तिवारी सर आज आप सचमुच बहुत इमोशनल हो गये हैं आप बारुद पर बैठकर चिंगारी से खेल रहे हो, जो सवाल आपने उठाये, बस्तर का हर वासी यही पुछना चाहता है आखिर कबतक, जल में रहकर मगर से बैर कौन करे, आप उनके गढ़ में जाकर सवाल उठा रहे हो, बहुत बड़ी बात है
जोहार दादा मैं भिलाई से देख रहा हूं, आप के निरपेक्ष पत्रकारिता को सलाम करता हूं जिस हिसाब से अपडेट मिल रहा है उसी हिसाब से आदिवासी भाई बहन नक्सली और पुलिस के बीच पिस रहे हैं।
हम आदिवासियों की सांस और धड़कन का हिस्सा आप जैसा पत्रकार हैं। सही बात है सर हम अपनी आवाज किसी को बताना बहुत मुस्किल है। आप और आपका परिवार को मैं सेल्यूट करता हूं
बड़ी मुश्किल से ऐसे सच्चे पत्रकार मिलते है, तिवारी जी आपकी पत्रकारिता को मै तहे दिल से नमन करता हूं, आज़ आपने बिना जान की परवाह किए उनके गढ़ में जाकर नक्सल संगठन से सवाल किया है, इतना हौसला अदम्य साहस सबमे नही होता ऐसे सर्वश्रेष्ट पत्रकार को छत्तीसगढ़ सरकार समझें,...... जय हिंद जय महाराष्ट्र #vikastiwari❤
बहुत ही अच्छा बारीकी से चर्चा कर दिए sir ऐसा प्रश्न हमेशा मेरे जहन में भी चलता रहता है सर ,मैंने नक्सली संगठन को बारीकी से देखा हैं उनके साथ बैठ के बात भी किया हु स्कूल लाइफ में उनकी सोच सिर्फ और सिर्फ बदला लेना, लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने वाली रोमांचक गाने ,जल जंगल जमीन की बातें करके संगठन को मजबूत करने की बाते किया करते हैं, अगर कोई ग्रामीण या नौजवान कुछ जानकारी पुलिस को बताए तो तुरंत मौत की सजा या वार्निंग दिया करते हैं, लोगो को मारना पीटना पूरी तरह से मानव अधिकार का हनन हो रहा हैं, A जंग तब तक चलते रहेगी जबतक शिक्षा ,रोजगार पर काबू ना हो जाए, मैंने ऐसे नक्सली को भी देखा हैं जो बहुत ज्यादा पढ़े लिखे भी हैं अपने बस्तर के तो पढ़े लिखे लोग कम मात्रा में काम कर रहे है लेकिन आंध्र, महाराष्ट्र, तेलंगाना जैसे राज्यों के कॉलेज, इंजीनियर,डॉक्टर जैसे डिग्री प्राप्त करके भी ऐसे संघठन में काम कर रहे हैं,ऐसा क्या कमी है us राज्यो में मुझे पता है बेरोजगार लेकिन इस तरह की कदम ना उठा के अपना बिजनेस करके जीवन चल सकता हैं, जरूरी नहीं की हम सरकारी नौकरी पर निर्भर हो ,
जय हिन्द सर मुझे लग रहा है कि आप जैसे पत्रकार और 9/10 होते तो वास्तविक भगवान परकट होता ।मंदिर जाने की जरूरत नहीं पढ़ती।बहुत कुछ नसीब वाले हैं जो जिला बीजापुर को आप जैसे पत्रकार मिले है। आप 100%पारदर्शी तरीके से विचार वेक्त्त करते हो सर ❤
बहुत अच्छा सवाल,, तिवारी जी,...you are "THE" real जर्नलिस्ट,,,मुझे इतना उम्मीद है आपके इस क्लिप से 1 भी माओवादी प्रभावित होकर सरेंडर करता है तो,, इसमें आपकी बहुत बड़ी उपलब्धि होगा
