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रामचरितमानस अरण्यकाण्ड - मारीच प्रसंग और स्वर्णमृग रूप में मारीच का मारा जाना 

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अरण्यकाण्ड में शूर्पणखा वध से सीता हरण प्रकरण तक के घटनाक्रम आते हैं। नीचे अरण्यकाण्ड से जुड़े घटनाक्रमों की विषय सूची दी गई है।
मंगलाचरण
जयंत की कुटिलता और फल प्राप्ति
अत्रि मिलन एवं स्तुति
श्री सीता-अनसूया मिलन और श्री सीताजी को अनसूयाजी का पतिव्रत धर्म कहना
श्री रामजी का आगे प्रस्थान, विराध वध और शरभंग प्रसंग
राक्षस वध की प्रतिज्ञा करना, सुतीक्ष्णजी का प्रेम, अगस्त्य मिलन, अगस्त्य संवाद
राम का दंडकवन प्रवेश, जटायु मिलन, पंचवटी निवास और श्री राम-लक्ष्मण संवाद
शूर्पणखा की कथा, शूर्पणखा का खरदूषण के पास जाना और खरदूषणादि का वध
शूर्पणखा का रावण के निकट जाना, श्री सीताजी का अग्नि प्रवेश और माया सीता
मारीच प्रसंग और स्वर्णमृग रूप में मारीच का मारा जाना, सीताजी द्वारा लक्ष्मण को भेजना
श्री सीताहरण और श्री सीता विलाप
जटायु-रावण युद्ध, अशोक वाटिका में सीताजी को रखना
श्री रामजी का विलाप, जटायु का प्रसंग, कबन्ध उद्धार
शबरी पर कृपा, नवधा भक्ति उपदेश और पम्पासर की ओर प्रस्थान
नारद-राम संवाद
संतों के लक्षण और सत्संग भजन के लिए प्रेरणा
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Опубликовано:

 

16 окт 2024

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