स्वामी जी आज किसी को फुर्सत ही नहीं है सब माया के पिछे भाग रहे हैं इन्सानियत मर चुकी है स्वर्थी दुनिया हो गई है जय हिंद जय सनातन संस्कृति की धर्मों रक्षित रक्षितः ॐहरीॐततसत परम सत्य सच्चिदानंद गोविन्द
Radhe Radhe Jai Shri Krishna Jai Shri Ram Jai Siyaram Har Har Mahadev Mata Parvati ki Jai Jai Mahakal Ujjain ji ki sada hi Jai ho Jai Mahaveer Hanuman ji ki Jai Mata Rani ki 🙏 🎉❤
जीवन बदला दुनिया बदली मन को अनोखा ज्ञान मिला आज मुझे अपने ही दिल मे एक नया इंसान मिला बहुत ही ज्ञानवर्धक मानवतावादी दृष्टिकोण के तहत, ढोग, झूठ, फरेब मक्कारी से दूर रहकर आडम्बर को त्याग कर एक ईश्वर पर विश्वास करने का उपदेश है महान धरोहर दयानंद सरस्वती जी या इन महान स्वामी जी की विचार धारा को अगर अपना लिया जाये और सत्ता मात्र के धर्म का सहारा न लिया जाये सही माइने मे वैदिक धर्म का पालन हो तो इस देश को फिर से विश्व गुरु बनने में देर नही लगेगी
हमने तो महाराज जी का प्रवचन बहुत ही अच्छा लगा यह कहानी सुनने के बाद मैं तो यही कहूंगा जिस दिन लोग दूसरों के लिए जीने लगेंगे उस दिन इंसानियत और इंसान अपने आप जिंदा होने लगेंगे 12:08 लगेंगे
महाराजजी आपका धन्यवाद आपने हमारी आखें खुल गई । ईस देश के बुद्धीवान लोग गैरफायदा लेते है । शातीर लोगोसे देश परेशान है । यहसब स्वार्थी बनते जा रहे है । अब तो इस देश को आप जैसे संत ही बचा सकते है । मुझे आपका प्रवचन सुनकर बहुत आनंद आया ।धन्यवाद
स्वामी जी को सतसत नमन सादर प्रणाम। स्वामी जी इन्सानियत धरातल में समा गई।समाज की मानवता का स्वर्ग वास हो गया।मानव समाज का भविष्य अंधकारमय है। इन्सानों में और भेड़िया में केवल चेहरे का अन तर रह गया है। ओम् नमः शिवाय हर हर महादेव सनातन धर्म कि जय हो
मैने भगवान से पुछा आप हम जैसे मानवो की इतनी कड़ी परिक्षा क्यों लेते है ? भगवान ने बहुत अच्छा जवाब दिया भगवान ने कहा बेटा आप जैसे मानवो की वजह से ही संसार मेरी यानी भगवान की पहचान बनी है वर्ना मुझे तो यानी भगवान को अपने मतलब से ही याद करने वाले मानवो की कमी नही है संसार मे हर मानवो ने महेन्त और इमानदारी को महत्व दिया होता तो आज ऊंच निच अमिर गरीब जात-पात ना होता मै बड़े बड़े साधु संतों के पास गया और कहा मुझे ज्ञान शिक्षा की जरूरत है साधु संतों ने पुछा मुझसे आप कौन हो आपकी जात पहचान क्या है ? मैने कहा मै मानव हुं मेरी जात मानव है भारत भुमी की इस मिट्टी मे मेरा जन्म हुआ मेरी पहचान भारतीय है साधु संतों ने कहा बेटा तुझे ज्ञान शिक्षा की जरूरत नही है
भगवान से मैने कहा भगवान आप हम जैसे मानवो की कड़ी परीक्षा क्यों लेते है भगवान ने बहुत अच्छा जवाब दिया बेटा मै आप जैसे मानवो की परीक्षा इसलिये लेता हुं ताकी मेरी यानी भगवान की पहचान बनी रहे