प्रामाणिक उपदेश :
विश्व के पाँचवें मूल जगद्गुरु एवं काशी विद्वत् परिषत् द्वारा जगद्गुरूत्तम की उपाधि से विभूषित श्री कृपालु जी महाराज को 'सनातनवैदिकधर्मप्रतिष्ठापन सत्सम्प्रदाय परमाचार्य' की उपाधि से भी अलंकृत किया गया है। इस दृष्टि से श्री महाराज जी के श्रीमुख से निकले दिव्य श्रीवचन ही वास्तविक सनातन वैदिक धर्म के उद्घोषक हैं। उनके उपदेश का प्रत्येक शब्द शास्त्र वेद सम्मत होने से स्वतः प्रामाणिक है। इसी हेतु काशी विद्वत् परिषत् ने महाराज श्री को 'श्रीमद्पदवाक्यप्रमाणपारावारीण' की उपाधि से भी अलंकृत किया।
श्री महाराज जी ने हम कलियुगी जीवों के कल्याणार्थ समस्त वेद शास्त्रों का सार अपने दिव्य प्रवचनों में अत्यंत सरल एवं रोचक शैली में प्रस्तुत किया है।
इस वीडियो में भक्तियोगरसावतार रसिक शिरोमणि जगद्गुरूत्तम श्री कृपालु महाप्रभु ने रामायण, गीता एवं भागवत के आकर्षक प्रमाणों द्वारा भक्ति के महत्त्व का प्रतिपादन किया है।
यह एक अत्यंत सारगर्भित, सरस एवं रोचक प्रवचन है, जो अपने भीतर समूची साधना पद्धति को समेटे हुये है।
सन् 2000
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7 сен 2024