सामान्य शब्दों में जन्म से मृत्यु तक की यात्रा ही जीवन यात्रा है। हर कोई यात्रा में है, मनुष्य का जीवन ही जीवन से मृत्यु तक की यात्रा है। इस दरम्यान हर कोई खोज रहा है, कोई विलासिता, मान-सम्मान, धन-संपत्ति में सुख खोज रहा है। कोई शांति के खोज में भटक रहा है। मन्दिर में, मस्जिद में, गुरद्वारे में, तीर्थ में, हर जगह भीड़ लगी रहती है। हर कोई लगा हुवा है। परन्तु किसी के जीवन में सुख-शांति नहीं है। इसका कारण क्या है?जीवन यात्रा का वास्तविक तात्पर्य क्या है?
सामान्य शब्दों में जन्म से मृत्यु तक की यात्रा ही जीवन यात्रा है। हर कोई यात्रा में है, मनुष्य का जीवन ही जीवन से मृत्यु तक की यात्रा है। इस दरम्यान हर कोई खोज रहा है, कोई विलासिता, मान-सम्मान, धन-संपत्ति में सुख खोज रहा है। कोई शांति के खोज में भटक रहा है। मन्दिर में, मस्जिद में, गुरद्वारे में, तीर्थ में, हर जगह भीड़ लगी रहती है। हर कोई लगा हुवा है। परन्तु किसी के जीवन में सुख-शांति नहीं है। इसका कारण क्या है?जीवन यात्रा का वास्तविक तात्पर्य क्या है?
सुख सबको चाहिए, आनंद सबको चाहिए, हम आनंद की तलाश में भटक रहे हैं, पर मिलता क्यों नहीं है? इसका कारण है कि हमें पता ही नहीं है कि आनंद क्या है? हम आनंद के विषय में सुनते हैं, जानते नहीं। और फ़िर हम उसे खोजना चाहते हैं, पर खोज नहीं पाते।
इस विडियो के माध्यमसे ब्रह्माकुमार शक्तिराजभाई ने बहुत सरल शब्दों में ये बात कही है। ज़्यादा जानकारी के लिये आप ब्रह्मकुमारी माउंट आबू में सम्पर्क कर सकते हो।
15 май 2023