Тёмный

मां गंगा का धरती पर कैसे अवतरण हुआ। 

पौराणिक किस्से
Подписаться 293
Просмотров 1 тыс.
50% 1

#हिंदू_धर्म
#धार्मिक_कथा
#पौराणिक_कहानी
#हिंदू_पुराण #धार्मिक_कहानी #धर्म_ग्रंथ #आध्यात्मिक_कथा
#भारतीय_मिथक #धर्म_और_आस्था #प्राचीन_कहानी #देवी_देवता
#रामायण #महाभारत #वेद_पुराण #शिव_कथा
#गंगा_अवतरण#भक्ति_कथा#आस्था #संत_महात्मा #bedtimestories #pauranikkahaniya #mythologicalstories #bhaktistory
मां गंगा के धरती पर अवतरण की कहानी हिंदू धर्म के प्राचीन ग्रंथों में वर्णित है, विशेषकर वाल्मीकि रामायण और भागवत पुराण में। यह कहानी राजा भगीरथ की तपस्या और उनकी प्रार्थना के साथ जुड़ी हुई है।
अयोध्या के राजा सगर ने यज्ञ करने का निर्णय लिया। यज्ञ के घोड़े को इंद्र ने चुरा लिया और कपिल मुनि के आश्रम में बाँध दिया। राजा सगर के पुत्र घोड़े की खोज में निकले और कपिल मुनि के आश्रम पहुँचे। उन्होंने कपिल मुनि पर घोड़ा चुराने का आरोप लगाया। कपिल मुनि ने क्रोधित होकर अपनी तपस्या भंग करने पर सभी पुत्रों को भस्म कर दिया।
राजा सगर के एक अन्य पुत्र अंशुमान ने अपनी अगली पीढ़ी को राजा बनाया। कई पीढ़ियों के बाद, भगीरथ राजा बने। भगीरथ ने अपने पूर्वजों की आत्माओं की मुक्ति के लिए मां गंगा को धरती पर लाने की ठानी। उन्होंने गंगा को धरती पर लाने के लिए कठोर तपस्या की।भगीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें वरदान दिया कि गंगा धरती पर आएगी। गंगा के वेग को नियंत्रित करने के लिए भगवान शिव ने उसे अपनी जटाओं में समाहित कर लिया। फिर शिव ने अपनी जटाओं से गंगा को धीरे-धीरे धरती पर प्रवाहित किया।गंगा ने भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम में पहुंचकर सगर के पुत्रों की भस्म पर अपनी जलधारा बिखेरी। गंगा के पवित्र जल से उनके पूर्वजों की आत्माएं मुक्त हो गईं और स्वर्ग को प्राप्त हुईं।
इस प्रकार, भगीरथ की कठोर तपस्या और भगवान शिव की कृपा से मां गंगा का अवतरण धरती पर हुआ। इस घटना के कारण ही गंगा को भगीरथी भी कहा जाता है।

Опубликовано:

 

24 сен 2024

Поделиться:

Ссылка:

Скачать:

Готовим ссылку...

Добавить в:

Мой плейлист
Посмотреть позже
Комментарии : 1   
@Sureshstudy2.0
@Sureshstudy2.0 Месяц назад
Lk dn sir beautiful sharing ji ❤
Далее