yellow mosaic virus on moong crop
mosaic virus treatment
Mosaic virus treatment on mungbean (moong) crop
एक विषाणुजनित रोग जो सफेद मक्खी द्वारा फैलता है और आमतौर पर मूंग पर देखा जाता है। रोगग्रस्त पौधों की पत्तियों पर अनियमित, पीले और हरे धब्बे विकसित हो मूंग में येलो मोजेक वायरस | Yellow Vein Mosaic virus in Moong
येलो मोजेक वायरस, मूंग की फसल में लगने वाला प्रमुख रोग (major disease of moong crop) है इस रोग से ग्रसित पौधे की पत्तियाँ पीली पड़ जाती हैं। जो बाद में सूखकर गिर जाती है, येलो मोजेक वायरस के लगने से मूंग (Green gram) की फसल में फलियाँ सही से नहीं बनती हैं। जिसके कारण किसानों को सही से उत्पादन नहीं मिल पाता है। मूंग (Green gram) की फसल में येलो मोजेक वायरस (Yellow Vein Mosaic virus) के फैलने का प्रमुख कारण सफेद मक्खी को माना जाता है।
मूँग में येलो मोजेक वायरस नियंत्रण के उपाय | yellow mosaic virus control measures
अब हम कुछ बिन्दुओं के माध्यम से येलो मोजेक वायरस (Yellow Vein Mosaic virus) के नियंत्रण के बारे में जानेंगे -
किसान भाइयों सबसे पहले इस बात का ध्यान रखें मूंग (Green gram) के बीज के जमाव के 10 से 15 दिनों बाद खेतो में पीले स्टिकी ट्रैप (yellow sticky traps) को 15 प्रति एकड़ के हिसाब से लगाने चाहिए।
अगर फसल में सफेद मक्खी दिख रही हो तो नीम तेल का 2 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए।
यदि ज्यादा मात्रा में सफेद मक्खी दिख रही हो तो अरेवा कीटनाशी (Dhanuka Areva insecticide) को 0.5 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए। जाते हैं। संक्रमित पौधे नहीं या केवल कुछ पीली फलियाँ पैदा करते हैं।
ग्रीष्मकालीन मूंग के उत्पादन का प्रमुख अवरोध पीला मोजेक वायरस रोग है। इस रोग के सम्पूर्ण खेत में फैलने पर मूंग की पैदावार आधी से भी कम रह जाती है। मोजेेक रोग का प्रकोप प्रारंभिक अवस्था में दिखाई दिया है। समय रहते इस रोग का उपचार जरूरी है।
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21 окт 2024