मैं राजस्थान से हूं इस ग़ज़ल को मैंने दिलीप गवैया गुजरात की आवाज में बहुत बार सुना है लेकिन सबसे अच्छी वह मां को सुकून देने वाली आवाज में बहुत प्यारी आवाज बहुत ही अच्छी बहुत ही अच्छी आवाज बहुत ऊंचे स्वर लगाकर नोट पर नोट लगाकर गया है ईश्वर से प्रार्थना करता हूं आपकी बहुत तरक्की हो बहुत आगे बढ़े और बिहार में क्लासिकल म्यूजिक को और भी ऊंचाइयों पर लेकर जाएं