देखो साहब हमें फर्क नहीं पड़ता पार्टी किसी को भी टिकट दे लेकिन यदि रविन्द्र सिंह मैदान में उतरते है तो उनकी एक तरफा जीत होगी ये मैं स्टांप पर लिखकर दे सकता हूं क्यूंकि साहब रविन्द्र को बाड़मेर से ज्यादा जैसलमेर में लोग चाहते है
अगर लोकसभा चुनाव में रविन्द्र सिंह भाटी कोई पार्टी से चुनाव लडे चाहे निर्दलिय लड़े जीत भाटी के हिस्से तय है भाजपा आज का नजरिया देखे तो तिसरे नंबर कि लड़ाई में है।
कांग्रेस हेमाराम चौधरी को चुनाव नही लड़ाती है तो बिजेपी जीतेगी चाहे कैसा भी गठबंधन करालो। कांग्रेस की संजीवनी साख सिर्फ हेमाराम जी चौधरी ही एक मात्र नेता है जो पार्टी की आन बचा सकते है।
रविंद्र सिंह भाटी को सुनाओ हम लड़ेंगे और दिल्ली तक हम पहुंचेंगे कि हमारा आपको वादा है कैलाश चौधरी ने जीतने के बाद हमें मुंह तक नहीं दिखाया और बोल रहे हैं कि मेरी गलतियों की सजा मोदी जी को मत देना आपको ही देंगे मंत्री जी
बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा में दोनों राष्ट्रीय पार्टियों के उम्मीदवार हमेशा आमने सामने होते हैं इस क्षेत्र में निर्दलीय उम्मीदवार का वजूद मुश्किल से बस पता है पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह जैसे कद्दावर नेता लोकसभा चुनाव बुरी तरह से हार गए थे रविंद्र सिंह युवाओं के बलबूते सोशल मीडिया बलबूते चुनाव जीतने की आस लगाए बैठे लेकिन धरातल पर ऐसी स्थिति या बिल्कुल भी नहीं है शिव विधानसभा में इतना हां हुल होने के बावजूद मात्रा बहुत कम वोट से विजय हुए थे
कैलाश चौधरी ने रविंद्र सिंह भाटी का विधानसभा का टिकट कटा था अगर रविंद्र सिंह भाटी जीत भी नहीं तो कैलाश चौधरी को ले बैठेगा उसकी टिकट काटने काइनाम मिल जाएगा और अगर रविंद्र सिंह भाटी जीत गया तो राजस्थानी में उसका भविष्य सुनहरा है
इसबार मोदी जी जबरदस्त जलवा है पर्सनल उमेदवार उतना वक्त नही रखते हा ये भी सही है कि उमीदवार थोक बजाकर चुनते है मोदी जी योजनाओ का लाभ जिनको मिला ओर अभी तो मोदी की आंधी है