उत्तम दास जी को सन 1982 में राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है तथा सन 2000 में उत्तराखंड रत्न से भी सम्मानित किया जा चुका है उत्तम दास जी 50 वर्षों से ढोल सागर के संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं तथा ढोल दमो कल वादन में महारत है।
श्री उत्तमदास एकल ढोल-दमौ अद्वितीय वादक जी तै ऊन्की कला पर महामहिम राष्ट्रपति जी द्वारा सम्मानित होण पर हार्दिक बधै अर शुभकामना देन्दौ :- केपी सकलानी अध्यक्ष वरिष्ठ नागरिक कल्याण संस्था "उत्तराखंड "
जय जगत जननी भगवती धारी देवी मां बहुत बहुत धन्यवाद आप लोगों ने हमारी संस्कृति और संस्कारों को जीवी त रखा कई गांवों में तो ये संस्कृति लुप्त हो चुकी है कई गांवों में तो पंजाबी ढोल बाजे जातें हैं ढोल और दामाऊ हमारे उत्तराखंड देवभूमि की बहुत पुरानी परम्परा है धन्य है आप लोग जिन लोगों ने हमारे संस्कृति में अभी जीवीत रखा है
उत्तम दास जी एवं हरीश भट्ट जी आप को बहुत बहुत साधुवाद आप इस महान गढ़ भूमि की महान संस्कृति को जोकि विलुप्त सी होती दिखाई दे रही है,को जीवित रखने तथा आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। ये मेरा उत्तराखंड आप दोनों का ऋणी रहेगा
Acha ye sir hai hum to pdte hai inke bare main uttrakhand main exam ke liye bhut sundar sir .........big salute hmre dhol Vadan ke data bahut sundar sir 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏👌☺️
सनातन धर्म की जय हो, देव भूमि की संस्कृति सर्वोपरि, रास्ट्र सर्वोपरी मेव जयते, रास्ट्र की भाषा संस्कृति सर्वोपरि, देव और देवियों को पारलौकिक परम् सत्य की धुन बजाकर जागृत कर सत्य- संमार्ग की ओर बढ़ो और सत्य के सैलाबी कणो इक्कट्ठा करते चले जाओ, एक दिन फिर विज़न की शक्ति से-- साक्षात महादेव के दर्शन भी, सीधे ही हो सकते हैं, लेकिन अपनी बोली भाषा और संस्कृति को ही पकड़ कर, - उत्तम दास व हरीश भट्ट जी को प्रणाम ::दीर्घायु भव:::::::: जय श्री कृष्णा***, साक्षात***** रॉयल~ ब्रिटिश- गढ़वाल मंडल पौड़ी~ ( गढ़वाल ) :::::💐💐💐💐💐💐💐💐
उत्तम जी ओर हरीश भाई जी को मेरा सादर प्रणाम आप का पूरा वीडियो देख कर मेरा दिल बहुत खुश हुआ मुजे अपने बचपन के दिन याद आगए आप एक उत्तराखंड के महान कलाकार हो अपनी संस्कृति को आपने हमे अच्छी तरह समजाया मुजे बहुत ख़ुशी मिली
उत्तमदास जी तथा हरीश जी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। हरीश जी निश्चित रूप से आपके शरीर में माँ सरस्वती का वास है। मशकबीन में आप कुशलबाजगी हो। वादन विद्या के प्रतिआपकी रुचि को नमन।
ढोल दमऊ की आवाज़ सुन के मन को बहुत शांति मिलती है ।जब भी मैं कभी तनाव महसूस करता हूँ तो अपने उतराखण्ड की संस्कृति ढोल ,दमऊ को सुनता हूँ । जो भी लोग या कलाकार हमारी इस संस्कृति बचाने में लगे हैं उनका तह दिल बहुत बहुत धन्यवाद ।
उत्तम दास व हरीश भट्ट को हमारी बहुत बहुत शुभकामनाएं आपने उत्तराखण्ड की पारम्परिक संस्कृति को जीवित रखने हेतु सब कष्ट /तकलीफ भूलकर इसे अगली पीढ़ी तक पहुचाने का प्रयास किया है, बहुत बहुत धन्यवाद🙏💕
