Тёмный

राम से राम तक की यात्रा है जीवन || आचार्य प्रशांत, श्रीकृष्ण एवं कबीर साहब पर (2019) 

आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant
Просмотров 43 тыс.
50% 1

संस्था से संपर्क हेतु इस फॉर्म को भरें:
acharyaprashant...
या कॉल करें: +91- 9650585100/9643750710
आप अपने प्रश्न इस नम्बर पर व्हाट्सएप्प कर सकते हैं: +91-7428348555
~~~~~~~~~~~~~
आचार्य प्रशांत संग ऑनलाइन पाठ्यक्रमों में भाग लेने के लिए: solutions.acha...
~~~~~~~~~~~~~
आचार्य प्रशांत से मुलाकात हेतु, और उनकी जीवनी, कृतित्व, पुस्तकों, व मीडिया के लिए:
acharyaprashan...
~~~~~~~~~~~~~
इस अभियान को, और लोगों तक पहुँचाने में आर्थिक सहयोग दें: acharyaprashant...
~~~~~~~~~~~~~
वीडियो जानकारी: अद्वैत बोध शिविर, 24.10.2019, अद्वैत बोधस्थल, ग्रेटर नॉएडा, भारत
प्रसंग:
राम कौन हैं?
कबीर साहब के चार राम कौन हैं?
जीवन क्या है?
संगीत: मिलिंद दाते
~~~~~~~~~~~~~

Опубликовано:

 

9 сен 2024

Поделиться:

Ссылка:

Скачать:

Готовим ссылку...

Добавить в:

Мой плейлист
Посмотреть позже
Комментарии : 108   
@Akhil_nishad
@Akhil_nishad 4 года назад
चार राम है जगत में, तीन राम व्यवहार । चौथ राम सो सार हैं, ताको करो विचार ।। एक राम दसरथ घर डोले, एक राम घट-घट में बोले । एक राम का सकल पसारा, एक राम है सबसे न्यारा ।। ~ संत कबीर 🔹🔹🔹🔹🔹🔹 श्रीमद्भग्वद्गीता अध्याय १५ श्लोक १७ उत्तमः पुरुषस्त्वन्यः परमात्मेत्युदाहृतः । यो लोकत्रयमाविश्य बिभर्त्यव्यय ईश्वरः ॥ भावार्थः इन दोनों के अतिरिक्त एक श्रेष्ठ पुरुष है जिसे परमात्मा कहा जाता है, वह अविनाशी भगवान तीनों लोकों में प्रवेश करके सभी प्राणीयों का भरण-पोषण करता है ।
@jsr9685
@jsr9685 3 года назад
कबीर दास का कहना का तात्पर्य रहा होगा कि एक ही राम 4 जगह 4 रूप में है । राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥ हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥ O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause || जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥ अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।। हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥ Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1|| जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥ "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा। When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail. कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥ कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥ Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21|| गुरु ग्रंथ (कबीरदास के दोहे) । वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏
@Sparsh789
@Sparsh789 3 года назад
"राम" तत्व पर आपके मुखारबिंद से एक सत्संग की अपेक्षा है।🙏👏👏👌👍🙏
@jsr9685
@jsr9685 3 года назад
राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥ हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥ O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause || जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥ अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।। हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥ Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1|| जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥ "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा। When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail. कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥ कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥ Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21|| वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏 हरे कृष्ण हरे राम नारायण नारायण
@MotikumariYadav-bu7mw
@MotikumariYadav-bu7mw 17 дней назад
Jai shree krishana
@Abhikriti159
@Abhikriti159 2 месяца назад
धन्यवाद जय श्री राम जी 🙏🙏🌈
@yatendragarg1000
@yatendragarg1000 2 года назад
जितने भी शरीर हैं। वह सब है आत्मा के ही।
@yatendragarg1000
@yatendragarg1000 3 года назад
झूठ का मतलब जो टिकता नही है। इसीलिए दुनिया झूठी है। लेकिन सच की संभावना लिए है।
@jsr9685
@jsr9685 3 года назад
कबीर दास का कहना का तात्पर्य रहा होगा कि एक ही राम 4 जगह 4 रूप में है । राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥ हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥ O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause || जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥ अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।। हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥ Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1|| जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥ "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा। When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail. कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥ कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥ Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21|| गुरु ग्रंथ (कबीरदास के दोहे) । वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏
@abhishekdas3854
@abhishekdas3854 Год назад
This video deserves a reach to billions of human souls. Tears poured while listening to this exposition.
