हम आभार प्रकट करते है Dynamix Creation का 🙏जिनके वीडियो फुटेज का हमने इस्तेमाल किया है।
लिरिक्स और विवरण
गुजरात माता देवकी,
महाराष्ट्र माता यशोदा।
एक ने हमको जन्म दिया तो,
एक ने हम को पाला।
आभार प्रकट करते है,2
जो बाहर से आते है।
संस्कार मिले सब संतो से,
महाराष्ट्र की शान ये लोक।
भारत की शान ये लोग।
शांत,सुखी,संतुष्ट
भारत की है ये शान।
तकलीफ न दे किसीको,
जीते और जीने दें
इतना प्यार है मिलता,
यही के बन रह जाते हैं।
आभार प्रकट करते है,
पैर लगे किसको गर,
ये पैर को छू लेते है,
धक्का गलती से लगा तो
माफी भी मांग लेते हैं
राग द्वेष से पर है,
मुंबई कर पर हमे गर्व है।
ईमानदार मुंबई,
जानदार मुंबई।
देश की शान है मुंबई,
आभार मराठी मुंबई।
घुल मिल कर कैसे है रहना,
मुंबई से कोई सीखे,
गर्व मराठी रखते ,
अभिमान में फर्क समझते।
मां बहनों के लिए भी
समानताएं कितनी
मुंबा देवी की भूमि है
यह भूमि पवित्र भूमि है।
समर्थ स्वामी की धरती,
समृद्ध सबको है करती।
जय जय मुंबई महाराष्ट्र।
• Modern & Beautiful Cit...
मुंबई में रहने वाले गुजराती लोग मुंबई में और महाराष्ट्र में रहने वाले मराठी लोगों के बारे में क्या सोचते है?
इस विषय पर एक गीत लिखा है।
मुंबई एक ईमानदार शहर है।अगर आप किसीको पता पूछ लेंगे तो वे तबतक आपको समझाते रहेंगे जब तक आप को समझ में नहीं आया।यहां के लोग ,मराठी लोगों के संस्कार मुंबई के व्यवहार का हिस्सा है।ट्रेन मे या बस में किसी अनजान व्यक्ति को पैर लग गया तो वे आप के पैर को आदर से छूते है। हर व्यक्ति में ईश्वर है उस बात का एहसास करवाते है।
मुंबईकर की सब से बड़ी खासियत , जियो और जीने दो।अगर हो सकता है तो किसका भला करो, कम से कम बुरा तो ना ही करो मैंने इस गीत को लिखा और कंपोज किया है ,मै 1983 में मुंबई आया तो मेरे नए मित्र म्यूजिशियंस ने मुझे दिलासा दिया की मैं बोहोत आगे जायेगा।मेरे लिए मराठी म्यूजिशियन मित्र एक दुसरे को मुझे काम मिले वैसी सिफारिश करते थे ।काम मिला घर बसा सुख मिला।आसक्ति रहित कर्म करने वाले उन सारे मुंबईकरों को दिल से सलाम। यहां भेद भाव नही किया जाता ,एक चाली,बिल्डिंग में रहने वाले अलग अलग जाति वर्ग के लोग एक कुटुंब की तरह रहते है।
यहां की पुलिस अति सहकार देने में अव्वल है,अपना काम बिना तकलीफ के कैसे निकालना उस बात का बेहतरीन हुनर है।ताकत का दुरुपयोग मैने कभी देखा नहीं।
महाराष्ट्र की भूमि स्वामी समर्थ, आठवले महाराज , बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर जी ,श्री गजानन महाराज ,
जैसे संतो और लीडरों से भरी हुई है।दास बोध,ज्ञानेश्वरी जैसे महान ग्रंथों के संस्कार मुंबई की चालियों में अक्षरशः प्रैक्टिस में दिखाई देते है।सिर्फ बाते नही अमल भी।
इस विषय पर एक पूरी पुस्तक लिखी जा सकती है।
भारत के उत्तम राजा में से एक श्री सयाजी राव गायकवाड जी भी महाराष्ट्र से थे।उनसे बेहतर उदाहरण ढूंढना मुश्किल है।भारत के हर राज्य की अपनी खासियतें है ,गौरव होता है ।गुजरात महाराष्ट्र पड़ोसी है, सदियों से संस्कारों का आदान प्रदान होता चला आ रहा है।गुजरात के साहित्य में मराठी लेखकों और काविओ का बहुमूल्य योगदान है।आज उनकी वजह से भारत की उन्नति में इन दोनो राज्यों का बोहोत बड़ा योगदान है ।
लिखना बंद करना होगा इतना कुछ कहने को है मराठी मानुष के लिए 🙏
30 сен 2024