For your information, let me tell you that this song is not written by Irshad Kamil sir. This is written by Rakesh Kumaar Sir. And Irshad Sir's song which was in the movie Kabir Singh was named Bekhayali.
Mere hisse ke khuda gam tau mujhe milte hn par meri hisse ki khusi khuda kise de deta h....where is this poetry..I want to buy that book..can anyone guide me??
यूँ ही लल्लनटॉप के वीडियो देख रहा था, इसी सिलसिले में इस वीडियो तक पहुंचा, अभी शुरुआत ही कि थी कि मन थोड़ा सा खट्टा हो गया और जी चाहा की यह कहूँ की अगर आप किसी चीज की बारीकी जाने बिना अगर वो काम कर रहे और अच्छा कर रहे हैं तो यह अच्छी बात है, मगर फिर उस विधा की तकनीकी बात नही करनी चाहिए, वरना जो जानकार नही है वो तो वह वाह करेंगे मगर अच्छा काम होने के बावजूद भी आप उस विधा के उस्तादों के नज़र में गिर जाएंगे। "मक़्ता" ग़ज़ल का वो शेर होता है जिसमे शायर का नाम अथवा उसका तखल्लुस आता है। आप को मक़्ता का अर्थ नही पता है तो खामखा ऐसे शब्दों से बचना चाहिए और 'एक रचना पेश कर रहा हूँ" कह कर काम निकालना चाहिए।