@EDUCATIONALBABA
@EDUCATIONALBABA 2 года назад
आज रामनवमीं के उपलक्ष्य में आचार्य जी से राम का मर्म समझा। प्रणाम गुरुवर
@swatigulati9932
@swatigulati9932 3 года назад
कितना स्पष्ट देख पाते हैं आप
@jsr9685
@jsr9685 3 года назад
राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥ हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥ O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause || जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥ अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।। हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥ Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1|| जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥ "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा। When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail. कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥ कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥ Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21|| गुरु ग्रंथ (कबीरदास के दोहे) । वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏
@surajhalvadiya2779
@surajhalvadiya2779 2 года назад
प्रश्न करताओ को साधुवाद और उनकी मनोस्थिति को भी साधुवाद जो आचार्य जी से ये प्रश्न किए,और हमेशा की तरह आचार्य जी को कोटि कोटि नमन, जो इतने ऊंचे दर्शन का या कहे सत्संग का आप ने सरल ब मृदु भाषा में मार्ग दर्शन किया। जय राम जी की
@khushbootiwari5748
@khushbootiwari5748 7 месяцев назад
pranam guruvar!
@ashishmanmode4849
@ashishmanmode4849 Год назад
नमस्कार आचार्य् जी को, शत शत नमन 🙏🙏
@shubhampandey7067
@shubhampandey7067 Год назад
हृदय से नमन आचार्य जी....
@swatijoshi8257
@swatijoshi8257 2 года назад
अद्भुत अद्वितीय आपने जिस तरीके से समझाया कोई जवाब नही उसका। जय श्रीकृष्ण।
@garimaraman5357
@garimaraman5357 2 года назад
Acharya Prashant Ji ko parnam 🌺💐🌸⭐
@varunsangwan4964
@varunsangwan4964 2 года назад
As per Advaita " you are the forth one i.e Turiya "...🙏
@vimlachandola1257
@vimlachandola1257 2 года назад
प्रणाम आचार्य जी🙏
@RK1111
@RK1111 Год назад
Thanks!
@Addy099990
@Addy099990 4 года назад
धन्यवाद आचार्य जी 🌷🌷🌷🌷🌷💐🌻🍁
@jsr9685
@jsr9685 3 года назад
कबीर दास का कहना का तात्पर्य रहा होगा कि एक ही राम 4 जगह 4 रूप में है । राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥ हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥ O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause || जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥ अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।। हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥ Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1|| जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥ "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा। When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail. कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥ कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥ Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21|| गुरु ग्रंथ (कबीरदास के दोहे) । वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏
@dineshbhatt4318
@dineshbhatt4318 2 года назад
आचार्य जी को मेरा सत सत प्रणाम, आचार्य जी सन्त कबीर जी ने सत्य ही कहा है कि गुरू गोविन्द दोहू खड़े, काके लागो पाएं बली हारे गुरु आपने, गोविन्द दियो बताए।। आप ने इतने बढ़िया तरीके से समझाया मेरा परमात्मा में लगा इसका सारा श्रेय केवल आपको ही जाएगा, आपकी वीडियो देख देख कर मेरा क्रोध पचास प्रतिसत कम हो गया है मेरा मन सब में समान दिर्ष्ट होने को लालायित रहता है
@kaushalpandey9354
@kaushalpandey9354 3 года назад
धन्य धन्य हो गुरुदेव आप
@jsr9685
@jsr9685 3 года назад
कबीर दास का कहना का तात्पर्य रहा होगा कि एक ही राम 4 जगह 4 रूप में है । राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥ हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥ O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause || जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥ अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।। हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥ Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1|| जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥ "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा। When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail. कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥ कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥ Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21|| गुरु ग्रंथ (कबीरदास के दोहे) । वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏
@udaanaapki6081
@udaanaapki6081 3 года назад
प्रणाम आचार्य जी आप में कबीर जी की झलक दिखती है
@jsr9685
@jsr9685 3 года назад
