जय जय श्री राधे , श्री पटेल साहब जी के द्वारा बनाई गई गई रेसिपी बहुत ही अच्छी लगी । पहले जब बारातों में नास्ता मिलता था तो कागज़ के लिफाफे में 2 लड्डू के साथ कुछ मटरी भी होती थी और कुल्हड़ में चाय के साथ बड़ा आनंद आता था। आजकल तो खान पान का स्वरूप एवं स्वाद दोनों ही बदल चुके हैं । होली का त्यौहार नजदीक है हम सभी इस त्यौहार को बडी धूम धाम से गुलाल और पकवानों के साथ मनाया जाता है । इस बार चाट पापडी और मठरी की रेसिपी ख़ास रहेगी । राइडर पटेल की पूरी टीम एवं समस्त सब्सक्राइबरों से नम्र निवेदन है कि आप सभी होली का त्यौहार इस बार हमारे साथ मनाएंगे इसी आशा के साथ आपसभी का इन्तजार रहेगा । जय भारत माता की जय सनातन धर्म की ।
वाह वाह भाई सहाब पटेल जी मठरी का तरीका बहुत बहुत अच्छा लगा। लंबी मठरी को तेल में चलने का भी विडियो में देखा। अन्यथा लम्बाई के चक्कर में अपना ही हाथ तल रहा होता? आभार के साथ बहुत बहुत शुक्रिया...