प्रणाम,
एक समय में गरम रोटी के बिना खाना नहीं खाते थे,
आज घर - घर गोचरी जाने के बाद जो मिलेगा उससे पेट भरेंगे।
कैसे आया इतना बड़ा परिवर्तन, जानने के लिए देखिए...
वार्तालाप with दीक्षार्थी मंथन भाई
(Part - 3)
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The Jain Foundation
31 май 2022