कबीर दास का कहना का तात्पर्य रहा होगा कि एक ही राम 4 जगह 4 रूप में है । राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥ हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥ O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause || जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥ अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।। हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥ Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1|| जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥ "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा। When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail. कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥ कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥ Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21|| गुरु ग्रंथ (कबीरदास के दोहे) । वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏
@pushpasakkerwal4010
@pushpasakkerwal4010 2 года назад
Aacharya Ji ko कोटि-कोटि pranam bahut Sundar dhang se samjhaya sahrday aabhar
@premamallesh7914
@premamallesh7914 Год назад
Pranam Acharyji 🙏 Dhanyavad 🙏
@Runjeetverma
@Runjeetverma Год назад
Jaisi siya raam 🙏🙏❣️❣️
@user-cd4nb6wz3d
@user-cd4nb6wz3d 2 года назад
बिलकुल स्पष्ट कर दिया आपने ।🙏🙏
@aniltiwari657
@aniltiwari657 2 года назад
Ram Ram Ji 🙏
@vidyapande6727
@vidyapande6727 8 месяцев назад
Beautiful video ❤
@neelamkwatra1954
@neelamkwatra1954 7 месяцев назад
Acharya ji ke charanon mahi koti koti naman ❤❤❤❤❤
@Addy099990
@Addy099990 4 года назад
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@ushamore6522
@ushamore6522 2 года назад
Dhanyavad aacharya....🙏🙏🙏
@manishrana3387
@manishrana3387 11 месяцев назад
❤❤
@varshavora7390
@varshavora7390 10 месяцев назад
🙏🙏🙏
@apurvasoni4065
@apurvasoni4065 7 месяцев назад
💐🙏
@devrajthakur9742
@devrajthakur9742 Год назад
Pranam acharya jiii
@dinesharyayoga9650
@dinesharyayoga9650 Год назад
गुरुजी प्रणाम बहुत सुंदर
@rakhikundajwar2531
@rakhikundajwar2531 4 года назад
Naman Acharya ji. ...
@jsr9685
@jsr9685 3 года назад
कबीर दास का कहना का तात्पर्य रहा होगा कि एक ही राम 4 जगह 4 रूप में है । राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥ हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥ O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause || जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥ अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।। हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥ Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1|| जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥ "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा। When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail. कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥ कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥ Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21|| गुरु ग्रंथ (कबीरदास के दोहे) । वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏
@yatendragarg1000
@yatendragarg1000 3 года назад
कबीर साहेब के चार राम स्थूल शरीर,सूक्ष्म शरीर, कारण शरीर (अहं वृति), आत्मा है।
@jsr9685
@jsr9685 3 года назад
राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥ हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥ O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause || जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥ अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।। हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥ Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1|| जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥ "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा। When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail. कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥ कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥ Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21|| वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏
@hariomtiwari4030
@hariomtiwari4030 9 месяцев назад
Koti koti pranam guruji 🙏🙏🙏
@veerasachdeva8080
@veerasachdeva8080 2 года назад
जीवन का अमृत आपसे जाना है अनुग्रह
@swatigulati9932
@swatigulati9932 3 года назад
प्रणाम आचार्य जीi
@jsr9685
@jsr9685 3 года назад
कबीर दास का कहना का तात्पर्य रहा होगा कि एक ही राम 4 जगह 4 रूप में है । राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥ हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥ O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause || जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥ अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।। हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥ Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1|| जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥ "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा। When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail. कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥ कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥ Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21|| गुरु ग्रंथ (कबीरदास के दोहे) । वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏
@dhaneshmalhotra4055
@dhaneshmalhotra4055 2 года назад
Hari OM.
