जय मां स्वांगिया छत्रपति आलाजी जैसलमेर दुर्ग पहुंचे इतने में मां स्वांगिया का पुजारी आया और दरबार साहब से कहा कि मैं उनकी रक्षा करूंगी जो राज गद्दी पर विराजमान है इतने में दरबार सा ने छत्रपति आला जी को चांदी के बावजोट पर बिठाकर अपने खून से तिलक किया और मेघा डंबर धारण करवाया मां स्वांगिया की कृपा से छत्रपति आलाजी युद्ध में जाकर उतरे सिर पड़ा जैसाण धड़ पडो देरावरगढ Pakistan वहां पर आज भी छत्रपति आलाजी का मंदिर है और बिगर शीर एक मूर्ति निकली थी जिनको हिंदू मुस्लिम सभी पूजते हैं मोडिया पीर के नाम से मेला भरता है और जैसलमेर बाड़मेर के अंदर कही मंदिर है बड़े-बड़े छत्रपति आलाजी के और एक बात और अभी तो पालीवाल रहे भी नहीं जैसलमेर में पहले पालीवालों के 84 गांव में छत्रपति आलाजी का मंदिर बना हुआ था जिसमें दामोदरा गांव पाली वालों का वहां पर आज भी आला जी का मंदिर है हर एक गांव में आल्हा जीककी पूजा होती थी वह खंजर हो गए अभी पता नहीं लग रहा है आला जी के मंदिर कहां-कहां थे
#स्वांगिया ( #आवड़ ) #माता का #इतिहास 🙏🇮🇳 मामड़िया जी चारण की पुत्री आवड़ माता 52 अलग -अलग नामो से पूजी जाती है #तनोटराय #स्वांगिया #भादरियाराय,#तेमड़ाराय, #घण्टीयालराय,#देगराय #पन्नोधराय #कालेडूंगरराय #सुगनचिड़ी , एवम अन्य देवी हिंगलाज के उपासक मामड़िया जी चारण के कोई सन्तान नही थी , सन्तान प्राप्ति की आशा से मामड़िया चारण ने 7 बार हिंगलाज शक्ति पीठ की पैदल यात्रा की जब मामड़िया जी आठवीं बार हिंगलाज दर्शन पर गए तब देवी हिंगलाज ने साक्षात प्रकट होकर कहा चारण तेरे घर 1 भैरव सहित 7 पुत्रियो के रूप में में स्वंय जन्म लुंगी विक्रम संवत 808 में #मामड़िया #चारण (#गढ़वी) के घर 7 पुत्रियो ओर एक पुत्र ने जन्म लिया 1 #आवड़ 2 #गेल 3 #होल 4 #आछी, 5 #छाछी 6 #रूपी, 7 #खोडियार ( लांगी ) 8 एव भाई " मेहरख " देवियो के गुजराती नाम आवड़,गेल जोगड़,तोगड़,होल,बिजबाई,सोसाई, खोडियार देवी आवड़ के सर्वाधिक मन्दिर राजस्थान के जैसलमेर ,बाड़मेर जिले में एव गुजरात राज्य में है 1)* #तनोटराय (तणोट माता) देवी आवड़ का मंदिर राजा तणु भाटी ने अपनी राजधानी तणोट में बनवाया उस स्थान पर देवी आवड़ तनोट माता नाम से पूजी जाती है ,1965 में भारत पाकिस्तान युद्ध मे पाकिस्तान ने आवड़ के तणोट मन्दिर पर पर 3000 बम डाले पर देवी आवड़ की कृपा से एक भी बम नही फटा , देवी आवड़ को युद्ध की देवी माना जाता है 2)* #भादरियाराय देवी आवड़ भादरिया नामक भक्त के आग्रह पर अपनी बहनों सहित दर्शन देने पधारी उस स्थान पर भादरियारॉय नाम से पूजी जाती है 3)* #तेमड़ाराय देवी आवड़ द्वारा तेमड़ा नामक दांनव का वध करने के कारण देवी आवड़ तेमड़ाराय नाम से पूजी जाती है 4)* #स्वांगिया देवी आवड़ जब लकड़ी के सहगें (एक प्रकार का आसन) पर विराजमान हुई उस स्थान पर देवी आवड़ अपनी बहनों सहित स्वांगिया नाम से पूजी जाती है । 5)* #घण्टीयालराय देवी आवड़ द्वारा घण्टीया नामक दांनव का वध करने के कारण देवी आवड़ गणटीयाल राय नाम से पूजी जाती है 6)* #देगराय देवी आवड़ ने एक दानव को मारकर देग नामक बर्तन (डेगड़ी ,देगड़ी ,डेगड़ा) बर्तन में पकाया उस स्थान पर देवी आवड़ देगराय नाम से पूजी जाती है 7)* #पन्नोधरराय देवी आवड़ द्वारा पन्ना मुसलमान की रक्षा करने पर देवी आवड़ पन्नोधरराय नाम से पूजी जाती है 8)* #कालेडुंगरराय देवी आवड़ जब काले डुंगर (पहाड़ ) पर बिराजमान हुई उस स्थान पर देवी आवड़ अपनी बहनों सहित कालेडुंगर राय नाम से पूजी जाती है 9)* #सुगनचिड़ी 10)* #माढेची 11)* #डुंगरेचि एवम अन्य
प्रिय voice of jaisalmer जी, जय माता दी स्वांगिया माता के मंदिर का इतिहास व मंदिर किसने और क्यों बनवाया । स्वांगिया माता की जीवनी का वीडियो हो तो भेजो या you tube link भेज दो । बड़ी कृपा होगी । My mobile no 9694712505