on garga samhita Radha nam mahima is writeen where lord Shiva explained Radha Tattva to Parwati ji. and also glories of lord Krishna His dham Vrindavan
जय हो प्रभुजी। श्री राधा मोरी स्वामिनी। जो नाम निरंतर ब्रजेन्द्र नंदन श्री कृष्ण के ह्रदय और रोम रोम में तरंगायित होते है, वही श्री राधा नाम। ये श्री राधा नाम से प्रेम के कारण, श्याम सुंदर के सारे अस्त्र विलुप्त हो गए। किउं? किउं की ये प्रेम की क्षेत्र। इंहा कोई अस्त्र नही, सारे शक्ति की सार, ह्लादिनी शक्ति से क्रीड़ा या प्रेम रण में, वंसी की ही प्रयोग कर सकता। और सारे अस्त्र बेकार। परम् परम् श्री वैष्णब, शिव शंकर के ह्रदय में विष्णु, चक्र, त्रिशूल की भाव आ सकते, पर व्रज में, पक्को व्रजवासी या गौड़ीय साधक सिद्ध के मन मे ये भाव नही आएगा। इसी लिए, इस पर प्रभु, आप थोड़ी और चर्चा करें तो सब पर हो विषुद्ध प्रेम कृपा। आपको इस शुद्र दास का दंडबत प्रणाम। एक और बात। जैसे, ब्रजेन्द्र नंदन श्री कृष्ण के रोम रोम श्री राधा नाम मे दुबे रहेते। ऐसेही श्री राधा, मोरी स्वामिनी, के ह्रदय, भाव, रोम रोम में श्री कृष्ण नाम की ही परम् परम् सुगंधि माला की निरंतर वर्षा हो रहे है। श्याम श्याम नाम जपे निरंतर। उन्मादिनी महाभाव स्वरूपिणी, सिर्फ एक ही भाव चिंतन महाभाव - श्याम श्याम श्याम। इसी कारण, हमारे दोउन प्यारो प्यारी। हम गौड़ीय दोनो के ह्रदय के सेवा अभिलाषी। पर गौड़ीय किंकरी है विषुद्ध राधा दासी। राधा दासी जपे निरंतर युगल नाम, शक्ति शक्तिमान। अकेले एक नाम महा विरह प्रधान। युगल नाम मे है महा मिलन उपादान। इसी लिए, गौड़ीय कहे, राधे श्याम नाम। हरे कृष्ण नाम। ना कभू अकेले कृष्ण कृष्ण नाम। ना कभू अकेले राधा राधा नाम। नाम नामी ना काहुँ भेद। अकेली राधा अकेले कृष्ण, ना करूँ चिंतन। दोहुँ युगल रहे संग संग, राधा दासी तब करे पूजन। प्रभु, ये शुद्र दास पर करे कृपा अबाँतर। युगल नाम को ही करे चिंतन निरन्तर। हरे कृष्ण। राधे श्याम। युगल नाम।
hare krishna prabhu ji jab aap shri krishna ji ki leela sunate ho toh bahut aanand aata hai. please prabhuji shri krishna ki leelao ki aur katha sunao please.
जय जय श्री राधे जय जय श्री राधे परम पूज्य गुरुदेव आपका चरण कमलों में अनंत कोटि दंडवत प्रणाम राधा रानी का कृपा के बारे में बहुत सुंदर वर्णन किया आप 🙏🙏🙏🌹🌹🙏🙏🌹🌹🌹💐
Jay Ho Jay Ho Shda Shda Hi Jay Jay Ho Jay Ho Jay Ho Jay Jay Ho Shree Netae GorSheeri Hree Sheeri Hree Prm Pujneey Teeno Kalo ke Smst Preekr ki Jay Ho Jay Ho Jay Ho Shda Shda Hi Jay Jay Ho Jay Ho Jay Ho Jay Ho Jay Jay
जय हो प्रभुजी। श्री राधा मोरी स्वामिनी। जो नाम निरंतर ब्रजेन्द्र नंदन श्री कृष्ण के ह्रदय और रोम रोम में तरंगायित होते है, वही श्री राधा नाम। ये श्री राधा नाम से प्रेम के कारण, श्याम सुंदर के सारे अस्त्र विलुप्त हो गए। किउं? किउं की ये प्रेम की क्षेत्र। इंहा कोई अस्त्र नही, सारे शक्ति की सार, ह्लादिनी शक्ति से क्रीड़ा या प्रेम रण में, वंसी की ही प्रयोग कर सकता। और सारे अस्त्र बेकार। परम् परम् श्री वैष्णब, शिव शंकर के ह्रदय में विष्णु, चक्र, त्रिशूल की भाव आ सकते, पर व्रज में, पक्को व्रजवासी या गौड़ीय साधक सिद्ध के मन मे ये भाव नही आएगा। इसी लिए, इस पर प्रभु, आप थोड़ी और चर्चा करें तो सब पर हो विषुद्ध प्रेम कृपा। आपको इस सूद्र दास का दंडबत प्रणाम। एक और बात। जैसे, ब्रजेन्द्र नंदन श्री कृष्ण के रोम रोम श्री राधा नाम मे दुबे रहेते। ऐसेही श्री राधा, मोरी स्वामिनी, के ह्रदय, भाव, रोम रोम में श्री कृष्ण नाम की ही परम् परम् सुगंधि माला की निरंतर वर्षा हो रहे है। श्याम श्याम नाम जपे निरंतर। उन्मादिनी महाभाव स्वरूपिणी, सिर्फ एक ही भाव चिंतन महाभाव - श्याम श्याम श्याम। इसी कारण, हमारे दोउन प्यारो प्यारी। हम