@snehamehta6673
@snehamehta6673 Год назад
Kiti koti vandan
@snehamehta6673
@snehamehta6673 Год назад
❤❤❤
@krishenchand3707
@krishenchand3707 Год назад
Ram Jay shree ram Jay shree ram Jay shree ram Jay shree ram Jay shree ram Jay shree ram Jay shree ram Jay shree ram Jay shree ram Jay shree ram Jay shree ram Jay shree ram Jay shree ram Jay shree ram Jay shree ram Jay shree ram Jay shree ram Jay shree ram Jay shree ram Jay shree ram Jay
@yatendragarg1000
@yatendragarg1000 2 года назад
समय बहुत थोड़ा है। इतना कुछ है करने को बाकी।
@vggupta5319
@vggupta5319 Год назад
चौथा राम को पहचानो वही परमात्मा है सच्चा
@meenasandhal917
@meenasandhal917 3 года назад
Naman Acharya g
@jsr9685
@jsr9685 3 года назад
कबीर दास का कहना का तात्पर्य रहा होगा कि एक ही राम 4 जगह 4 रूप में है । राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥ हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥ O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause || जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥ अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।। हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥ Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1|| जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥ "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा। When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail. कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥ कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥ Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21|| गुरु ग्रंथ (कबीरदास के दोहे) । वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏
@ramprakashgupta5969
@ramprakashgupta5969 Год назад
सत्यम शिवम सुंदरम
@bittusingh4227
@bittusingh4227 4 года назад
EVERGREEN VIDEO
@jsr9685
@jsr9685 3 года назад
राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥ हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥ O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause || जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥ अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।। हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥ Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1|| जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥ "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा। When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail. कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥ कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥ Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21|| वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏
@anjubajaj9386
@anjubajaj9386 7 месяцев назад
समय बहुत कम है🙏
@sunilduttojha6376
@sunilduttojha6376 Год назад
🙏 गुरु कृपा🙏
@RohitKumar-he5xt
@RohitKumar-he5xt 4 года назад
Awesome.
@sudhirgangrade4357
@sudhirgangrade4357 2 года назад
Naman
@sunitakumarisinha9583
@sunitakumarisinha9583 10 месяцев назад
🙏🌅💖🌕🙏💐💞🙏🙏💞💐
@ramavtar4462
@ramavtar4462 Год назад
Aap mere jeevan ke adars ban gaye ho
@agnimitrachatterjee10
@agnimitrachatterjee10 Год назад
Gold✨
@shadow.66
@shadow.66 2 года назад
He ram
@soniayadav7474
@soniayadav7474 2 года назад
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@anujpsingh9141
@anujpsingh9141 Год назад
आचार्य जी राम नाम जपने से मनुष्य की मुक्ति कैसे होगी।
@user-pg2ml6yr3c
@user-pg2ml6yr3c 3 года назад
जय श्री राम
@jsr9685
@jsr9685 3 года назад
कबीर दास का कहना का तात्पर्य रहा होगा कि एक ही राम 4 जगह 4 रूप में है । राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥ हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥ O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause || जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥ अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।। हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥ Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1|| जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥ "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा। When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail. कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥ कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥ Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21|| गुरु ग्रंथ (कबीरदास के दोहे) । वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏
@anuchowdhary8251
@anuchowdhary8251 Год назад
❤️🌷🙏🕉️
@theknowledgetv45
@theknowledgetv45 Год назад
Ram 🙏
@neelamrana6999
@neelamrana6999 2 года назад
🙏💓☀️🌍💐💐💐
@shivpalrabde1182
@shivpalrabde1182 4 года назад
Acharya Ji 🙏 Naman
@jsr9685
@jsr9685 3 года назад
कबीर दास का कहना का तात्पर्य रहा होगा कि एक ही राम 4 जगह 4 रूप में है । राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥ हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥ O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause || जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥ अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।। हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥ Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1|| जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥ "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा। When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail. कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥ कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥ Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21|| गुरु ग्रंथ (कबीरदास के दोहे) । वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏
@puranchand5301
@puranchand5301 3 года назад
Ek Ram Dashrath ka beta Ek Ram Ghat Ghat Mein Baitha Ek Ram ka Jagat pasara Ek Ram Jagat se nyara
@jsr9685
@jsr9685 3 года назад
कबीर दास का कहना का तात्पर्य रहा होगा कि एक ही राम 4 जगह 4 रूप में है । राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥ हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥ O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause || जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥ अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।। हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥ Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1|| जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥ "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा। When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail. कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥ कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥ Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21|| गुरु ग्रंथ (कबीरदास के दोहे) । वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏
@radhikamahto7513
@radhikamahto7513 Год назад
Pranam Guruji
@Ankitkarora2020-ql4zu
@Ankitkarora2020-ql4zu 5 месяцев назад
🙏🙏🙏🙏🙏
@laalbahadurlaalbahadur1644
@laalbahadurlaalbahadur1644 2 года назад
🙏🙇