विकास भाई काश हमारे बड़े बड़े न्यूज चैनल के पत्रकार भी आप की तरह होते तो शायद देश कितना आगे निकल जाता सैल्यूट है आप को कंटिन्यू आप ऐसे ही पत्रकारिता करते रहें बाबा नीव करौरी महाराज जी आप पर कृपा बनाए रखे❤❤
विकास तिवावरी सर जी आपको बहुत बहुत धन्यवाद। हमारे प्यारे आदिवासियों की दढ़कन को आप पहचाना लिए हों। मेरा परिवार आपको दिल सेल्यूट बेजा हैं। आपका काम महान हो
🙏 भैय्या जी प्रणाम, उनके ही गढ़ में जबरदस्त अपील की, आज भी ओ समय है जाहो तो सब अपनी जिंदगी में नया सवेरा ला सकते हो,भोले भाले आदिवासी की बलि नहीं चढ़ने दिया जाएगा धन्यवाद 🙏
तिवारी जी, आज आपने दिल छु लिया। मैं भी आदिवासीयो को उसके हाल पर नहीं उसके बुनियादी विकास के साथ सरकार से जीने हक दिलाने विचार रखता हूँ और माओवादियों को हथियार छोडकर मुख्य धारा में लौट कर आदिवासियों को भला राजनित के साथ विकास करने चाहिए।
तिवारी सर जी आप को कोटि कोटि नमन है 🙏 जो इन भोले भाले मासुमियत आदिवासीयों के संवेदनशील😢 विचारधारा को आप ने माओवादियों के समक्ष रखे हम मां दंतेश्वरी 🙏माता रानी से प्रार्थना करते हैं कि आपकी रखी हुई बात को माओवादी महसूस कर सकें 😢😢😢
बहुत सुंदर पहल का आगाज़ हैं भैया आपके🎉 विचार को सलाम हैं आज बस्तर के अंदरूनी इलाकों में तैनात जल जंगल जमीन को बचाने के हितैषीयों को जो नक्सलवाद का नाम हैं उनको अब बस्तर में शांति पर वार्ता करना चाहिए बस्तर की लड़ाई को उजागर करना चाहिए 🙏 आपकी आवाज़ आपकी विचार आपकी यह पहल उत्तम हैं रानू भैया
सर आज आपकी बाते बहुत अच्छी लगी आप पत्रकार ही कुछ परिवर्तन ला सकते है।नक्सल और सरकार से बाते करके क्यों की दोनो ही आपकी बाते रखते है।और आप पत्रकार ही इन आदिवासियों के जीवन में खुशहाली ला सकते है।शायद सरकार की तरफ से आप लोग नक्सलवादियों को समझा सको।और हम भी विनती करते है।नक्सलवादियों से अब बंद करदो ये मौत का खेल इस आतंक के खेल में कभी किसी को कुछ नही मिला।सिवाए लाशों और बर्बादी के अलावा
आदिवासियों की बात में अपने बेहतर तरिके से रखी , उन्हें प्रकृति के साथ स्वतंत्रता रहने का अधिकार है, सरकार और मावोवादी के वजह से बिना वजह मारे जा रहे हैं ,हम भी बस्तर की विकास के लिए प्रयास करेंगे... जय हिंद
आदरणीय तिवारी जी, आपकी निर्भिक पत्रकारिता को सादर प्रणाम सर जी, बस्तर की वास्तविक चित्र व चरित्र को उजागर करने तथा चतुर्थ स्तंभ को चरितार्थ करने पर पुन: सादर नमन सर जी, आपके दगवारा माओवादियों व शासन से किया गया प्रश्न यथोचित है क्योकि आज चार ग्रामीणों के बच्चे अनाथ हुये है उनके परिवार का क्या होगा, जिस परिवार का कोई सदस्य सदैव के लिए छोड़कर स्वर्गलोक चले जाता है उसकी तकलीफ सिर्फ उसके परिवार वाले समझते है जी दूसरा कोई नहीं, आपकी कर्तव्यनिष्ठता व बहादुरी भरी पत्रकारिता व यक्ष प्रश्न को बेबाकी से रखने पर आपको दिल से वंदन सर जी, माओवादियों का जवाब आये तो उसको भी सार्वजनिक कीजियेगा सर जी 🙏🙏🙏🙏