गौड़ीय दोनो के ह्रदय के सेवा अभिलाषी। पर गौड़ीय किंकरी है विषुद्ध राधा दासी। राधा दासी जपे निरंतर युगल नाम, शक्ति शक्तिमान। अकेले एक नाम महा विरह प्रधान। युगल नाम मे है महा मिलन उपादान। इसी लिए, गौड़ीय कहे, राधे श्याम नाम। हरे कृष्ण नाम। ना कभू अकेले कृष्ण कृष्ण नाम। ना कभू अकेले राधा राधा नाम। नाम नामी ना काहुँ भेद। अकेली राधा अकेले कृष्ण, ना करूँ चिंतन। दोहुँ युगल रहे संग संग, राधा दासी तब करे पूजन। प्रभु, ये सूद्र दास पर करे कृपा अबाँतर। युगल नाम को ही करे चिंतन निरन्तर। हरे कृष्ण। राधे श्याम। युगल नाम।
Garg sanhita and bhrahm sanhita ek unauthentik shashtra h. Only read (1).Most authentic 4 ved 50 ya 60 main upnishad ( all 108 not) Aranyak 6 shashtra (2). Authentic 2 mahakavya- ramayan and mahabharat (3). Authentic but some manipulation 18 puran Some uppuran (4). Unauthentik Garg sanhita, bhrahm sanhita, laxmi tantra, parashar sanhita etc. Baki sab later additions h. Apne apne vichardhara, pakhand ke liye likhe gaye h.
Jinka bhi yeh chainel hai kripya es hy light comante Ko hta de esme abhdra bhasa upyog kiya ja raha hai Ni to eske sat me apko bhi pap lag sakta hai radhe radhe 🙏
आप पहले बताइए कि शिव जी ने किस नाम की महिमाबताई है भगवान राम के नाम की महिमा बताइए कि राधा नाम की महिमाबताइए और किसी समय बाद साइ बाबा की महिमा महिमा शिव जी बताएंगे भगवान राम तक तो ठीक था और यह भी देखिए की राधा इतनी कमजोर है कि उन्हें दो दो बॉडीगार्ड की जरूरत पड़ती है एक त्रिशूल धारी है दूसरा चक्रधारी यह क्या अनर्गल कहानीसुनती हो
राधा का उल्टा है धारा...मतलब भव सागर से पार. धारा संसार का सुख है, Radha sansar se pare hai yog hai....aur krishna hi ya ram ya fir shiv ek prabrahm hai...name anek hai aur brahm ek...jiska dhyan me sb ramte hai wo hai राधा...अज्ञानी बकवास करते रहे। जो ज्ञानवान है वो राधा को समझ सकता है वो भी .1% ka .1 hissa.. Jai shree radhamadhav balabh🙏
भगवान शिव तुम्हारे बाप की नौकरहैं जो तुम राधा राधा जा पाओगे भगवान से त्रिशूल लेकर तुम्हारी रक्षा करनेआएंगे भगवान siv parbraham ke v parbraham radha jaisi देवियां जिनके गुणगान गाती हैं तुम लोग उनका सिक्योरिटी गार्ड बनाकर रखदिए
@@SoravRaj-nk4ni इसमें सोच की क्या बात है तुम जैसे वैष्णव नहीं भोलेनाथ की महिमा का गलत दिशा में ले गएहो राधा तो 5000 साल पुरानी है भोलेनाथ Anant yuvaon se है
Shiv Shree Radha k bhoot bde upasak hn Shree Radha Kripa Kataksh Strotra ki rachna ki h unhone Krishn ki Alhadini Shakti hn Radha Unke charno me hn sari shaktiyan❤❤
@@ManishSoni-oz6usPehle matlab jakar dekh radha strotam ka bhagwan shiv vairagi hh vo kisi ke bahari sundarta ki tarif nhi kar sakte hamare sanatan dharm mein devi ke Sirf charan tak hi simit hote hh Uss strotam mein likha shiv ji ne Radha ji ke baal ki tarif ki Unke kamar ki taarif ki bhala yeah sab sambhav hh apne dimag se socho Bhagwan shiv khud boht bade patni vrat dharm ka palan karte Sirf shakti Unke sath rehti hh veh kisi anya devi ko dekhte bhi nhi dekhte hh toh Sirf beti ke form mein yeah sab strotam likhi kahaniya khi khi na khi vaishnavo ka pakhand hh Varna tum khud socho Radha rani ne prem ke siva aur kya kiya hh jo tum unko sabse badi devi bolo ek prem yeah toh koi bhi kar sakti hh sati annsuya meera toh kya tum inhe bhi poojoge inhe bhi sabse badi devi ka darja doge Radha aur meera prem ek saman mana jata hh toh kya krishna bhagwan unki bhi charan dhuli lenge kya socho dimag se