@bhupendratomar4575
@bhupendratomar4575 3 года назад
Pranam acharya ji
@jsr9685
@jsr9685 3 года назад
कबीर दास का कहना का तात्पर्य रहा होगा कि एक ही राम 4 जगह 4 रूप में है । राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥ हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥ O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause || जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥ अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।। हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥ Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1|| जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥ "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा। When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail. कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥ कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥ Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21|| गुरु ग्रंथ (कबीरदास के दोहे) । वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏
@bhupendratomar4575
@bhupendratomar4575 3 года назад
🙏
@jsr9685
@jsr9685 3 года назад
कबीर दास का कहना का तात्पर्य रहा होगा कि एक ही राम 4 जगह 4 रूप में है । राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥ हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥ O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause || जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥ अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।। हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥ Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1|| जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥ "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा। When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail. कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥ कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥ Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21|| गुरु ग्रंथ (कबीरदास के दोहे) । वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏
@ishucrazy143
@ishucrazy143 3 года назад
🙏✨💐
@jsr9685
@jsr9685 3 года назад
कबीर दास का कहना का तात्पर्य रहा होगा कि एक ही राम 4 जगह 4 रूप में है । राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥ हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥ O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause || जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥ अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।। हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥ Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1|| जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥ "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा। When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail. कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥ कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥ Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21|| गुरु ग्रंथ (कबीरदास के दोहे) । वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏
@JivikaRana-zi5ne
@JivikaRana-zi5ne Год назад
❤❤❤❤❤❤❤
@darshnaprajapati83
@darshnaprajapati83 2 года назад
Pranam guruji
@sunitagupta6846
@sunitagupta6846 2 года назад
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@simplelife5956
@simplelife5956 3 года назад
Pranam acharya ji
@pranaym1844
@pranaym1844 4 года назад
🌹🙏💐
@sunitabatra3273
@sunitabatra3273 2 года назад
🙏🙏
@yatendrakumar9760
@yatendrakumar9760 2 года назад
🙏🙏🙏
@vinodkuber3879
@vinodkuber3879 4 года назад
🙏🙏
@jsr9685
@jsr9685 3 года назад
कबीर दास का कहना का तात्पर्य रहा होगा कि एक ही राम 4 जगह 4 रूप में है । राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥ हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥ O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause || जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥ अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।। हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥ Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1|| जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥ "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा। When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail. कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥ कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥ Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21|| गुरु ग्रंथ (कबीरदास के दोहे) । वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏
@sagarkhokher4539
@sagarkhokher4539 2 года назад
🙏🙏
@usharanimunjal7639
@usharanimunjal7639 2 года назад
🙏
@Saraswatinitya
@Saraswatinitya 2 года назад
🙏🙏🙏
@rashmiyadav3581
@rashmiyadav3581 3 года назад
🙏
@akhilraj860
@akhilraj860 3 года назад
🙏🙏🙏
@jsr9685
@jsr9685 3 года назад
कबीर दास का कहना का तात्पर्य रहा होगा कि एक ही राम 4 जगह 4 रूप में है । राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥ हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥ O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause || जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥ अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।। हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥ Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1|| जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥ "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा। When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail. कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥ कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥ Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21|| गुरु ग्रंथ (कबीरदास के दोहे) । वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏
@satyamvishalbhaskar2350
@satyamvishalbhaskar2350 4 года назад
🙏
@jsr9685
@jsr9685 3 года назад
कबीर दास का कहना का तात्पर्य रहा होगा कि एक ही राम 4 जगह 4 रूप में है । राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥ हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥ O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause || जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥ अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।। हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥ Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1|| जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥ "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा। When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail. कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥ कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥ Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21|| गुरु ग्रंथ (कबीरदास के दोहे) । वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏
@simplelife5956
@simplelife5956 3 года назад
🙏🌼🙏
Далее
Пришёл к другу на ночёвку 😂
01:00
Bacon на громкость
00:47
Просмотров 58 тыс.