दुर्भाग्य है इस देश के युवा पीढ़ी का जो जाति धर्म की लड़ाई में दबा कर रख दिया राजनेताओं ने हमारे महा पुरुषों को भी बांट दिया राजनीति मंच पर खड़ा होकर जाति वाद बढ़ाते हैं उस से बच कर चलोगे तो समाज में दरार नाउत्पन ना हो। हमारे महापुरुष की जीवनी से जुड़ो अपने जीवन में उतारो और एक अच्छा जीवन जियो
@@bhairusinghrathore9028भरतपुर के राजा किसान थे तथा इसी आधार पर उन्हें राजस्थान में ओबीसी सूची में शामिल किया गया है, हालांकि उन्हें अभी केन्द्र में ओबीसी दर्ज़ा नहीं मिल पाया है।
@@RAJENDRASINGH-dl9eg अच्छा भरतपुर कै शासन करने वाले किसान हो गए और बाकी सब सामंत इतना दोगला पन कहाए भया। Btw भरतपुर वाले general मै आते है obc मैं नहीं।
@@bhairusinghrathore9028 भाई मेरे मैंने बाकी राजस्थान के शासकों को सामंत नहीं कहा। आपको बता दूं कि भरतपुर के जाट राजस्थान राज्य में तो ओबीसी सूची में हैं जबकि केन्द्र में ओबीसी सूची में नहीं हैं। मैं राजपूतों का विरोधी नहीं हूं। राजपूत स्वयं दोषी हैं ओबीसी सूची से बाहर रहने के लिए। भरतपुर धौलपुर के जाटों का उदाहरण देकर राजपूतों को ओबीसी सूची में शामिल करने की अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग से मांग करनी चाहिए थी लेकिन नहीं की गई। क्या इसमें जाट दोषी हैं? रही बात राजपूतों की सामाजिक स्थिति की तो शायद आपको मालूम नहीं है कि मुलायम सिंह यादव के परिवार में राजपूत बहुएं हैं लेकिन उनके परिवार की एक भी लड़की राजपूत परिवार में नहीं ब्याही है। तो बताइए कि उत्तर प्रदेश में सामाजिक स्थिति राजपूतों की ऊंची हुई या यादवों की । फिर भी यादव ओबीसी सूची में हैं जबकि राजपूत जनरल में हैं। तो मेरे भाई इन सब बिन्दुओं पर विचार कीजिए तथा अपने समाज का मार्गदर्शन कीजिए।