पूर्ण गुरु संत रामपाल जी महाराज श्रीमद् देवीभागवत पुराण तीसरा स्कंद, अध्याय 5 पृष्ठ 123 भगवान विष्णु जी ने दुर्गा की स्तुति की कहा कि मैं (विष्णु), ब्रह्मा तथा शंकर तुम्हारी कृपा से विद्यमान हैं। हमारा तो आविर्भाव (जन्म) तथा तिरोभाव (मृत्यु) होती है। हम नित्य (अविनाशी) नहीं हैं। भगवान शंकर ने कहा यदि भगवान ब्रह्मा तथा भगवान विष्णु तुम्हीं से उत्पन्न हुए हैं तो उनके बाद उत्पन्न होने वाला मैं तमोगुणी लीला करने वाला शंकर क्या तुम्हारी संतान नहीं हुआ अर्थात् मुझे भी उत्पन्न करने वाली तुम ही हो।
सत गुरु देव जी की जय बंदी छोड़ सत गुरु तत्वदर्शी संत गुरु राम पाल महाराज जी की जय पूर्ण परमात्मा प😮 रम अक्षर तत् ब्रम्हा सत पुरुष परमेश्वर जगतगुरु सत पुरुष कबीर भगवान जी की जय सत गुरु पूर्ण ब्रम्हा सत गुरु मध्य मूल सत गुरु सजदा करू एक पल नही भूल
Pehle baat shita ji ne kangan nahii chudamaniii diii thiii Sitaa jiii ne aisha kuch kaha nahhi thaa Sita jii apna putra kaha haii wo apne putra kaha hai Rahi baat bhgwan ram kiiii baat wo janam nhi liye prakat hue the. 😾😾😾😾😾😾😾😾😾 Ek doha haiii haii ramayan Bhaye din dyala parkhat kripala koushliya hitkaari ☺ Smjh gye bhagwan ram hi puran brahma haii 👿👿👿👿👿👿 Galat jankari na de 😡😡😡