्य क्या हैं.... प्रकृती में समा जाना.... ईश्वर क्या हैं सगुण + निर्गुण... ईश्वर.... सगुण इसलीए हैं क्योंकि हमारा अज्ञान..... वास्तविकता में ईश्वर निर्गुण ही हैं.....किस कारण वश हम ईश्वर में समाहित नहीं हुए हैं इसलीए.... हमारे कर्म बंधन में बंधे हैं हम....पर ईश्वर को हम सिर्फ निर्गुण ही मानकर चलेंगे ....तो निश्चितच ही यह बोध होता हैं कि हमें भी प्रकृती में समाना हैं....तो निर्गुण स्वरूप ईश्वर को कैसे जाने.....बस सभी इच्छा ओ का त्याग.....अपने कर्म में लीनता....स्थाई भाव से सभी ओर देखना..... विचार भी स्थुल हो हमारे...किसी से भेदभाव नहीं.....दया क्षमा शिलता के गुण....और शांती पुर्ण आचरण....यही है प्रकाश रूपी ईश्वर.... ज्ञान रुपी निर्गुण ईश्वर.....
@HyperQuest
@HyperQuest 2 месяца назад
धन्यवाद सुभाष जी । आपको यही ज्ञान लगभग हर एक ग्रंथ में मिलेगा क्योंकि सनातन धर्म का यही मूल आधार, मूल विचार है । जन्म मरण चक्र । पुनर्जन्म । कर्मफल भोग । कर्म संस्कारों का नाश, विवेक ज्ञान और फिर मोक्ष । इसके इतर और कुछ भी नहीं है । 🙏🏻
@paramjeetmishra2337
@paramjeetmishra2337 2 месяца назад
Aasmani kitab ka kya Kiya Jaye Jo 1400 saalo se sansaar me trahi trahi machai hai
@Keralitehindu
@Keralitehindu 2 месяца назад
Vişnu-Pārvatī Abheda hai (Umā is female form of Śrī hari) In the heart of Śiva, Vişņu has assumed your (Pārvatī) form.
@subhajitdutta286
@subhajitdutta286 2 месяца назад
ShivShakti is not different. The Absolute truth is *Formless* *Nameless* *Genderless* and *attributeless* The Absolute truth takes many form(Shiv, Shakti, Ganpati, Krishn ect.) to operate this existence(because it's attributeless). Actually *Everything(Nothing) is eternal.*
@desiweabu1614
@desiweabu1614 2 месяца назад
​​@@subhajitdutta286 Yes, so therefore, nothing exists and there is no such thing as this Parabrahm you speak of, because It is powerless as well. Everything occurs naturally, ohh sorry, nothing exists and the existence itself is a myth and since you are saying that Nothing Exists that means whatever you are saying also doesn't exist. 😂 Aaye bade Nirakar Parambramh wale Mayavadi 🤣
@subhajitdutta286
@subhajitdutta286 2 месяца назад
@@desiweabu1614 matlab ulta chor kotwal ko dante🤣Abe chomu mayavadi tu hain main nahi🤣 Kiuki *Har ek rup Maya hi hain* 😂🤣 Jo Parbrahm hai wo Maya(roop, gun, naam) se pare hain😁
@desiweabu1614
@desiweabu1614 2 месяца назад
@@subhajitdutta286 Ha to wohi to bola mai, ki kuchh bhi exist nahi karta hai, aur isliye aapki ye baat ki kuchh hoke bhi woh nahi hai, to kuchh hai hi nahi na. Aap ko kyu galat lag raha hai ki kuch ho bhi sakta hai? Kuchh hai hi nahi to fir kya tension? Chill bro, although insoluble ho tum, ek din woh Nirakar Parambramh me ek hone ki koshish karte rehna, ho nahi paoge woh baat alag.
@subhajitdutta286
@subhajitdutta286 2 месяца назад
@@desiweabu1614 matlab ulta chor kotwal ko dante.😅🤣 Abe chomu Mayavadi tu hain main nahin🤣🤣 or sunle *Har ek Roop Maya hi hain* 🤣😂 Jo Parbrahm hai wo Maya(Roop, Gun,Naam ect) se Pare hain. Kiuki wo Nirgun hain isliye usne apne marzi se aneko Roop(Shiv, Shakti, Ganpati Krishn ect) liya is sansar ko Chalane hetu.
Далее
FARUX RAIMOV AVJIGA CHIQDI - JAVOHIR🔥
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