लघुकथा- मोहभंग
पटकथा एवं संवाद- नवल माथुर
निर्मात्री- शारदा मुरडिया, गायत्री गुप्ता
निर्देशक- प्रदीप सिंह राजावत
मोहभंग की कहानी उषा प्रियंवदा की वापसी से प्रेरित है| बुढ़ापा बीता हुआ कल होता है,जीवन एक सफ़र है जिसमें सुबह होती है और शाम ढ़लती है| गजाधर शर्मा स्टेशन मास्टर एक द्वितीय श्रेणी के कर्मचारी जिन्होंने अपने बच्चों के ख़ातिर उनकी अच्छी परवरिश और पढ़ाई के लिए अपने परिवार से दूर रहकर एक गाँव के छोटे से स्टेशन पर नौकरी करके रिटायरमेंट के बाद जब खुशी-खुशी अपने परिवार के पास वापस जाते हैं तो उन्हें क्या पता था कि जिन बच्चों के लिए उन्होंने जीवन भर अकेले रहकर उनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए लगा दिए वही बच्चे उन्हें दूध में पड़ी हुई मक्खी की तरह बाहर निकालकर भेंक देगें | जीवन की कड़वी सच्चाई को उजागर करती मोहभंग की कहानी एक रिटायर हुए पिता के दर्द को बयां करती है |
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23 сен 2023