आजकल की लड़कियाँ मैं देख रहा हूँ महीने भर लगातार कथा कह रही है,जब ये मासिक से या रजोधर्म से होती है तब भी इस व्यासमंच पर बैठ रही है यार ये बात तो बहुत गलत है,व्यासमंच का भी अपमान है
मासिक धर्म के समय व्यास मंच पर नहीं बैठना चाहिए अगर ऐसी गलती कोई करता है तो उसका अंत बहुत बुरा होता है इसका पाप कथा व्यास को लगता है न कि कथा कराने वाले को