उत्तम दास जी चंम्बा टेहरी से हैं तो 1985 साल में दिल्ली में दूर दर्शन के कैमरे में उत्तराखंड दर्शन संस्कृति संस्था के आधार पर देश के मुख्य टी वी प्रोग्राम में प्रस्तुति के लिए आये हैं में संस्था में कलाकारों को पूरे उत्तराखंड से ढूँढ कर 189 लोगों को जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम के पास ओपन प्रोग्राम का संचालन किया है
बहुत खुशी की बात है कि प्रोत्साहित करने के लिए सरकार की निगाहें दूरदराज क्षेत्रों में छिपी लोकवादन ढोल- दमाऊ ताल पर पडी़ और उन्हें सम्मानित किया। अति सुन्दर परम्परागत संस्कृति दर्शन 👌👍💯👏👏👏🙏🌻🙏
बहुत सुन्दर शानदार उत्तम दास जी को राष्ट्रपति पुरुष्कार से समानित होने पर ढेरों मंगल शुभकामनाएं।🌹🌹🌹🌹🌹 उम्मीद है कि हमारे मुख्य पारंपरिक वाद्य यंत्र ढोल दमाऊ को आपके सरंक्षण में नई बुलंदी हासिल होगी । और जो नए ढोल दमाऊं बाजगीगर हैं उन सबके लिए आप प्रेरणा स्रोत होंगे। पुनः मंगल शुभकामनाओं के साथ आपका आभार।🌹🌹🌹🌹👍🙏👍🌹💖💖💓💓
आप लोगो को धन्यवाद और माँ भगवती की तरफ से साधुवाद.. आप लोगो पर भगवान की ऐसे ही कृपा बने रहे.. और जिस संस्कृति को आप संभाले हुए है. वो दुनिया की महानतम संस्कृति मे है. 🙏🙏🙏🙏🙏आप लोग सदा अमर रहे
आप दोनों को बहुत बहुत धन्यावाद जो आप इस कला को आगे ले जाने की कोशिस kr रहे हैं आज कल तो जानकर गुरु लोगों को कुछ बताते नहीं है मेरे मगर आप लोग दोनों ही महान है
कलाकारों तैं हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🏽 उत्तराखंड कु सनातनी भविष्य एकता की ओर अग्रसर छ:। आज का नवयुवक की सोच अर पुराणा समय का मनखी की सोच मां अति अंतर छ:। उत्तम मामा जी तैं सादर चरणस्पर्श तथा हरीश जी तैं अति स्नेह।
❤उत्तम जी आप ते मेरु कोटि कोटि प्रणाम जू आप कु उत्तराखंड संस्कृति से उजागर करना कु जू विचार छा बहुत बाडिया छा गुरु वही छा जू दूसरा से ज्ञान दी सकू भट्ट जी ते मेरु परिणाम जू अपडू उत्तराखंड से जागरूक करना ते एक टीम बना रहे ❤ धन्या वाद जी
❤😊सादर शाज बाज शब्द ताल , गुरु श्री उत्तम दास जि , जतो नामी ततो गुणी जी , आप का ॠणी है उत्तराखण्ड जी , आपके मात पित् के चरण कमलों 😂❤को नमन् , भट्ट जी आभार आपका कि संस्कृति को जिन्दा रखने के लिये आप "*वीणा वादिनी , के असल पुत्र की शरण मे हैं आप "दोनो के , चरणो को ❤😂नमन् ।
गुरु शिष्य द्वारा ढ़ोल सागर की सभी विधाओं की सुंदर प्रस्तुति। उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के लिए गुरुजी और जिज्ञासु शिष्य श्री भट्ट जी का हार्दिक स्वागत अभिनन्दन वंदन 🌺🙏🌺👏👏👏
उतमदास जी हमारा उत्तराखंड की परंम परा च कि बाजगिरी हमारा अग्रगण्य रदन, आपका माता पिता का वास्ता धन्यवाद जौंन आप कु नाम भी वनि रखी उत्तम दास ।आपका वास्ता बहुत बहुत धन्यवाद आपन हमारी संक्रांति जिंदा रखी ।
बहुत बहुत धन्यवाद अपनी ढोल दमाऊ मसकबीन बजाया सुनकर मन गदगद हो गया जैसे ही ये पहाड़ी धुन बजती है मन खुश हो जाता है अपनी संस्कृति को जिन्दा रखने केलिए बहुत बहुत धन्यवाद जय उत्तराखंड
उत्तम दास जी अच्छे ढ़ोल -दामाऊ वादक के साथ ही अच्छे गुरु भी सिद्ध हैं. हरीश भट्ट जी ने ढ़ोल -दामाऊ व मस्क बाजा बजाने में अपनी निपुणता से स्वयं को अच्छा शिष्य सिद्ध किया है. पहाड़ की इस संस्कृति कोबचाने व अग्रसर करने के लिए बहुत -बहुत साधुवाद