आपको मेरा सैल्यूट है आप पहले ऐसे रिपोर्टर है जिसमे सच्चाई है और जहां पर सूर्य की किरणे बराबर नहीं पहुंच पाती, जहां से शाम होने के बाद वापस आ पाना संभव नहीं होता वैसे जगह से रिपोर्टिंग मै पहली बार देख रहा हूं
आप जल जंगल जमीन आदिवासी के लिए भगवान है आप मां भारती के सुपुत्र है आपको पत्रकारिता में सर्बोच अवार्ड मिलना चाहिए सरकार को आदिवासी के लिए कुछ सोचना चहिए मैं आरा बिहार से आपको। फॉलो करते है जय हिन्द
जहां से नक्सलवाद का जन्म हुआ। ये हमारे इलाके में ही है करीब 9 km की दूरी पर, एक समय था हमारे इधर भी नक्सलवाद काफ़ी अशांति फैलाया। पर अभी कोई वारदात नहीं होता। लोग बदल गये हैं, कुछ लोग अभी भी है पर ये अपनी जंग कानूनी तरीके से लड़ते हैं। वोटिंग करते हैं और अपना उम्मीदवार खाड़ी करते हैं। अब इनको भी यही करना चाहिए।
sir aapki dileri ko salam karta hu aur aapke salamat rahne ki bhagwan se prarthana karta hu . mai abhi ye video pryagraj ke ek librrary me baith ke dekh rha hu aur vhi bestar me aane ki taiyaari kar rha hu . mujhe bahut khusi hogi aapke bastar me aake aur bastar ke logo ke liye kaam kar ke 🙏🙏🙏 Jai Hind 🙏🙏🙏
तिवारी सर आप के अंदर का जो मानवतापूर्ण बात आज इस वीडियो के माध्यम से देखने को मिला मन को झकझोर के रख दिया हकीकत मे देखा जाय तो इस संसार मे हम सभी इन्सान चंद दिनों के मेहमान हैं पर इस जिंदगी को खुशहाली से न जी सके तो इस जिंदगी का कोई मतलब ही नही है मै भी आपके विचारों से सहमत हुँ औऱ माओवादी नक्सल संगठन से भी आग्रह है कि आप भी भारत देश के ही नागरिक हैं शासन क़े पास अपना मत प्रकट क़र शासन की मुख्य धारा से जुड़ने का कष्ट करें औऱ साथ साथ आदिवासी भाइयों को भी शासन की योजनाओं से अवगत कराते हुए लाभान्वित कराये धन्यवाद
तिवारी जी आपने इंसानियत होने की भावना उन माओवादियों को व्यक्त किया है। और हर इंसान को इंसान होने की भावना होनी चाहिए। ❤❤❤❤ इस प्रकार पत्रकार से पहले एक इंसान की भावना जगाई है आपने । जय हिंद
आदीवासी भाई बहन दोनो ओर से पिस रहा है भोले भाले आदीवासी बेवजह मारे जा रहे हैं । तिवारी जी आज आप के सवाल के लिए मै कोटीश धन्यवाद देता हूं। मनहरण सहारे मकरनपुर राजनांदगांव से हूं।
आपने सब कुछ, सभी लोगों को बोले हैं इसके लिए आपको बहुत बहुत बधाई।।।। आपकी इस हिम्मत को सलाम करता हूं 🙏🙏🙏 सौ बार सलाम 🙏🙏🙏 झाड़ के,फाड़ के,फोड़ के बोल दिए और क्या चाहिए?????