❤28/12/2023./❤ हरी ॐ हरी ही सोहंम वाशुदेव सर्वम ही ब्रह्म ही हैं वहीं तत्व से सबकुच्छ सच्चिदानंदघन ही ब्रह्म ही हैं वहीं तत्व से सबकुच्छ सच्चिदानंद स्वरुप भगवन विष्णु ही हैं।❤❤❤।
मन = जैसे ही हर सांस व्यतीत होता है, उस बनती हुई अवस्था को मन कहेंगे, उस क्षण जैसे विचार लेते रहोगे वैसा ही मन उत्पन्न हो जाएगा. जैसे सौम्य तो सौम्य, घृणा तो घृणित, इत्यादी 🙏