बिल्कुल सही बात धन्यवाद बहुत अच्छा भगवान के श्री चरणों को टिकट प्रणाम बहुत से आदमी को यही दशा है कामवासना ही सबको लिफ्ट करके रखते कोई पूजा पाठ भी करता है तो उसको पागल बना दिया जाता है जय श्री राम कृष्ण भगवान प्रभु श्री चरणों में को टिकट प्रणाम जय मां काली ऐसे आदमी को आप ही बचा सकते हैं मां
इस धरती पर भारत ही एक ऐसा देश था जो, अपने तसबीर को और सभी तस्वीरें को परमात्मा कहता था। अहम ब्राह्मी की आवाज, कभी भारत से ही निकली थी । आज देखो, भारत ने भी कितनी देवी देवताओं को बनाकर मंदिर में बैठाया है।जब भारत के लोग खुद परमात्मा थे तो, फिर ये मंदिर और भगवान को किसने बनाया। अभी देखो, प्रधानमंत्री मोदी भी भारत के लोगों को, राम के मंदिर अयोध्या में बनाकर, कैसे भारत के लोगों का राजा बन गया है। भगवान तो निराकार है। तुम निराकार भगवान को मंदिर में कैसे बैठा सकते हो। भारत के लोगों को भरपेट भोजन नहीं दे पाता है यह मोदी, और देखो भारत के जनता का करोड़ों रुपया खर्च करके, राम मंदिर बना रहा है। तुम सब का भगवान हमेशा, तुम सब के शरीर के भीतर ही रहता है। तुम सब का अपना शरीर ही भगवान का सच्चा मंदिर होता है। तुम सब अपने को जानते नहीं और भगवान को जानते हो। किसी का भगवान राम, किसी का पैगम्बर मोहम्मद, किसी का भगवान जीसस, किसी का बुद्ध, किसी का महावीर, किसी का गुरू नानक इत्यादि। तुम सब जानते हो कि भगवान एक ही होते हैं। फिर तुम सब ने इतने भगवान को कैसे बना दिया। तुम सब अकेले ही इस धरती पर जन्म लेते हो। तुम्हारा भगवान भी अकेले होते हैं। फिर तुम सब कैसे इतने मरे हुए लोगों को,भगवान मान लेते हो। जबकि तुम सब का भगवान, हमेशा से ही तुम सब के शरीर के भीतर ही होते हैं, जब भी तुम सब किसी शरीर में जन्म लेते हो। भारत के लोग भी भगवान को अलग, अपने शरीर से कर दिए हैं। ईसाई धर्म के मानने वाले लोगों को देखो। उसने एक इंसान जीसस की हत्या करके, उनको ही भगवान बना डाला। फिर इसाइयों ने घोषणा की कि, जीसस के बाद कोई दूसरा भगवान न है और न होगा। इसी प्रकार मुस्लिमो ने, लोगों की हत्या करके इस्लाम धर्म बना डाला। मुस्लिमो ने भी यह घोषणा की कि पैगम्बर मोहम्मद के बाद कोई दूसरा पैगम्बर नहीं होगा। भारत का ही एक धर्म था जिसे, कभी सनातन धर्म के नाम से जाना जाता था, जिस धर्म में लोग अपने भगवान को, अपने रूप में ही देखते थे, इसलिए वे लोग कभी मरते ही नहीं थे। वह सनातन धर्म भी अब भारत में नहीं रहा, क्योंकि भारत के लोग भी, सदियों से अपने को, मरा मानकर मरने लगे हैं। क्या भगवान भी कभी मर सकता है। सनातन धर्म को छोड़कर, जितने भी धर्म बाद में बनाए गए हैं, वह लोगों की हत्या करके, जबरदस्ती बनाए गए है। जैसे जीसस की हत्या करके ईसाई धर्म, मोहम्मद ने लोगों की हत्या करके इस्लाम धर्म। भगवान वह होता है जो, किसी भी प्राणी की हत्या, कभी नहीं करता है क्योंकि, वह जानता है कि सभी शरीर के भीतर, उसी का निवास है। वह भगवान अपने शरीर रुपी घर को, हत्या करके क्यों तोड़ेगा। तुम सब को धर्म और भगवान के नाम पर, सदियों से गुलाम बना दिया गया है। यह दुनिया सच्ची है क्योंकि, तुम सब का रूप ही, भगवान का सच्चा रुप , शुरू से ही होता है जबसे, दुनिया शरीर के साथ बनी है। तुम सब के बाद कोई दूसरा भगवान न कभी हुआ है, न कभी होगा और न कभी हो सकता है। इसलिए हम कहते हैं कि तुम सब कभी मरते ही नहीं हो और न कभी मरोगे। तुम सब शरीर में रहते हो लेकिन शरीर कभी होते नहीं हो। तुम शरीर से बिल्कुल अलग होते हो लेकिन शरीर के साथ हमेशा दिखते हो। तुम सब का विज्ञान, शरीर पर काम करता है, जबकि शरीर खुद मरा हुआ है। तुम सब शरीर को कभी बचा नहीं सकते हो, क्योंकि यह शरीर खुद मरा हुआ है। तुम्हारे होने से ही शरीर जीवित दिखाई देता है। तुम सब का विज्ञान और उस विज्ञान की सभी ज्ञान, शरीर को बचाने पर काम करता है जबकि इस मरे हुए शरीर को कोई नहीं बचा सकता है। तुम सब को हम अपनी ज्ञान से, हमेशा जीवित रख सकते हैं। तुम सब में अगर किसी को भी, अगर हमेशा जीवित रहने का विचार आए, तो हमारे पास चले आना, हम तुमको हमेशा जीवित अपने साथ रखेंगे, क्योंकि हम और तुम सब ही सच्चा भगवान हैं।